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क्या MCD जीतकर अभी कुछ नहीं लगा ‘आप’ के हाथ? जानें क्या हैं इसके मायने

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AAP in MCD elections

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नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (MCD) के चुनावों के परिणाम आ चुके हैं और 250 नगर निगम पार्षद दुनिया के सबसे बड़े निकायों में से एक को चलाने के लिए तैयार हैं। एमसीडी में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी 134 वार्डों पर जीत गई है। बीजेपी ने 104 सीटों पर जीत हासिल की है और कांग्रेस सिर्फ 9 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर है।

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नवगठित सदन की पहली बैठक बुलाते हैं LG

एमसीडी में 250 वार्ड हैं, और साधारण बहुमत का आंकड़ा 126 का है, जिसे आप ने पार कर लिया। भाजपा नेतृत्व के कुछ वर्गों की तरफ से इस बात के दावे किए जा रहे हैं कि एमसीडी का मेयर भगवा पार्टी से संबंधित पार्षद ही होगा। वहीं मेयर पद के चुनाव को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं।

लेकिन कवायद शुरू होने से पहले, नवगठित सदन की पहली बैठक की तारीख पर लेफ्टिनेंट गवर्नर से परामर्श लेना होगा। एमसीडी के एक अधिकारी ने कहा कि सदन को बुलाने का कोई भी फैसला केंद्र सरकार की ओर से एलजी को लेना होता है और एक राजनीतिक दल, भले ही वो विजयी हो, उसके बाद भी इस प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं होती है।

अप्रैल से नए सदन की शुरुआत

नियम यह है कि सदन अप्रैल में अपना कार्यकाल शुरू करेगा तो, अगर एलजी नए सदन को अप्रैल 2023 में ही बुलाते हैं, तो ऐसे में निर्वाचित पार्षदों के पास तब तक कोई शक्ति नहीं होगी। सदन की पहली बैठक में कम से कम चार अभ्यास अनिवार्य रूप से पूरे करने होते हैं। इनमें 250 विजयी उम्मीदवारों का शपथ ग्रहण, मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव और स्थायी समिति के सदस्य के रूप में छह पार्षदों का चुनाव शामिल हैं।

एलजी से मंजूरी मिलने के बाद पहली बैठक

पहली बैठक के लिए एलजी से मंजूरी मिलने के बाद, राजनीतिक दलों को सूचित किया जाएगा और मेयर और डिप्टी मेयर के लिए अपना नामांकन जमा करने के लिए न्यूनतम 10 दिन का समय दिया जाएगा। सदन एलजी द्वारा दी गई तारीख से पांच साल तक चलेगा।

नगर निकाय का बजट पेश

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के आयुक्त ज्ञानेश भारती ने इसके विशेष अधिकारी के समक्ष नगर निकाय का बजट पेश किया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। संवैधानिक प्रावधानों के तहत आयुक्त द्वारा 10 दिसंबर से पहले वार्षिक बजट पेश करना होता है।

आयुक्त ने एमसीडी का जो बजट पेश किया, है उसमें 2022-23 के लिए संशोधित बजट अनुमान तथा 2023-24 के लिए बजट अनुमान है। सूत्रों ने कहा कि चूंकि फिलहाल सदन अस्तित्व में नहीं है, इसलिए बजट विशेष अधिकारी के समक्ष पेश किया गया, जिन्हें स्थायी समिति के समकक्ष का पद प्राप्त है।

केंद्र सरकार की भूमिका

दिल्ली नगर निगम अधिनियम, 1957 में लाए गए संशोधनों के अनुसार एमसीडी को चलाने में केंद्र सरकार की अधिक प्रत्यक्ष भूमिका होगी। दिल्ली नगर निगम (संशोधन) अधिनियम, 2022 के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्रालय की निगम को चलाने में अधिक प्रत्यक्ष भूमिका होगी।

एमसीडी में निर्वाचित पार्षदों से बना एक विचारशील विंग और नीतियों को लागू करने वाले नौकरशाहों का एक कार्यकारी विंग शामिल है। नगर आयुक्त और वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति केंद्र सरकार और लेफ्टिनेंट गवर्नर के कार्यालय द्वारा की जाती है।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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