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EWS reservation: भाजपा ने कहा- पीएम मोदी की जीत, उदित राज ने की आलोचना

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नई दिल्ली। गरीब सवर्णों को शिक्षा व सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण (EWS reservation) के केंद्र सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट  की मुहर लग गई है। कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए भाजपा ने इसे पीएम नरेंद्र मोदी की जीत बताया है। उधर, कांग्रेस नेता व पूर्व नौकरशाह उदित राज ने इसकी आलोचना की है।

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भाजपा के महासचिव (संगठन) बी.एल. संतोष ने कहा कि शीर्ष न्यायालय ने अनारक्षित वर्गों के लिए ईडब्ल्यूएस आरक्षण की वैधता को बरकरार रखा है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गरीबों की भलाई की नीति पर मुहर और सामाजिक न्याय की दिशा में एक ओर कदम है। भाजपा महासचिव सी. टी. रवि ने कहा कि यह फैसला भारत के गरीबों को सामाजिक न्याय प्रदान करने के अपने मिशन में पीएम मोदी की एक और जीत है।

10 फीसदी आरक्षण का 103 वां संविधान संशोधन वैध

गौरतलब है कि आज सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने 3-2 के बहुमत से शिक्षा संस्थानों में दाखिलों और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण के प्रावधान को बरकरार रखा है। इससे संबंधित 103वें संविधान संशोधन विधेयक को शीर्ष कोर्ट ने दो के मुकाबले तीन मतों के बहुमत से वैध ठहराया। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन नहीं करता।

सुप्रीम कोर्ट की मानसिकता का विरोध

कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि वे ईडब्ल्यूएस आरक्षण का विरोध नहीं कर रहे है, बल्कि सुप्रीम कोर्ट की उच्च जाति समर्थक मानसिकता का विरोध कर रहे हैं। जब अजा-जजा को आरक्षण की बात आती है तो वह इंदिरा साहनी मामले की दुहाई देकर अजा-जजा-ओबीसी को 50 फीसदी आरक्षण की सीमा का हवाला दिया जाता है। आज संविधान का हवाला देकर कहा जा रहा है कि नहीं, आरक्षण की कोई सीमा नहीं है।

सामाजिक न्याय के संघर्ष को आघात

तमिलनाडु के सीएम व सत्तारूढ़ द्रमुक के नेता एमके स्टालिन ने भी फैसले की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि आज के फैसले से करीब आधी सदी से जारी सामाजिक न्याय के संघर्ष को आघात पहुंचा है।

जयराम रमेश बोले- मनमोहन सरकार ने की थी पहल

कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अजा-जजा व ओबीसी के अलावा अन्य वर्गों के गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण के लिए 103 वां संविधान संशोधन 2005-06 में तत्कालीन पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत संप्रग सरकार द्वारा शुरू की गई पहल का नतीजा है। मनमोहन सरकार ने सिन्हो समिति गठित की थी, जिसने जुलाई 2010 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। उसके बाद व्यापक विचार विमर्श का सिलसिला शुरू हुआ और 2014 तक एक विधेयक तैयार किया गया।

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गुजरात

सूरत के ज्वैलर्स का कमाल, 4.7 कैरेट के हीरे पर उकेरा डोनाल्ड ट्रंप का चेहरा

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गुजरात । इस समय चारों तरफ सिर्फ अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह की बातें हो रही हैं। बीते दिन डोनाल्ड ट्रंप ने वॉशिंगटन डीसी में दूसरी बार राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। इस दौरान दुनिया भर के मेहमान इस शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे। इसी बीच डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह का गुजरात कनेक्शन भी सामने आया है। दरअसल, सूरत के लैबग्रोन डायमंड ने डोनाल्ड ट्रंप के लिए खास गिफ्ट तैयार किया है, जो इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है।

2 महीने में तैयार हुआ अनोखा हीरा

गुजरात के हीरा व्यापारी मुकेश पटेल और स्मित पटेल की कंपनी लैबग्रोन डायमंड के 5 अनुभवी ज्वैलर्स ने डोनाल्ड ट्रंप के चेहरे को 4.7 कैरेट के हीरे पर उकेरा है। इस डोनाल्ड ट्रंप वाले हीरे को इन 5 ज्वैलर्स ने 2 महीने में तैयार किया है। यह हीरा भारत की तरफ से डोनाल्ड ट्रंप को एक खास गिफ्ट के तौर पर दिया जाएगा। हीरे को तराशकर इस तरह की आकृति देना बहुत ही मुश्किल काम है। इसमें बहुत फोकस और सावधानी की जरूरत होती है। इसलिए 5 अनुभवी तराशकरों को भी इसे बनाने में 60 दिन का समय लगा।

इंटरनेशनल मार्केट में हीरे की कीमत

जानकारी के अनुसार, इस हीरे की कीमत इंटरनेशनल मार्केट में 10 हजार अमेरिकी डॉलर (8,64,255 भारतीय रुपये) बताई जा रही है। ये अनोखा हीरा न सिर्फ सूरत के हुनर को दिखाता है, बल्कि भारतीय कला और तकनीक की भी खास मिसाल पेश करता है। इस हीरे की फोटोज और वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। बता दें कि, इससे पहले भी सूरत की इसी कंपनी ने अमेरिका की प्रथम महिला को एक लैबग्रोन डायमंड गिफ्ट में दिया था, जिसे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें सौंपा था।

 

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