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अन्तर्राष्ट्रीय

पूर्व पीएम इमरान खान ने कहा-..तो तीन टुकड़ों में बंट जाएगा पाकिस्तान

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि सरकार सही फैसले नहीं लेगी तो देश तीन टुकड़ों में बंट जाएगा। एक इंटरव्यू में इमरान ने कहा कि अगर शहबाज सरकार और सैन्य प्रतिष्ठान सही फैसला नहीं लेती है तो पाकिस्तान तीन भागों में टूट जाएगा। उन्होंने कहा है कि देश ‘आत्महत्या’ की कगार पर है। ऐसे में सही फैसले लिए जाने की सख्त जरूरत है।

‘सशस्त्र बलों को सबसे पहले नष्ट किया जाएगा’

इमरान खान ने कहा है कि यहां वास्तविक समस्या पाकिस्तान और स्थापना की है। यदि प्रतिष्ठान सही निर्णय नहीं लेता है, तो मैं आपको लिखित रूप में बताता हूं कि उन्हें नष्ट कर दिया जाएगा, और सशस्त्र बलों को सबसे पहले नष्ट किया जाएगा।

बता दें कि पाकिस्तान में सत्ता प्रतिष्ठान का अर्थ राजनीतिक नेतृत्व के अलावा सैन्य लीडरशिप से भी माना जाता है। ऐसे में उनका बयान दोनों पर ही टिप्पणी माना जा रहा है।

बलूचिस्तान को अलग करने पर विचार कर रहा भारत

उन्होंने आगे कहा है कि एक बार जब देश नष्ट हो जाता है, तो यह डिफ़ॉल्ट हो जाएगा और अंतरराष्ट्रीय दुनिया पाकिस्तान से परमाणु निरस्त्रीकरण की ओर बढ़ने के लिए कहेगी- जैसा कि यूक्रेन के साथ 1990 के दशक में किया गया था। विदेश में भारतीय थिंक टैंक बलूचिस्तान को अलग करने पर विचार कर रहे हैं, उनकी योजना है, यही कारण है कि मैं दबाव डाल रहा हूं।

शरीफ सरकार अमेरिका और भारत के लिए करती है काम

शहबाज सरकार पर निशाना साधते हुए इमरान खान ने कहा कि गठबंधन सरकार अमेरिका को खुश करने के लिए काम कर रही है। नवाज शरीफ और आसिफ अली जरदारी ने हमेशा से अमेरिका, भारत और इजरायल गठजोड़ बनाने का काम किया है। शहबाज सरकार की योजना पाकिस्तान को मजबूत करने की नहीं है।

इमरान ने बताया भारत उन्हें क्यों नहीं पसंद करता

भारत पर आरोप लगाते हुए इमरान खान ने कहा कि भारत मुझे इस्लामाबाद में पसंद नहीं करता क्योंकि मैं एक स्वतंत्र विदेश नीति चाहता था। जब आप एक स्वतंत्र विदेश नीति चाहते हैं, तो आपको कभी-कभी ना कहना पड़ता है।

पीएम पद से हटाए जाने के बाद से बौखलाए इमरान खान कई बार गृहयुद्ध की चेतावनी दे चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि पाकिस्तान पर परमाणु बम गिराना बेहतर है।

अन्तर्राष्ट्रीय

दो दिवसीय दौरे पर कुवैत रवाना हुए पीएम मोदी, 43 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला दौरा

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को अपनी दो दिवसीय यात्रा पर कुवैत रवाना हो गए। यह कुवैत में चार दशक से अधिक समय में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी। भारत की ओर से आखिरी बार प्रधानमंत्री का कुवैत दौरा 43 साल पहले हुआ था। दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1981 में कुवैत का दौरा किया था। वहीं, तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने 2009 में इस पश्चिम एशियाई देश का दौरा किया था. अपनी दो दिवसीय यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी कुवैत के टॉप लीडर्स के साथ बैठक करेंगे।

अपनी कुवैत यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर अपने आधिकारिक हैंडल पर लिखा, “आज और कल मैं कुवैत जाऊंगा। यह यात्रा कुवैत के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंधों को और गहरा करेगी। मैं कुवैत के महामहिम अमीर, क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री से मिलने के लिए उत्सुक हूं। आज शाम मैं भारतीय समुदाय से मिलूंगा और अरब गल्फ कप के उद्घाटन समारोह में भी शामिल होऊंगा।”

पीएम मोदी के हवाले से प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से इस यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया, “आज, मैं कुवैत राज्य के अमीर महामहिम शेख मेशल अल-अहमद अल-सबा के निमंत्रण पर कुवैत की दो दिवसीय यात्रा पर जा रहा हूं। हम कुवैत के साथ ऐतिहासिक संबंधों को बहुत महत्व देते हैं, जो पीढ़ियों से पोषित हैं। हम न केवल मजबूत व्यापार और ऊर्जा साझेदार हैं, बल्कि पश्चिम एशिया क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि में भी हमारी साझा रुचि है।”

पोस्ट में आगे कहा गया, “मैं कुवैत के महामहिम अमीर, क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री के साथ अपनी बैठक की प्रतीक्षा कर रहा हूं। यह हमारे लोगों और क्षेत्र के लाभ के लिए भविष्य की साझेदारी के लिए एक रोडमैप तैयार करने का अवसर होगा। मैं कुवैत में भारतीय प्रवासियों से मिलने के लिए उत्सुक हूं, जिन्होंने दोनों देशों के बीच मैत्री के बंधन को मजबूत करने में बहुत योगदान दिया है। मैं खाड़ी क्षेत्र में एक प्रमुख खेल आयोजन, अरेबियन गल्फ कप के उद्घाटन समारोह में मुझे आमंत्रित करने के लिए कुवैत के नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। मैं एथलेटिक उत्कृष्टता और क्षेत्रीय एकता के इस उत्सव का हिस्सा बनने के लिए उत्सुक हूं। मुझे विश्वास है कि यह यात्रा भारत और कुवैत के लोगों के बीच मित्रता के विशेष संबंधों और बंधनों को और मजबूत करेगी।”

 

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