नेशनल
हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले डेरा सच्चा प्रमुख राम रहीम को मिली पैरोल
नई दिल्ली। डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर हरियाणा विधान सभा चुनाव से पहले पैरोल मिल गई है। राम रहीम को कोर्ट ने 20 दिन की पैरोल दी है। बता दें कि राम रहीम अपनी ही दो शिष्याओं से रेप का दोषी है। उसे कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई है।
क्या हैं शर्तें
राम रहीम पैरोल की अवधि के दौरान हरियाणा से बाहर रहेगा। वह हरियाणा नहीं जा सकेगा, बागपत डेरे में रहेगा। वह किसी भी प्रकार की राजनीतिक गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकेगा। न ही सोशल मीडिया के माध्यम से कोई राजनीतिक संदेश दे सकेगा। अगर किसी भी शर्त का उल्लंघन हुआ तो पैरोल रद्द हो जाएगी।
चुनाव आयोग की भी मिली मंजूरी
चुनाव आयोग ने शर्तों के साथ राम रहीम की पैरोल मंजूर की है। कल सुबह-सुबह राम रहीम यूपी के बागपत आश्रम जाएगा। राम रहीम ने पचास दिन की पैरोल पहले ही ले ली थी। शेष बीस दिन की पैरोल लेने को लेकर राम रहीम ने अर्जी दी थी। ये 11वीं बार है जब राम रहीम जेल से बाहर आएगा
उत्तर प्रदेश
वाराणसी में साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद, सभी मंदिरों से हटाई जाएंगी मूर्तियां
वाराणसी। वाराणसी में इस समय साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद छिड़ गया है। ब्राह्मण सभा नाम का संगठन मंदिरों से साईं बाबा की प्रतिमा हटाए जाने के लिए मंदिरों से अपील का रहा है। जानकारी के अनुसार अब तक 14 मंदिरों से सांई बाबा की मूर्ती हटा ली गई है।
बता दें कि, ब्राह्मण सभा नाम के संगठन का कहना है कि, साईं बाबा की प्रतिमा की पूजा प्रेत पूजा है। इसलिए इसे मंदिर से हटाया जाना चाहिए। वहीं कुछ लोग ब्राह्मण सभा का विरोध भी कर रहे हैं।
दल के सदस्य अजय शर्मा के अनुसार काशी में सिर्फ काशीपुराधि बाबा विश्वनाथ ही पूजनीय हैं। शहर के कई शिव और गणेश जी के मंदिरों में अज्ञानतावश लोगों ने साईंबाबा की प्रतिमा स्थापित कर दी। इससे शिवभक्तों में नाराजगी है। दल ने नगर के ऐसे मंदिरों के महंतों से अपील किया है कि साईं की मूर्ति को ससम्मान मंदिर परिसर से हटवा दें। जल्द ही अगस्त्यकुंडा और भूतेश्वर मंदिर से साईं प्रतिमा हटेगी।
स्मृतिशेष द्वारका एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अपने जीवन काल में महादेव और हिन्दू धर्म के मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि हिन्दू मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करना देवी-देवताओं का अपमान करने जैसा है। साईं फकीर और अमंगलकारी थे और उनकी पूजा से आपदाएं आती हैं। साईं बाबा हिंदू नहीं थे और उनकी पूजा को बढ़ावा देना हिन्दू धर्म को बांटने की साजिश है। श्री अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी ने भी कहा कि शास्त्रों में कहीं भी साईं की पूजा का वर्णन नहीं है, इसलिए अब मंदिर में स्थापित मूर्ति हटाई जा रही है।
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