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हैदराबाद : दुर्गा पंडाल में तोड़फोड़, पूजा का सामान फेंका, भड़के लोगों ने आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की

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हैदराबाद। हैदराबाद के नामापल्ली में कुछ अज्ञात लोगों ने दुर्गा पूजा पंडाल में तोड़फोड़ की है। घटना की सूचना पाकर बेगम बाजार की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस कर्मियों की एक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और लोगों से पूछताछ की। पुलिस ने लोगों को मामले की जांच कर कार्रवाई करने का भरोसा दिया है। वहीं घटना के बाद से लोगों में आक्रोश है।

बताया गया है कि नामपल्ली प्रदर्शनी सोसायटी और कर्मचारियों की ओर से हर साल नवरात्र के मौके पर देवी दुर्गा की मूर्ति स्थापित की जाती है। इसमें बड़ी संख्या में लोग माता के दर्शन के लिए आते हैं। इस बीच गुरुवार रात को यहां डांडिया कार्यक्रम रखा गया था। आयोजकों ने बताया कि गुरुवार की रात डांडिया कार्यक्रम होने तक पुलिस वहां पर तैनात थी। यह पूरा घटनाक्रम कितने बजे हुआ है। इस बात की जानकारी भी अभी तक नहीं मिल सकी है।

इस घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। इसके बाद बेगम बाजार से पुलिस वालों की एक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने मामले में कार्रवाई का भरोसा दिया है। इस घटना के बाद लोगों ने भारी गुस्सा भी देखने को मिल रहा है। बताया जा रहा है कि प्रदर्शनी सोसायटी और कर्मचारियों द्वारा हर साल देवी की मूर्ति स्थापित की जाती है

आयोजको ने बताया कि यह आरोपी जब पंडाल में घुसे तो सबसे पहले उन्होंने वहां की लाइट काट दी। इसके बाद उन्होंने वहां पर लगे हुए सभी सीसीटीवी कैमरों को भी अपना निशाना बनाया। इसी वजह से घटना का कोई भी सीसीटीवी फुटेज सामने नहीं आ पाया है। इतना ही नहीं आरोपियों ने बैरिकेडिंग भी हटा दी और पूजा का सभी सामान भी फेंक दिया।

इस घटना से गुस्साए लोगों ने आरोपियों को पकड़ने और कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं। लोगों ने सड़क को जाम कर दिया और विरोध प्रदर्शन भी किया। हालांकि, पुलिस ने सभी लोगों को समझा बूझा कर शांत किया। इतना ही नहीं स्थानीय लोगों की मदद से दूसरी मूर्ति की स्थापना भी करवाई। पुलिस घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है। पुलिस इलाके में लगे सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है।

 

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शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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