Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

‘अखिलेश यादव से कहकर आया हूं,छह महीने तक किसी की ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं होगी’,मुख़्तार अंसारी के बेटे अब्बास ने दी अफसरों को धमकी

Published

on

Loading

जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे और सपा गठबंधन के प्रत्याशी अब्बास अंसारी ने सरकार बनने पर अफसरों से हिसाब-किताब की धमकी दी है। सुभासपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे अब्बास का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उसने अखिलेश यादव का नाम लेकर कहा है कि ट्रांसफर से पहले अधिकारियों से हिसाब-किताब होगा। वीडियो वायरल होने के बाद एडीजी लॉ प्रशांत कुमार की ओर से कार्रवाई का आदेश दिया है। अब्बास के खिलाफ मऊ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।

वीडियो में अब्बास कहता है, ”समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्ययक्ष अखिलेश यादव जी से कहकर आया हूं कि छह महीने तक किसी की ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं होगी भइया। जो यहां है, यहीं रहेगा, पहले हिसाब किताब होगा। उसके बाद उनके जाने के सर्टिफिकेट पर मुहर लगाया जाएगा।”

वीडियो वायरल होने के बाद एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने इसका संज्ञान लिया। वीडियो की जांच के बाद उन्होंने अंसारी के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है। इस बीच मऊ पुलिस ने सपा प्रत्याशी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

7 को है मऊ में वोटिंग

अब्बास अंसारी का यह वीडियो ऐसे समय पर सामने आया है जब मऊ में सातवें और अंतिम चरण में 7 मार्च को वोटिंग होगी। वोटिंग से ठीक पहले अब्बास ने सपा गठबंधन को घेरने के लिए भाजपा को एक और हथियार दे दिया है। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेंद्र मोदी ने मुख्तार अंसारी की करतूतों की याद दिलाकर सपा को घेरा था। बीजेपी लगातार चुनावी रैलियों में दावा कर रही है कि सपा कि सरकार आई तो फिर गुंडागर्दी होगी। वहीं, नई सपा का नारा देने वाले अखिलेश यादव के लिए अब्बास की इस धमकी पर जवाब देना कठिन होगा।

उत्तर प्रदेश

हर्षवर्धन और विक्रमादित्य जैसे प्रचंड पुरुषार्थी प्रशासक हैं योगी आदित्यनाथ : स्वामी अवधेशानंद गिरी

Published

on

Loading

महाकुम्भ नगर। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने महाकुम्भ 2025 के भव्य और सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्राचीन भारत के महान शासकों हर्षवर्धन और विक्रमादित्य से की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन महान शासकों की परंपरा को नए युग में संवर्धित किया है। वे केवल एक शासक नहीं, बल्कि प्रचंड पुरुषार्थ और संकल्प के धनी व्यक्ति हैं। उनके प्रयासों ने महाकुम्भ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

भारत की दृष्टि योगी आदित्यनाथ पर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि भारत का भविष्य योगी आदित्यनाथ की ओर देख रहा है। भारत उनसे अनेक आकांक्षाएं, आशाएं और अपेक्षाएं रखे हुआ है। भारत की दृष्टि उनपर है। उनमें पुरुषार्थ और निर्भीकता है। वे अजेय पुरुष और संकल्प के धनी हैं। महाकुम्भ की विराटता, अद्भुत समागम, उत्कृष्ट प्रबंधन उनके संकल्प का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का राष्ट्र ऋषि बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में योगी जी ने महाकुम्भ को ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आस्था का यहां जो सागर उमड़ा है, इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने बहुत श्रम किया है। चप्पे चप्पे पर उनकी दृष्टि है।

हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज सनातन का सूर्य सर्वत्र अपने आलोक रश्मियों से विश्व को चमत्कृत कर रहा है। भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। संसार का हर व्यक्ति महाकुम्भ के प्रति आकर्षित हो रहा है। हर क्षेत्र में विशिष्ट प्रबंधन और उच्च स्तरीय व्यवस्था महाकुम्भ में दिख रही है। भक्तों के बड़े सैलाब को नियंत्रित किया जा रहा है। सुखद, हरित, स्वच्छ, पवित्र महाकुम्भ उनके संकल्प में साकार हो रहा है। हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर, जिनके सत्संकल्प से महाकुम्भ को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूर्त धरोहर घोषित किया है। यहां दैवसत्ता और अलौकिकता दिखाई दे रही है। योगी आदित्यनाथ के प्रयास स्तुत्य और अनुकरणीय हैं तथा संकल्प पवित्र हैं। विश्व के लिए महाकुम्भ एक मार्गदर्शक बन रहा है, अनेक देशों की सरकारें सीख सकती हैं कि अल्पकाल में सीमित साधनों में विश्वस्तरीय व्यवस्था कैसे की जा सकती है।

आस्था का महासागर और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक

महामंडलेश्वर ने महाकुम्भ को सनातन संस्कृति का जयघोष और भारत की आर्ष परंपरा की दिव्यता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व नर से नारायण और जीव से ब्रह्म बनने की यात्रा का संदेश देता है। महाकुम्भ को सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन दिखाता है कि हम अलग अलग जाति, मत और संप्रदाय के होने के बावजूद एकता के सूत्र में बंधे हैं। उन्होंने महाकुम्भ को गंगा के तट पर पवित्रता और संस्कृति का संगम बताया। गंगा में स्नान को आत्मा की शुद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया।

Continue Reading

Trending