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उत्तर प्रदेश

कश्मीर में शुरू हुई “गांधीगिरी”

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जम्मू और कश्मीर से 370 हटाये जाने और केन्द्र शासित प्रदेश बनाने के बाद घाटी में विकास और वदलाव की बयार बहाने लगी है एक ओर जहाँ जम्मू और कश्मीर कोआतंक मुक्त किया जा रहा है वही अब राजनीतिक दल भी कश्मीरियो को अमन चैन और गांधीगीरी का पाठ पढ़ा रहे है। कांग्रेस से अलग होने के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नवीआज़ाद अब कश्मीरियों को गांधीगिरी का पाठ पढ़ना शुरू कर दिया है। पिछले दिनों दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग जिले में एक रैली के दौरान आज़ाद ने कहा, हथियार उठाने से कुछ नही होता, नजर उठाकर देखो जिन मुल्को ने हथियार उठाये वो तबाहऔर बर्बाद हो गए।

गुलानमवी आज़ाद ने खा कि बटवारे के वक्त जब देश जल रहा था तब गांधी जी ने कहा था पूरे हिंदुस्तान में मुझे अंधेरा नजर आरहा है एक रोशनी किरण बस कश्मीर से आ रही है। यहां पर उस वक्त भी हिन्दू और मुसलमान दोनों अमन-चैन से थे। हिन्दू लोगो को किसी ने एक थप्पड़ भी नहीं मारा था।

झूठा सपना नहीं दिखा सकता

जम्मू और कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद वहाँ की सभी पार्टिया 370 को फिर बहाल करने की मांग कर रही है मामला सर्वोच्च न्यायालय में भी चल रहा है ऐसे में कांग्रेस से अलग हुआ गुलाम नवी आज़ाद ने जब नई पार्टी बनाने की घोषणा की तो सवाल उठना जायज था कि क्या आप कश्मीर में 370 की बहाली कराएंगे? गुलाम नवी ने साफ तौर पर कहा कि इसे मोदी हटाये थे और मोदी ही ला सकते है मैं 70 वर्ष का हो चला हूँ मरने के वक्त झूट नही बोल सकता, मैं किसी को धोखे में नही रख सकता, किसी को धोखा नही दे सकता। आज़ाद ने साफ कह दिया कि 370 के लिए मैं कश्मीर को सपना नही दिख सकता चाहे कोई मुझे वोट दे या ना दे।


																											
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उत्तर प्रदेश

हार्टफुलनेस ने आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए कराया सामूहिक ध्यान

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लखनऊ। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अभिनव पहल के रूप में घोषित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर पर श्री रामचंद्र मिशन के आईआईएम रोड स्थित हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए ध्यान एवं योग सत्र का आयोजन किया गया। योग व ध्यान का प्रकाश हर हृदय और हर घर पहुंचे, इसके लिए यहां कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रमुख सचिच संस्कृति एवं पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम उपस्थिति रहें। उन्होंने कहा कि युवाओं को ध्यान से जोड़ने की जरुरत है, जिससे वे जीवन में उन्नति भी कर सकते हैं।

हार्टफुलनेस संस्था अपने ग्लोबल गाइड पद्मभूषण कमलेश जी पटेल दाजी के मार्गदर्शन में प्राचीन योग परम्परा एवं ध्यान द्वारा मानवीय मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने हेतु दृढ़ संकल्पित है। संस्था द्वारा अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर प्राणाहुति आधारित ध्यान, प्राणायाम, आसन, मुद्रा एवं व्यक्ति के शारीरिक एवं मानसिक विकास से जुड़े सत्र प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा प्रस्तुत किए गए। समारोह में नारकोटिक्स विभाग, उत्तर प्रदेश की सक्रिय भागीदारी रही। ड्रग व मादक पदार्थों के दुष्परिणामों व ध्यान के माध्यम से इनसे दूर रहने के उपायों को यहां बताया गया।

संस्था की जोनल कोऑर्डिनेटर शालिनी महरोत्रा ने बताया कि हार्टफुलनेस संस्था ध्यान के प्रति जन जागरूकता के लिए समर्पित है। ध्यान हमारी भावनाओं को संतुलित कर आधुनिक जीवन की आपाधापी के बीच शांति और स्थिरता प्रदान करता है। इसके महत्व को स्वीकार कर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस घोषित किया है। उन्होंने बताया कि हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में नियमित प्रात: व शाम को ध्यान सत्र का आयोजन किया जाता है। हार्टफुलनेस संस्था द्वारा पिछले वर्ष 7 से 9 अप्रैल को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में अलीगंज स्थित स्टेडियम में हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान का आयोजन किया था, जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों ने एक साथ ध्यान व योग किया था।

अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस पर आलमबाग के फीनिक्स मॉल स्थित हार्टफुलनेस लॉन्ज में भी विशेष ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। यहां हर दिन नि:शुल्क हार्टफुलनेस ध्यान सिखाया जाता है, जिसका लाभ युवाओं को विशेष रूप से मिलता है।

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