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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार के मंत्रियों को बटे विभाग, मंत्रालय का काम-काज संभालेंगे मंत्री

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योगी सरकार में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। सीएम योगी ने गृह, सूचना समेत 34 विभागों को अपने पास रखा है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को PWD की जगह इस बार ग्राम्य विकास विभाग दिया गया है। दूसरे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को स्वास्थ्य विभाग मिला है। जितिन प्रसाद को इस बार केशव वाला लोक निर्माण विभाग दिया गया है।

स्वतंत्र देव सिंह को जल शक्ति विभाग दिया गया है। बेबी रानी मौर्या को महिला कल्याण, बाल विकास, पुष्टाहार विभाग दिया गया है। पूर्व आईएएस एके शर्मा को नगर विकास विभाग दिया गया है। सुरेश खन्ना को वित्त के साथ संसदीय कार्य का जिम्मा मिला है।

गठबंधन के साथी निषाद पार्टी के संजय निषाद को मत्य विभाग दिया गया है। अपना दल एस के आशीष पटेल को प्राविधिक शिक्षा का जिम्मा सौंपा गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ: (34 विभाग)

नियुक्ति, कार्मिक, गृह, सतर्कता, आवास एवं शहरी नियोजन, राजस्व, खाद्य एवं रसद, नागरिक आपूर्ति, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, भूतत्व एवं खनिकर्म, अर्थ एवं संख्या, राज्य कर एवं निबंधन, सामान्य प्रशासन, सचिवालय प्रशासन, गोपन, सूचना, निर्वाचन, संस्थागत वित्त, नियोजन, राज्य संपत्ति, उ.प्र. पुनर्गठन समन्वय, प्रशासनिक सुधार, कार्यक्रम कार्यन्यन, अवस्थापना, भाषा, अभाव सहायता एवं पुनर्वास, लोक सेवा प्रबंध, प्रोटोकाल, सैनिक कल्याण, प्रांतीय रक्षक दल, नागरिक उड्डयन, न्याय तथा विधाई विभाग।

उप मुख्यमंत्री

1- केशव प्रसाद मौर्य : ग्राम्य विकास एवं समग्र ग्राम विकास, ग्रामीण अभियंत्रण, खाद्य प्रसंस्करण, मनोरंजन कर, सा‌र्वजनिक उद्यम तथा राष्ट्रीय एकीकरण।
2- ब्रजेश पाठक : चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण तथा मातृ एवं शिशु कल्याण।

अन्य कैबिनेट मंत्री

1-सुरेश कुमार खन्ना: वित्त एवं संसदीय कार्य।
2-सूर्य प्रताप शाही: कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान।
3-स्वतंत्र देव सिंह: जल शक्ति, नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति, सिंचाई एवं जल संसाधन, सिंचाई (यांत्रिक), लघु सिंचाई, परती भूमि विकास तथा बाढ़ नियंत्रण।
4-बेबी रानी मौर्य: महिला कल्याण तथा बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग।
5-लक्ष्मी नारायण चौधरी: गन्ना विकास तथा चीनी मिलें।
6-जयवीर सिंह: पर्यटन तथा संस्कृति।
7-धर्मपाल सिंह: पशुधन, दुग्ध विकास, राजनैतिक पेंशन, अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज तथा नागरिक सुरक्षा विभाग।
8- नंद गोपाल गुप्ता नंदी, औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई व निवेश प्रोत्साहन
9- भूपेंद्र सिंह चौधरी, पंचायती राज
10- अनिल राजभर, श्रम, सेवायोजन व समन्वय
11- जितिन प्रसाद, लोक निर्माण
12- राकेश सचान, सूक्ष लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा व वस्त्रोद्योग
13- अरविंद कुमार शर्मा, नगर विकास, शहरी समग्र विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीब उन्मूलन, ऊर्जा व अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत
14- योगेंद्र उपाध्याय, उच्च शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी
15- आशीष पटेल, प्राविधिक शिक्षा, उपभोक्ता संरक्षण एवं बांट माप
16- संजय निषाद, मत्सय

राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार

1- नितिन अग्रवाल, आबकारी, मद्य निषेध
2- कपिल देव अग्रवाल, व्यवसायिक शिक्षा व कौशल विकास
3- रवींद्र जायसवाल, स्टांप व न्यायालय शुल्क, पंजीयन
4. संदीप सिंह बेसिक शिक्षा
5. गुलाब देवी माध्यमिक शिक्षा
6. गिरीश चंद्र यादव खेल, युवा कल्याण
7. धर्मवीर प्रजापति कारागार, होमगार्ड्स
8. असीम अरुण समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण
9. जेपीएस राठौर सहकारिता
10. दयाशंकर सिंह परिवहन
11. नरेन्द्र कश्यप पिछड़ा वर्ग कल्याण, दिव्यांगजन सशक्तीकरण
12. दिनेश प्रताप सिंह उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार, कृषि निर्यात
13. अरुण कुमार सक्सेना वन, पर्यावरण, जंतु उद्यान, जलवायु परिवर्तन
14. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ आयुष, मुख्यमंत्री से संबद्ध

राज्यमंत्री

1-मयंकेश्वर सिंह संसदीय कार्य मंत्री से संबद्ध, चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण तथा मातृ वं शिशु कल्याण मंत्री से संबद्ध
2-दिनेश खटीक जलशक्ति मंत्री से संबद्ध
3-संजीव गौड़ समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण। राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) से संबद्ध
4-बलदेव सिंह औलख कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान मंत्री से संबद्ध
5-अजीत पाल विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रानिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी से सम्बद्ध
6-जसवंत सैनी संसदीय कार्य मंत्री से सम्बद्ध, औद्योगिक विकास, मंत्री से सम्बद्ध
7-रामकेश निषाद जलशक्ति मंत्री से सम्बद्ध
8-मनोहर लाल मन्नू कोरी श्रम एवं सेवायोजन मंत्री से सम्बद्ध
9-संजय गंगवार गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री से सम्बद्ध
10-बृजेश सिंह लोक निर्माण मंत्री से सम्बद्ध
11-के.पी.मलिक वन एवं पर्यावरण,जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री
(स्वतंत्र प्रभार)से सम्बद्ध
12-सुरेश राही कारागार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) से सम्बद्ध
13-सोमेन्द्र तोमर ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री से सम्बद्ध
14-अनूप प्रधान वाल्मीकि राजस्व, मुख्यमंत्री से सम्बद्ध
15- प्रतिभा शुक्ला महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री से सम्बद्ध
16-राकेश राठौर गुरू नगर विकास, शहरी समग्र विकास, नगरीय रोजगार व गरीबी उन्मूलन विभाग से सम्बद्ध
17-रजनी तिवारी उच्च शिक्षा मंत्री से सम्बद्ध
18-सतीश शर्मा खाद्य-रसद व नागरिक आपूर्ति, मुख्यमंत्री से सम्बद्ध
19-दानिश आजाद अंसारी अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ व हज मंत्री से सम्बद्ध
20- विजय लक्ष्मी गौतम ग्राम्य विकास एवं समग्र ग्राम विकास तथा ग्रामीण अभियंत्रण मंत्री से सम्बद्ध

 

उत्तर प्रदेश

संकट में होती है व्यक्ति और संस्थान की पहचान, कोई बिखर तो कोई निखर जाता है: सीएम योगी

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लखनऊ |  संकट में हर व्यक्ति और संस्थान की पहचान होती है। जब अचानक कोई चुनौती आती है तो लोग बड़े-बड़े दावे करके मैदान छोड़ भाग जाते हैं। यह वह समय होता है, जब कोई बिखर जाता है और जो चुनौतियों का सामना करता है वो निखर जाता है। हमें बिखरना नहीं है। केजीएमयू के गौरव को बढ़ाना है। ध्यान रहे कि कोई भी मरीज निराश न जाए। सीएम ने कहा कि संस्थान नई-नई सेवाओं के साथ आगे बढ़ रहा है। वर्ष 1905 में जब मेडिकल कॉलेज खुलने की बात आई होगी तो उस समय रियासतों ने सहयोग किया होगा। 10 लाख 75 हजार 800 रुपये से मेडिकल कॉलेज शुरू हो गया। वहीं संस्थान आज अपनी शानदार यात्रा के साथ देश के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान के रूप में अग्रणी चिकित्सा संस्थान के रूप में लगातार आगे बढ़ रहा है। आज केजीएमयू का दायरा लगभग 100 एकड़ के क्षेत्रफल में होने जा रहा है। यह शानदार सफर ऐसे ही आगे बढ़ता रहेगा।

यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं। उन्होंने शनिवार को केजीएमयू के 120वें स्थापना दिवस समारोह में 67 मेधावी छात्रों को मेडल और सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया।

संस्थान को अगले 100 वर्ष का गोल सेट करके आगे बढ़ना होगा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शासन ने संस्थान को सब कुछ दिया है। हमारे पास पैसों की कमी नहीं है। हमें सेवाओं को बेहतर बनाने के बारे में सोचना चाहिये। संस्थान को अगले 100 वर्ष का गोल सेट करके आगे बढ़ना होगा, ताकि संस्थान के गौरव को और आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान केजीएमयू में मिसाल पेश की है। सीएम ने कहा कि एक मेडिकल कॉलेज के कुछ डॉक्टरों ने खुद को क्वारंटीन कर लिया था, लेकिन जांच में वह निगेटिव मिले। इस पर उन्हें निलंबित कर दिया गया जबकि केजीएमयू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरुप पूरी तत्परता से काम किया। परिणाम हम सभी के सामने हैं। उन्होंने कहा कि यहां मेडिकल की सबसे अधिक सीटें हैं, जहां पर छात्र पढ़ाई करके आने वाले समय में चिकित्सा संस्थान की उपलब्धियों को और भी आगे लेकर जाएंगे। सरकार ने भी संस्थान को आगे बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक मशीनों और लैब के लिए 300 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। इसके अलावा 377 करोड़ रुपये से सर्जरी डिपार्टमेंट की एक नई बिल्डिंग के लिए स्वीकृत की है। वहीं फायर सिक्योरिटी के लिए लगभग 46 करोड़, लारी कॉर्डियोलॉजी के विस्तार के लिए 70 करोड़ रुपये दिये हैं।

बीमारी चली जाती है, लेकिन व्यवहार याद रहता है, इसका ध्यान रखें डॉक्टर्स और स्टाफ

सीएम योगी ने संस्थान के चिकित्सकाें को मरीजों की स्क्रीनिंग, वर्चुअल आईसीयू, टेलीमेडिसिन की सुविधा शुरू करने पर विचार करने की अपील की। उन्होंने कहा कि उपचार के लिए पैसों की कोई कमी नहीं है, इलाज में पैसा समस्या नहीं है। दिनचर्या से आज मरीजों की भीड़ बढ़ रही है। दूसरी बीमारी स्मार्ट फोन बन गई है। इसके लिए मानसिक रोग विभाग का विस्तार किया जाना चाहिये। साथ ही इसे रोकने के लिए जागरुकता फैलानी होगी। सीएम ने कार्डियक सर्जरी, किडनी- आर्गन ट्रांसप्लांट के साथ डोनेशन पर तेजी के साथ विस्तार करने की अपील की। बोले-इसके बारे में लोगों के मन में एक चेतन को जागृत करने की आवश्यकता है। उन्हे बताने की आवश्यकता है कि कोई व्यक्ति अगर ब्रेन डेड हो गया है और उसके अंग अगर किसी दूसरे व्यक्ति की जान को बचा सकते हैं तो डोनेट करने में क्या बुराई है। इसे लेकर केजीएमयू को अवेयरनेस कैंप, विभिन्न कार्यक्रम, होर्डिंग और पंफलेट आदि के जरिये जागरुकता की ओर ध्यान देना चाहिये। सीएम ने कहा कि सेंटर फॉर एक्सीलेंस विभाग का पैसा खर्च नहीं हो पाता है। इस ओर ध्यान देना होगा। सीएम ने कहा कि डॉक्टरों के लिए सबसे बड़ी पूंजी उनकी संवेदना होती है। सबके निरोग होने की कल्पना के साथ डॉक्टर का व्यवहार ठीक होगा तो बाकी स्टाफ का काम और व्यवहार भी ठीक होगा। बीमारी चली जाती है, लेकिन व्यवहार याद रहता है। ऐसे में सेवा और शिक्षा दोनों फील्ड में यह मानक तय करने होंगे।

कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने सीएम योगी को स्मृति चिह्न भेंट किया। इस अवसर पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, निदेशक आईआईटी कानपुर प्राेफेसर मणिंद्र अग्रवाल, केजीएमयू की प्रतिकुलपति प्रो. अपजित कौर, डीन प्रो. अमिता जैन आदि की उपस्थिति रही।

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