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अगर इस तरह के कप में पीते हैं चाय तो हो जाएं सावधान, हो सकता है कैंसर
नई दिल्ली। चाय के शौकीन देश हर कोने में आपको मिल जाएंगे। ये लोग भीषण गर्मी में भी चाय की चुस्की लेने के लिए सड़कों के किनारे लगे ठेलों पर पहुंच जाते हैं। लेकिन अगर आप इन ठोलों पर से थर्माकोल में चाय लेते हैं तो सावधान हो जाइए। थर्माकोल के कप में चाय पीने से आप गंभीर रूप से बीमार पड़ सकते हैं। इन कप में चाय पीने से आपको कैंसर होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
डॉक्टरों के मुताबिक थर्माकोल के कप पॉलीस्टीरीन से बने होते हैं, जो हमारी सेहत के लिए बेहद नुकसानदेह है। जब हम गर्म चाय को थर्माकोल के कप में पीते हैं, तो इसके कुछ तत्व गर्म चाय के साथ घुलकर पेट में चले जाते हैं जो पेट में काफी नुकसान पहुंचाते हैं।
कप में मौजूद स्टाइरीन से आपको थकान, फोकस में कमी, अनियमित हॉर्मोनल बदलाव के अलावा और भी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
अगर आप नियमित रूप से प्लास्टिक या थर्मोकोल के कप में चाय, कॉफी या गर्म चीजें पीते हैं और ऐसे में आपको एलर्जी हो जाए, तो इसकी वजह यह कप हो सकता है। बॉडी पर रैशेज होने लगेंगे और यह धीरे-धीरे बढ़ भी सकते हैं।
थर्मोकोल के इस्तेमाल से हुई ऐलर्जी का पहला संकेत गले में खराश या दर्द होना है। थर्मोकोल के कप या बर्तन में रिसाव ना हो इसके लिए इस पर वैक्स की परत चढ़ाई जाती है। जो खाने के साथ घुलकर हमारे पेट में चला जाता है। यही वैक्स आगे चलकर आंतों मे समस्या पैदा करता है।
उत्तर प्रदेश
दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण
संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।
संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।
ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।
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