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मुख्य समाचार

अग्निपथ भर्ती को लेकर बिहार में जबर्दस्त बवाल, ट्रेन की बोगी में लगाई आग

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पटना। सेना में अग्निपथ भर्ती को लेकर बिहार के गोपालगंज में छात्रों ने उग्र प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने गोरखपुर से पाटलिपुत्र जाने वाली ट्रेन नंबर 15080 गोरखपुर पाटलिपुत्र एक्सप्रेस को आग के हवाले कर दिया। छात्रों के आग लगाने की वजह से ट्रेन की एक बोगी धू-धू कर जलने लगी। यह ट्रेन सिधवलिया रेलवे स्टेशन पर खड़ी थी।

गोरखपुर थावे छपरा रेलखंड पर गोरखपुर से पाटलिपुत्र को जाने वाली गोरखपुर पाटलिपुत्र एक्सप्रेस ट्रेन जैसे ही खड़ी हुई, वहां पहले से मौजूद सैकड़ों आंदोलनकारी प्रदर्शनकार कर रहे थे। अग्निपथ सेना बहाली को लेकर प्रदर्शन कर रहे ये प्रदर्शनकारी केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

train burn in bihar

बताया जाता है की इसी नारेबाजी के दौरान कुछ छात्र अचानक ट्रेन के बोगी में घुस गए और उस बोगी को आग के हवाले कर दिया। हालांकि घटना के दौरान कोई भी यात्री हताहत नहीं हुआ है।

छात्रों के हंगामा की वजह से यात्री पहले ही ट्रेन से बाहर निकल गए थे। इस घटना के बाद सिधवलिया रेलवे स्टेशन पर लोगों में भगदड़ मच गई है। स्थानीय लोग ट्रेन में लगी आग का वीडियो भी बनाने लगे।

बहरहाल, थावे छपरा रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया है। आग की सूचना पर रेलवे विभाग के अधिकारी, स्थानीय पुलिस और सदर एसडडीपीओ संजीव कुमार मौके पर पहुँच गये है। दमकल की सहायता से आग पर काबू करने का प्रयास किया जा रहा है।

छपरा जंक्शन पर जब रेल खड़ी थी उस वक्त स्टेशन परिसर में घुसकर प्रदर्शनकारियों ने रेल को आग के हलावे कर दिया। जानकरी मिली है इस हिंसक प्रदर्शन की शुरुआत बिहार के बक्सर से हुई और उसके बाद सहरसा, दरभंगा, समस्तीपुर समेत कई स्थानों पर रेल को रोक कर प्रदर्शन किया। कुल 4 रेलों को आग लगाई गई लेकिन किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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