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प्रादेशिक

पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने कोर्ट में किया सरेंडर, अजित सिंह हत्याकांड में आया था नाम

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लखनऊ। अजित सिंह हत्याकांड मामले में घिरे पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने शुक्रवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया। प्रयागराज की एमपी एमएलए कोर्ट में धनंजय सिंह ने आत्म समर्पण किया।

इससे पहले लखनऊ कोर्ट से धनंजय के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। वहीं, इस मामले में पुलिस ने धर पकड़ तेज कर दी थी। गौरतलब है कि यूपी की राजधानी लखनऊ में अजीत सिंह हत्याकांड में फरार जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर कमिश्नरेट पुलिस ने 25 हजार का ईनाम घोषित किया था।

डीसीपी पूर्वी संजीव सुमन ने बताया था कि अजीत सिंह की हत्या के मामले में पूर्व सांसद साजिश करने के आरोपी हैं।  इस मामले धनंजय सिंह का नाम आने के बाद पुलिस ने उनकी तलाश तेज कर दी थी।

बुधवार रात को पुलिस ने लखनऊ में उनके चार ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन पूर्व सांसद नहीं मिले। पुलिस ने इन ठिकानों से तीन लोगों को हिरासत में ले लिया था। पूछताछ के बाद इन्हें छोड़ दिया गया था।

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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