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मुख्य समाचार

अधीर रंजन चौधरी की मांग- पार्थ चटर्जी को तुरंत बाहर करो, ममता को लिखा पत्र

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नई दिल्ली। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पार्थ चटर्जी को टीएमसी से तुरंत बाहर निकालने व पार्टी से उनकी सदस्यता समाप्त करने की मांग की है। इसे लेकर उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा है।

अधीर रंजन ने पत्र में लिखा कि 2014-2021 के दौरान शिक्षा मंत्री रहे पार्थ चटर्जी पर शिक्षक भर्ती में अनियमतिता के आरोप हैं। ऐसे में उन्हें मंत्रालय से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए।

अधीर रंजन चौधरी ने पत्र में यह भी लिखा कि बंगाल में हर कोई इस घोटाले के बारे में जानता था। उन्होंने कहा कि जब कोर्ट ने इस मामले में दखल दिया तो जांच एजेंसियों ने कार्रवाई शुरू की। अब सच सामने आ गया है। पश्चिम बंगाल की सरकार पर यह एक बड़ा धब्बा जैसा है।

भ्रष्टाचार या गलत काम का समर्थन नहीं करती: ममता

वहीं, ममता बनर्जी ने कहा है कि वह भ्रष्टाचार या फिर किसी भी गलत काम का समर्थन नहीं करती हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर कोई भी दोषी पाया जाता है तो उसे सजा मिलनी चाहिए। लेकिन मेरे खिलाफ जो दुष्प्रचार हो रहा है उसकी मैं निंदा करती हूं। निश्चित समय सीमा में सच सामने आना चाहिए।’

पार्थ चटर्जी के खिलाफ क्या है मामला?

राज्य प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षक भर्ती घोटाले के वक्त चटर्जी के पास शिक्षा विभाग का प्रभार था। बाद में उनसे यह विभाग ले लिया गया। कोर्ट ने सीबीआई से अनियमितताओं की जांच करने को कहा था। ईडी, घोटाले में धन शोधन पहलू की जांच कर रही है। केंद्रीय एजेंसी स्कूल भर्ती घोटाले में कथित वित्तीय लेनदेन की जांच कर रही है।

मालूम हो कि पार्थ चटर्जी AIIMS भुवनेश्वर से डिस्चार्ज होकर कोलकाता वापस आ गए हैं। स्कूल भर्ती घोटाला केस में वह 3 अगस्त तक ईडी की हिरासत में हैं।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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