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EC की PC आज, गुजरात हिमाचल में चुनाव का हो सकता है एलान

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नई दिल्ली। चुनाव आयोग (EC)  ने आज दोपहर 3 बजे चुनाव आयोग में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव का बिगुल आज बज सकता है। माना जा रहा है EC (election commission) दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है।

गुजरात में आमतौर पर दो चरणों चुनाव होते रहे हैं, जबकि हिमाचल में एक ही राउंड में मतदान होने की परंपरा रही है। उम्मीद है कि EC की ओर से यही शेड्यूल इस बार भी रह सकता है। 2017 के विधानसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश में 24 नवंबर को एक ही राउंड में मतदान हुआ था, जबकि गुजरात में 10 और 14 दिसंबर को वोटिंग हुई थी। 18 दिसंबर को नतीजे आए थे। कुछ ऐसा ही शेड्यूल इस बार भी हो सकता है।

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दोनों ही राज्यों में फिलहाल भाजपा की सरकार है और उसके लिए वापसी करने की चुनौती होगी। गुजरात में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी भी मजबूती से ताल ठोक रही है। कांग्रेस गुजरात में अब तक सुस्त ही नजर आई है, लेकिन उसका बड़ा वोट बैंक रहा है।

गुजरात में पहली बार होगा त्रिकोणीय मुकाबला

इस बार गुजरात में पहली बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। हिमाचल प्रदेश में भी आम आदमी पार्टी दांव आजमा रही है। हालांकि यहां कांग्रेस गुजरात के मुकाबले थोड़ा मजबूत स्थिति में है।

हिमाचल प्रदेश में हर 5 साल पर सरकार बदलने की परंपरा रही है, लेकिन भाजपा इस बार मजबूती के साथ मिशन रिपीट पर काम कर रही है। हिमाचल और गुजरात दोनों ही राज्यों में भाजपा के शीर्ष नेता बीते एक महीने से लगातार दौरे कर रहे हैं। खासतौर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने गृह राज्य गुजरात और हिमाचल के कई दौरे किए हैं और कई बड़ी योजनाओं का ऐलान किया है।

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शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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