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आध्यात्म

देश में धनतेरस का त्योहार आज, जानिए शुभ मुहरत और पूजा की विधि

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आज देश भर में धनतेरस का पर्व धूम-धाम से मनाया जा रहा है। ये त्यौहार दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर, धन्वंतरि जी और मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है। बता दें कि आज के दिन सोने-चांदी खरीदने की परंपरा होती है। मान्यता है इस दिन विधि विधान से पूजा अर्चना करने से घर परिवार में सदैव सुख-समृद्धि का वास बना रहता है।

सोना-चांदी खरीदने की परंपरा

धनतेरस का त्योहार कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस तिथि की शुरुआत 2 नवंबर को 11.31 AM से होगी और समाप्ति 3 नवंबर को 09:02 AM पर। प्रदोष काल शाम 05:35 से रात 08:11 बजे तक रहेगा। धनतेरस पूजा का मुहूर्त शाम 06:17 PM से रात 08:11 PM तक रहेगा। यम दीपम का समय शाम 05:35 PM से 06:53 PM तक रहेगा।

बर्तन खरीदने से आती है समृद्धि

धनतेरस के दिन पीतल, चांदी, स्टील के बर्तन खरीदने की परंपरा है। मान्यता है इस दिन बर्तन खरीदने से धन समृद्धि आती है। इस दिन शाम के समय घर के मुख्य द्वार और आंगन में दीपक जलाये जाते हैं। क्योंकि इस दिन से दीपावली के त्योहार की शुरुआत हो जाती है।
धनतेरस पर शाम के समय एक दीपक यम देवता के नाम पर भी जलाया जाता है। मान्यता है ऐसा करने से यमदेव प्रसन्न होते हैं और परिवार के सदस्यों की अकाल मृत्यु से सुरक्षा करते हैं।

आध्यात्म

महाकुंभ 2025 : 7 करोड़ से ज्यादा लोगों ने संगम त्रिवेणी में लगाई आस्था की डुबकी

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प्रयागराज। कड़ाके की ठंड के बाद भी श्रद्धालुओं का जोश कम नहीं हो रहा है. मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती के पवित्र संगम में श्रद्धा से ओत-प्रोत साधु-संतो, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों और गृहस्थों का स्नान नए रिकॉर्ड स्थापित कर रहा है. 11 जनवरी से 16 जनवरी के बीच महज 6 दिनों के अंदर अब तक 7 करोड़ से ज्यादा लोगों ने संगम त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगा ली है. गुरुवार को ही 30 लाख से ज्यादा लोगों ने संगम में पवित्र स्नान कर पुण्य फल की प्राप्ति की. योगी सरकार का अनुमान है कि इस बार महाकुंभ में 45 करोड़ लोगों से ज्यादा लोग आने वाले हैं. महाकुंभ की शुरुआत में ही 7 करोड़ स्नानार्थियों की संख्या इसी ओर इशारा कर रही है.

महाकुंभ में देखने को मिल रही विविध संस्कृतियों की झलक

प्रयागराज में कड़ाके की ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं / स्नानार्थियों के जोश और उत्साह में कोई कमी नहीं दिख रही है. पूरे देश और दुनिया से पवित्र त्रिवेणी में श्रद्धा और आस्था के साथ डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त करने के लिए श्रद्धालु प्रतिदिन लाखों की संख्या में प्रयागराज पहुंच रहे हैं. गुरुवार को ही शाम 6 बजे तक प्राप्त जानकारी के अनुसार 30 लाख से ज्यादा लोगों ने त्रिवेणी संगम में स्नान कर लिया. इसमें 10 लाख कल्पवासियों के साथ-साथ देश विदेश से आए श्रद्धालु एवं साधु-संत शामिल रहे. पूरे महाकुंभ मेला क्षेत्र में भक्तों का तांता लगा रहा. देश के विभिन्न प्रान्तो से आए स्नानार्थियों, श्रद्धालुओं और विश्व के अनेक देशों से आए श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में स्नान किया. पूरे देश की विविध संस्कृतियों की झलक महाकुम्भनगर में देखने को मिल रही है.

11 जनवरी से 16 जनवरी तक बना स्नानार्थियों का रिकॉर्ड

यदि अब तक के कुल स्नानार्थियों की संख्या का विश्लेषण करें तो 11 जनवरी से लेकर 16 जनवरी तक अब तक 7 करोड़ से ज्यादा लोग संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं. महाकुंभ से पहले 11 जनवरी को लगभग 45 लाख लोगों ने स्नान किया तो वहीं 12 जनवरी को 65 लाख लोगों के स्नान करने का रिकॉर्ड दर्ज हुआ. इस तरह महाकुंभ से दो दिन पहले ही एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने स्नान का रिकॉर्ड दर्ज कर लिया. वहीं महाकुंभ के पहले दिन पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व पर 1.70 करोड़ लोगों ने स्नान कर रिकॉर्ड बनाया तो अगले दिन 14 जनवरी को मकर संक्रांति अमृत स्नान के अवसर पर 3.50 करोड़ लोगों ने संगम में श्रद्धा के साथ डुबकी लगाई. इस तरह, महाकुंभ के पहले दो दिनों में 5.20 करोड़ से ज्यादा लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई. इसके अलावा, 15 जनवरी को महाकुंभ के तीसरे दिन 40 लाख और 16 जनवरी को शाम 6 बजे तक 30 लाख लोगों ने संगम स्नान किया. इस तरह, स्नानार्थियों की संख्या ने 7 करोड़ की संख्या को पार कर लिया

 

 

 

 

 

 

 

 

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