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हिप्र चुनाव: भाजपा ने जारी की 62 उम्मीदवारों की लिस्ट, पूर्व सीएम को टिकट नहीं
शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव (Himachal Pradesh election) के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने 62 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सिराज सीट से लड़ेंगे तो अनिल शर्मा को मंडी से टिकट दिया गया है। सतपाल सिंह सत्ती ऊना से चुनाव मैदान में उतारे गए हैं। हिमाचल में 12 नवंबर को वोटिंग होगी और 8 दिसंबर को काउंटिंग होगी।
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केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के पिता और पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल को टिकट नहीं दिया गया है। अनुराग के ससुर गुलाब सिंह को भी टिकट से वंचित रहना पड़ा है। दोनों को 2017 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।
चुराह सीट से हंसराज, भरमौर से डॉ. जनक राज, चंबा से इंदिरा कपूर, डलहौजी से डी.एस. ठाकुर, भटियाल से विक्रम जरियाल, नूरपुर से रणवीर सिंह, इंदौरा से रीता धीमान, फतेहपुर से राकेश पठानिया, ज्वाली से संजय गुलेरिया, जसवां-प्रांगपुर से विक्रम ठाकुर, जयसिंह पुर से रविंदर धीमान को टिकट दिया गया है।
सुलह सीट से विपिन सिंह परमार को उतारा गया है। नगरोटा से अरुण कुमार मेहरा (कूका), कांगड़ा से पवन काजल, शाहपुर से सरबीण चौधरी, धर्मशाला से राकेश चौधरी को उतारा गया है। पालमपुर से त्रिलोक कपूर, बैजनाथ से मुल्खराज प्रेमी, लाहौल और स्फिति से रामलाल मारकण्डेय पर भरोसा जताया गया है।
मनाली से गोविंद सिंह ठाकुर, बन्जार से सुरेंदर कुमार, करसोग से दीपराज कपूर, सुंदरनगर से राकेश जम्बाव, नाचन से बिनोद कुमार, दरंग से पूरन चंद ठाकुर, जोगिनद्रनगर से प्रकाश राणा, धर्मपुर से रजत ठाकुर, मंडी से अनिल शर्मा को टिकट मिला है।
बल्ह से इंद्र सिंह गांधी, भोरंज से अनिल धीमान, सुजानपुर से कैप्टन (रिटायर्ड) रणजीत सिंह, हमीरपुर से नरेंद्र ठाकुर, नादौन से विजय अग्निहोत्री चुनाव लड़ेंगे।
चिन्तपुरनी से बलवीर सिंह चौधरी, गररेट से राजेश ठाकुर, कुटलैहड़ से वीरेंद्र कंवर, झंडूता से जे आर कटबाल, घुमारवीं से राजेंद्र गर्ग, बिलासपुर से त्रिलोक जम्बाल, नैना देवीजी से रणधीर शर्मा, अर्की से गोविंद राम शर्मा, नालागढ़ से लखविंद्र राणा,
दून से सरदार परमजीत सिंह, सोलन से राजेश कश्यप, कसौली से राजीव सैजल, पच्छाद से रीना कश्यप, नाहन से राजीवन बिंदल, रेणुकाजी से नारायण सिंह, पांबटा साहिब से सुखराम चौधरी, शिलाई से बदलदेव तोमर, चौपाल से बलबीर वर्मा,
ठियोग से अजय श्याम, कसुम्पटी से सुरेश भारद्वाज, शिमला से संजय सूद को टिकट दिया गया है। शिमला ग्रामीण से रवि मेहता, जुब्बल-कोटखाई से चेतन बरागटा, रोहड़ू से शशि बाला, किन्नौर से सूरत नेगी को मैदान में उतारा गया है।
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उत्तर प्रदेश
हर्षवर्धन और विक्रमादित्य जैसे प्रचंड पुरुषार्थी प्रशासक हैं योगी आदित्यनाथ : स्वामी अवधेशानंद गिरी
महाकुम्भ नगर। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने महाकुम्भ 2025 के भव्य और सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्राचीन भारत के महान शासकों हर्षवर्धन और विक्रमादित्य से की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन महान शासकों की परंपरा को नए युग में संवर्धित किया है। वे केवल एक शासक नहीं, बल्कि प्रचंड पुरुषार्थ और संकल्प के धनी व्यक्ति हैं। उनके प्रयासों ने महाकुम्भ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
भारत की दृष्टि योगी आदित्यनाथ पर
स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि भारत का भविष्य योगी आदित्यनाथ की ओर देख रहा है। भारत उनसे अनेक आकांक्षाएं, आशाएं और अपेक्षाएं रखे हुआ है। भारत की दृष्टि उनपर है। उनमें पुरुषार्थ और निर्भीकता है। वे अजेय पुरुष और संकल्प के धनी हैं। महाकुम्भ की विराटता, अद्भुत समागम, उत्कृष्ट प्रबंधन उनके संकल्प का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का राष्ट्र ऋषि बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में योगी जी ने महाकुम्भ को ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आस्था का यहां जो सागर उमड़ा है, इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने बहुत श्रम किया है। चप्पे चप्पे पर उनकी दृष्टि है।
हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर
स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज सनातन का सूर्य सर्वत्र अपने आलोक रश्मियों से विश्व को चमत्कृत कर रहा है। भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। संसार का हर व्यक्ति महाकुम्भ के प्रति आकर्षित हो रहा है। हर क्षेत्र में विशिष्ट प्रबंधन और उच्च स्तरीय व्यवस्था महाकुम्भ में दिख रही है। भक्तों के बड़े सैलाब को नियंत्रित किया जा रहा है। सुखद, हरित, स्वच्छ, पवित्र महाकुम्भ उनके संकल्प में साकार हो रहा है। हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर, जिनके सत्संकल्प से महाकुम्भ को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूर्त धरोहर घोषित किया है। यहां दैवसत्ता और अलौकिकता दिखाई दे रही है। योगी आदित्यनाथ के प्रयास स्तुत्य और अनुकरणीय हैं तथा संकल्प पवित्र हैं। विश्व के लिए महाकुम्भ एक मार्गदर्शक बन रहा है, अनेक देशों की सरकारें सीख सकती हैं कि अल्पकाल में सीमित साधनों में विश्वस्तरीय व्यवस्था कैसे की जा सकती है।
आस्था का महासागर और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक
महामंडलेश्वर ने महाकुम्भ को सनातन संस्कृति का जयघोष और भारत की आर्ष परंपरा की दिव्यता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व नर से नारायण और जीव से ब्रह्म बनने की यात्रा का संदेश देता है। महाकुम्भ को सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन दिखाता है कि हम अलग अलग जाति, मत और संप्रदाय के होने के बावजूद एकता के सूत्र में बंधे हैं। उन्होंने महाकुम्भ को गंगा के तट पर पवित्रता और संस्कृति का संगम बताया। गंगा में स्नान को आत्मा की शुद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया।
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