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प्रादेशिक

हरियाणा में महिला को 7 दिन कमरें में किया बंद, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित चार पर केस दर्ज

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नई दिल्ली। देश में महिलाओं के साथ हैवानियत के मामले लगभग रोज़ दर्ज किए जाते हैं। महिलाओं कि सुरक्षा को लेकर बड़ी-बड़ी बातें तो खूब होती हैं, लेकिन कोई खास इन्तज़ामात होते नज़र नहीं आते। इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला एक मामला हरियाणा के हिसार से सामने आया है।

यहां एक गर्भवती महिला को एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता महिला ने बहला-फुसलाकर 7 दिन तक कमरे में बंद रखा। पीड़िता ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाते हुए बताया कि वो गर्भवती हैं और इसी के चलते आंगनबाड़ी गई थी, वहीं महिला कार्यकर्त्ता उसे बातों में उलझाकर अपने घर ले गई। वहां वो पीड़िता को गर्भपात करने के लिए उकसा रही थी, वो उसकी एक सरकारी कर्मचारी से दूसरी शादी करवाने की बात कहती रही।

साथ ही पीड़ित महिला ने बताया कि वहां 3 व्यक्ति आए और उसके साथ छेड़छाड़ की। महिला का आरोप है कि अपराधी उसे किसी को बेचने की फ़िराक में थे और उसे 7 दिन कमरे में कैद रखा। वो जान बचाकर किसी तरह अपने ससुराल पहुंची।

जब उसने पुलिस में शिकायत दर्ज करनी काही तो आरोपियों ने उसे जान से मारने की धमकी दी। देखना होगा कि देश में महिलाओं के साथ हो रहे अपराध कम होते हैं या यूँ ही आए-दिन दिल दहलाने वाली ख़बरें सामने आती रहती हैं।

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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