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ED का दावा- सिसोदिया ने भी मिटाए सबूत, 170 फोन किया गया नष्ट

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नई दिल्ली। दिल्ली के शराब नीति घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ED का दावा है कि आबकारी मंत्री रहे सिसोदिया भी अन्य आरोपियों के साथ कथित तौर पर सबूत मिटाने वालों में शामिल हैं।

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एजेंसी ने कहा कि सिसोदिया और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक सहित कम से कम 36 आरोपियों ने घोटाले में करोड़ों रुपये की रिश्वत के सबूत छिपाने के लिए 170 फोन को नष्ट या इस्तेमाल किया। 36 आरोपियों ने कई बार फोन बदले और पॉलिसी स्कैम से संबंधित डिजिटल डेटा डिलीट करते रहे।

ईडी ने एक अदालत से कहा कि दिल्ली सरकार में शामिल कुछ मंत्रियों समेत आम आदमी पार्टी के नेता आबकारी नीति को सरकारी कोष की कीमत पर अवैध धन जुटाने का जरिया मानकर चल रहे थे।

170 में से 17 फोन मिले

ED ने कहा, ‘सबूतों को नष्ट करने का काम इस स्तर तक था कि ज्यादातर संदिग्ध, शराब कारोबारी, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, दिल्ली के आबकारी मंत्री ने धड़ाधड़ औसत मूल्य वाले फोन बदले। IMEI एनालिसिस से पता चला कि 170 फोन को इस्तेमाल या नष्ट किया गया। ईडी 170 में से 17 फोन बरामद कर चुकी है… हालांकि फोन के डेटा डिलीट कर दिए गए थे। इसके बावजूद कई डिवाइसेज की जांच से महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई हैं।’

सिसोदिया पर ईडी का दावा

एजेंसी ने पिछले एक साल में कई संदिग्धों द्वारा इस्तेमाल/नष्ट किए गए डिजिटल डिवाइसेज की डिटेल भी सामने रखी है। एजेंसी ने चार मोबाइल नंबर और 14 अलग-अलग IMEI नंबर के बारे में बताया है, जिसका इस्तेमाल कथित तौर पर सिसोदिया ने किया था।

14 अलग-अलग IMEI नंबरों का इस्तेमाल अक्टूबर 2021 और सितंबर 2022 के बीच किया गया था। लिस्ट में कैलाश गहलोत, राजिंदर चड्ढा, सन्नी मारवाह, कुलविंदर मारवाह, विजय नायर, समीर महेंद्रू, नितिन कपूर, विभूति शर्मा, विनोद चौहान और अमित अरोड़ा समेत 36 संदिग्धों के नाम हैं। ईडी ने आगे दावा किया कि अरोड़ा मिनिस्टर सिसोदिया के सहयोगी थे और उन्होंने 11 बार अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया, बदला या नष्ट किया।

जानबूझकर नीतियों में खामियां

प्रवर्तन निदेशालय ने कहा, ‘इस नीति को तैयार करते समय जानबूझकर खामियां की गईं, अवैध गतिविधियों के लिए एक तंत्र तैयार किया गया। गहराई से देखने पर यह बात नीति निर्माताओं के गलत इरादों को दर्शाती है।’

ED ने कहा, ‘दिखाने के लिए तो इस नीति का मकसद व्यापारियों की गुटबाजी रोकना और व्यापार के निष्पक्ष तरीकों को प्रोत्साहित करना था, लेकिन वास्तव में ‘आप’ के नेताओं की आपराधिक साजिश के कारण इसने पिछले दरवाजे से गुट बनाने को बढ़ावा दिया। ज्यादा थोक (12 प्रतिशत) और बड़ा खुदरा (185 प्रतिशत) लाभ संभव बनाया।’

जांच एजेंसी ने यह भी दावा किया कि दिल्ली सरकार को केवल AAP नेताओं के व्यक्तिगत खजाना भरने के कारण 12 प्रतिशत या 581 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ और नीति में कथित अनियमितताओं के कारण कुल मिलाकर 2,873 करोड़ रुपये (लाइसेंस शुल्क के नुकसान सहित) राजस्व का नुकसान हुआ।

एजेंसी ने शराब कारोबारी अमित अरोड़ा की मंगलवार रात गिरफ्तारी के बाद स्थानीय अदालत से हिरासत का अनुरोध करते हुए ये दावे किऐ। बाद में कोर्ट ने अरोड़ा को 7 दिसंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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