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जुर्म

कुमार विश्वास की गिरफ्तारी पर HC ने लगाई रोक, केजरीवाल से जुड़ा है मामला

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मशहूर कवि कुमार विश्वास को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ उनके कथित बयानों के लिए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य कुमार विश्वास ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

अब उनकी केस खारिज करने की याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी। इस मामले में पूरा आदेश आना बाकी है। कुमार के खिलाफ रोपड़ में केस दर्ज हुआ था। कुमार पर आरोप है कि उन्होंने केजरीवाल के खालिस्तान से संबंध के गलत आरोप लगाए। हाईकोर्ट के इस फैसले से आम आदमी पार्टी और पंजाब में CM भगवंत मान की अगुवाई वाली AAP सरकार को बड़ा झटका लगा है।

पंजाब पुलिस ने रोपड़ के थाना सदर में कुमार पर केस दर्ज किया था। इसके बाद कुमार को सम्मन तामील करवाने पुलिस उनके गाजियाबाद स्थित घर पहुंची। इसकी तस्वीरें खुद कुमार विश्वास ने ट्वीट की था। उन्होंने सीएम भगवंत मान को आगाह भी किया कि वह जिसके कहने पर यह सब कर रहे हैं, वह मान और पंजाब को धोखा देगा।

इस मामले में रोपड़ में पुलिस ने केस दर्ज किया है। जिसमें शिकायत करने वाले ने बताया कि वह आप समर्थकों के साथ गांवों में लोगों की शिकायतें निपटाने के लिए घूम रहा था। इस दौरान कुछ नकाब पोश व्यक्तियों ने उन्हें रोककर खालिस्तानी कहा। ये सब कुछ तब शुरू हुआ जब कुमार विश्वास ने आप संयोजक अरविंद केजरीवाल के अलगाववादियों के साथ संबंध होने का आरोप लगाया।

इसी मामले में कांग्रेस नेता अलका लांबा पर भी केस दर्ज हुआ है। उन पर आरोप है कि उन्होंने भी इंटरव्यू और सोशल मीडिया के जरिए केजरीवाल के संबंध में गलत आरोप लगाए। अलका लांबा जांच में शामिल होने रोपड़ भी आई थी। हालांकि पुलिस ने यह कहकर लौटा दिया कि केस की फाइल HC गई हुई है।

उत्तर प्रदेश

मेरी पत्नी से शिक्षक का था अफेयर, इसलिए मार डाला; वकील के कबूलनामे से आया नया ट्विस्ट

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कानपुर। उप्र के कानपुर के पनकी के पतरसा में शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार वकील संजीव कुमार के बयान ने पेंच फंसा दिया है। वकील ने जो बयान दिया, उसके मुताबिक शिक्षक के उसकी पत्नी से अवैध संबंध थे। चूंकि शिक्षक वर्तमान में कानपुर देहात में ही रह रहा था।

इसके चलते पत्नी भी कानपुर देहात स्थित मायके में ही थी। इसलिए उसने रविवार को दयाराम को बुलाकर अकेले ही बंद कमरे में जिंदा जलाकर मार डाला। वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि भाभी के संबंध ढाबा संचालक से थे। विरोध करने पर भाभी ने प्रेमी और वकील के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी।

मृतक दयाराम के छोटे भाई अनुज ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि भाई दयाराम ने अपने मोबाइल फोन से उन्हें कॉल करके बताया था कि संजीव, पवन और संगीता ने उन्हें कमरे में बंद करके आग लगा दी है और भाग गए हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जब वकील संजीव को उठाकर पूछताछ शुरू की तो कहानी में नया मोड़ आ गया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव ने बताया कि दयाराम जिस कॉलेज में पढ़ाता था, उसी में संजीव का साला शिक्षक है। दोनों में गहरी दोस्ती थी। दयाराम का संजीव के साले के घर में भी आना-जाना था। संजीव को दयाराम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध का शक था।

संजीव के अनुसार, पत्नी को कई बार घर लाने की कोशिश की, लेकिन वो राजी नहीं हुई। पत्नी से संबंधों को लेकर बातचीत के लिए दयाराम को घर बुलाया। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि, पुलिस को अन्य हत्यारोपियों की घटनास्थल के आसपास लोकेशन भी नहीं मिली है। दोनों कहानियों की तह तक जाने के लिए पुलिस अब सक्ष्यों की मदद ले रही है।

संजीव कई बार बुला चुका था दयाराम को

अनुज ने बताया कि संजीव कई बार दयाराम को फोन करके उसकी पत्नी से समझौता कराने की बात कहकर बुला चुका था। परिवार वालों की राय के बाद वे समझौते के लिए गए थे, वहां सभी ने मिलकर उनके भाई की हत्या कर दी।

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