Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

क्या MCD जीतकर अभी कुछ नहीं लगा ‘आप’ के हाथ? जानें क्या हैं इसके मायने

Published

on

AAP in MCD elections

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (MCD) के चुनावों के परिणाम आ चुके हैं और 250 नगर निगम पार्षद दुनिया के सबसे बड़े निकायों में से एक को चलाने के लिए तैयार हैं। एमसीडी में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी 134 वार्डों पर जीत गई है। बीजेपी ने 104 सीटों पर जीत हासिल की है और कांग्रेस सिर्फ 9 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर है।

यह भी पढ़ें

गुजरात की मुस्लिम बहुल 10 सीटों में से 8 पर भाजपा का कब्जा

स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में लखनऊ आया देशभर में अव्वल

नवगठित सदन की पहली बैठक बुलाते हैं LG

एमसीडी में 250 वार्ड हैं, और साधारण बहुमत का आंकड़ा 126 का है, जिसे आप ने पार कर लिया। भाजपा नेतृत्व के कुछ वर्गों की तरफ से इस बात के दावे किए जा रहे हैं कि एमसीडी का मेयर भगवा पार्टी से संबंधित पार्षद ही होगा। वहीं मेयर पद के चुनाव को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं।

लेकिन कवायद शुरू होने से पहले, नवगठित सदन की पहली बैठक की तारीख पर लेफ्टिनेंट गवर्नर से परामर्श लेना होगा। एमसीडी के एक अधिकारी ने कहा कि सदन को बुलाने का कोई भी फैसला केंद्र सरकार की ओर से एलजी को लेना होता है और एक राजनीतिक दल, भले ही वो विजयी हो, उसके बाद भी इस प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं होती है।

अप्रैल से नए सदन की शुरुआत

नियम यह है कि सदन अप्रैल में अपना कार्यकाल शुरू करेगा तो, अगर एलजी नए सदन को अप्रैल 2023 में ही बुलाते हैं, तो ऐसे में निर्वाचित पार्षदों के पास तब तक कोई शक्ति नहीं होगी। सदन की पहली बैठक में कम से कम चार अभ्यास अनिवार्य रूप से पूरे करने होते हैं। इनमें 250 विजयी उम्मीदवारों का शपथ ग्रहण, मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव और स्थायी समिति के सदस्य के रूप में छह पार्षदों का चुनाव शामिल हैं।

एलजी से मंजूरी मिलने के बाद पहली बैठक

पहली बैठक के लिए एलजी से मंजूरी मिलने के बाद, राजनीतिक दलों को सूचित किया जाएगा और मेयर और डिप्टी मेयर के लिए अपना नामांकन जमा करने के लिए न्यूनतम 10 दिन का समय दिया जाएगा। सदन एलजी द्वारा दी गई तारीख से पांच साल तक चलेगा।

नगर निकाय का बजट पेश

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के आयुक्त ज्ञानेश भारती ने इसके विशेष अधिकारी के समक्ष नगर निकाय का बजट पेश किया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। संवैधानिक प्रावधानों के तहत आयुक्त द्वारा 10 दिसंबर से पहले वार्षिक बजट पेश करना होता है।

आयुक्त ने एमसीडी का जो बजट पेश किया, है उसमें 2022-23 के लिए संशोधित बजट अनुमान तथा 2023-24 के लिए बजट अनुमान है। सूत्रों ने कहा कि चूंकि फिलहाल सदन अस्तित्व में नहीं है, इसलिए बजट विशेष अधिकारी के समक्ष पेश किया गया, जिन्हें स्थायी समिति के समकक्ष का पद प्राप्त है।

केंद्र सरकार की भूमिका

दिल्ली नगर निगम अधिनियम, 1957 में लाए गए संशोधनों के अनुसार एमसीडी को चलाने में केंद्र सरकार की अधिक प्रत्यक्ष भूमिका होगी। दिल्ली नगर निगम (संशोधन) अधिनियम, 2022 के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्रालय की निगम को चलाने में अधिक प्रत्यक्ष भूमिका होगी।

एमसीडी में निर्वाचित पार्षदों से बना एक विचारशील विंग और नीतियों को लागू करने वाले नौकरशाहों का एक कार्यकारी विंग शामिल है। नगर आयुक्त और वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति केंद्र सरकार और लेफ्टिनेंट गवर्नर के कार्यालय द्वारा की जाती है।

MCD, MCD elections, MCD elections result, AAP in MCD elections,

मुख्य समाचार

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

Published

on

Loading

पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

Continue Reading

Trending