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प्रादेशिक

धीरेंद्र शास्त्री के हिन्दू राष्ट्र के बयान पर गरमाई सियासत, जदयू नेता बोले- संसद में जाएं

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Dhirendra Shastri statement of Hindu Rashtra

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पटना। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के हिन्दू राष्ट्र पर दिए बयान को लेकर बिहार में सियासत गरमा गई है। दरअसल, भारत हिन्दू राष्ट्र कैसे होगा के सवाल पर बाबा बागेश्वर ने कहा कि जिस दिन भारत के दो तिहाई सनातनी हिन्दू जग जाएंगे और अपने मत का और अपना अधिकार समझने लगेंगे, उस दिन हिन्दू राष्ट हो जाएगा।

उन्होंने कहा न तो हम राजनेता हैं और न ही किसी का समर्थन करते हैं। हिन्दू राष्ट्र हम पेपर पर नहीं, हिन्दू राष्ट्र हम हृदय में चाहते हैं ताकि हमारी संस्कृति सुरक्षित रह जाए। दरअसल, रविवार रात 11:55 बजे बाबा फेसबुक पर लाइव आएं थे। वहां ज्योति प्रकाश नाम के यूजर ने बाबा से सवाल किया कि हिन्दू राष्ट्र कब बनेगा? इस सवाल के जवाब में बाबा ने यह बयान दिया। अब इस बयान का महागठबंधन के नेता विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि धर्म गुरुओं को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए।

JDU के मुख्य प्रवक्ता बोले-  धर्मगुरुओं का काम यह नहीं है

JDU के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि कर्नाटक में इनका प्रभाव क्यों नहीं फैला, उन्हें यह बताना चाहिए। ऐसा लग रहा है कि कर्नाटक में लोगों ने इनका आशीर्वाद ठीक से नहीं लिया। धर्मगुरुओं का काम यह नहीं है। उन्हें स्वामी विवेकानंद के बारे में पढ़ लेना चाहिए।

नीरज कुमार ने कहा स्वामी विवेकानंद देश के आइकोन माने जाते हैं। अच्छा रहेगा उनके लिए। ऐसे विषय पर देश के संविधान को अधिकार दिया गया। धर्म गुरुओं को ऐसे विषयों पर बोलने का अधिकार नहीं है। पहले संसद में जाएं फिर ऐसा बयान दें। दो-तिहाई लोंगो का पैमाना क्या होगा। सोशल मीडिया पर बोलने से नहीं होगा, इसके लिए संसद में जाना पड़ेगा।

हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए क्या संविधान बदल देंगे?

इधर, राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार महात्मा बुद्ध की जन्मस्थली और महात्मा गांधी की कर्मस्थली रही है। जनता खुद को भगवान का दूत बताने वाले लोगों को ऐसा एजेंडा नहीं चलाने नहीं देगी। भारत संविधान और कानून से चलने वाला राष्ट्र है। मैं उनसे पूछता हूं कि हिंदू राष्ट्र को बनाने के लिए क्या संविधान को ही बदल देंगे।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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