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जम्मू-कश्मीर

यहां रोजगार करने नहीं बल्कि लोगों की सेवा करने आया हूं: गुलाम नबी आजाद

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Ghulam Nabi Azad

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श्रीनगर । जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने उपराज्यपाल बनाने जाने के सवाल पर प्रतिक्रिया दी है। गुलाम नबीं ने कहा कि उन्हें जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा कि वह यहां रोजगार करने नहीं बल्कि लोगों की सेवा करने आए हैं।

पूर्व कांग्रेस नेता ने DPAP के स्थापना दिवस पर आयोजित रैली में अफवाहों को नकारते हुए ये बातें कहीं। साथ ही उन्होंने लोगों से अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की। आजाद ने कहा कि कुछ लोग यह अफवाहें फैला रहे कि वह पुनर्वास की तलाश में हैं। उन्होंने कहा कि जब मैं 2005 में मुख्यमंत्री बना था, तो लोगों की सेवा करने के लिए दो केंद्रीय मंत्रालय-आवास और शहरी विकास और संसदीय कार्य छोड़ दिए थे। ऐसा नहीं था कि मेरे पास कोई काम नहीं था।

बेरोजगारी और मुद्रास्फीति जम्मू-कश्मीर की दो मुख्य समस्याएं हैं, जिनका समाधान वह क्षेत्र की पर्यटन क्षमता का दोहन करके करना चाहते हैं। महंगाई बढ़ रही है। यह सच है कि मुद्रास्फीति केवल भारत के लिए नहीं है। यूरोप में मुद्रास्फीति सबसे अधिक है, लेकिन उनके पास इससे निपटने के अन्य साधन भी हैं। हम एक गरीब राज्य से हैं।

सरकार पदों के विज्ञापन निकाल रही है, लेकिन साक्षात्कार नहीं हो रहे हैं। शिक्षित युवाओं के पास कोई नौकरी नहीं है। अभिभावकों ने बच्चों की शिक्षा पर अपनी बचत खर्च कर दी है। पर्यटन में समाज के सभी वर्गों को आजीविका प्रदान करने की क्षमता है।

2007 में स्थापित ट्यूलिप गार्डन ने हजारों लोगों को आजीविका प्रदान की है। मेरी योजना जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक जिले में 10 से 12 पर्यटन स्थल विकसित करने की थी। मेरी लोगों को होमस्टे सुविधाएं स्थापित करने के लिए ऋण उपलब्ध कराने की योजना थी, जिससे उन्हें कमाई के अवसर मिल सकें।

अनुच्छेद 370, 35ए निरस्त करना थी एक बड़ी गलती

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 में केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त करना एक बड़ी गलती थी। कई वर्षों में कुछ राजनीतिक गलतियां हुईं, जिन्होंने राज्य को आगे बढ़ने के बजाय पीछे धकेल दिया। अनुच्छेद 35ए, बाद में अनुच्छेद 35बी, स्वतंत्रता के बाद प्रख्यापित नहीं किया गया था। इसे 1925 में महाराजा हरि सिंह द्वारा लाया गया था।

मैंने संसद में यह कहा था कि अगर भाजपा को पता होता कि वे अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को नहीं छूते। इस गलती ने हमें और पीछे धकेल दिया। इस बात को लेकर अनिश्चितता थी कि जमीन हमारे पास रहेगी या नहीं।

नशे का कारोबार करने वालों को मिले मौत की सजा

आजाद ने पार्टी नेताओं से विरोधियों पर निजी हमले नहीं करने को कहा। उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी कहा है कि हमारे साथ राजनीतिक धोखाधड़ी हुई है, लेकिन मुझे किसी की शक्ल पर टिप्पणी क्यों करनी चाहिए।

उन्होंने जम्मू-कश्मीर में ड्रग माफिया चलाने में शामिल लोगों के लिए मौत की सजा की मांग की। आजाद ने कहा कि नशीली दवाओं का दुरुपयोग एक बड़ी समस्या बन गई है। नशे का कारोबार करके कई लोग करोड़पति बन गए हैं। उन्हें मौत की सजा दी जानी चाहिए।

जम्मू-कश्मीर

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने 15 उम्मीदवारों की लिस्ट की जारी

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जम्मू। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने 15 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। इससे पहले बीजेपी ने 44 कैंडिडेट्स को टिकट दिया था। हालांकि कुछ देर बाद ही इस लिस्ट को पार्टी ने वापस ले लिया था। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में इस बर तीन चरणों में मतदान होगा। पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को होगा। दूसरे और तीसरे चरण का मतदान 25 सिंतबर और एक अक्टूबर को होगा। वोटों की गिनती चार अक्टूबर को होगी।

बीजेपी के सूत्रों की मानें तो पार्टी इस बार 60-70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकती हैं। बता दें कि परिसीमन के बाद प्रदेश में सीटों की संख्या बढ़कर 90 हो गई। इससे पहले प्रदेश में 83 सीटें थी। हालांकि प्रदेश में कुल सीटों की संख्या 114 है, लेकिन पीओके की 24 सीटों पर चुनाव नहीं हो रहे हैं।

भाजपा के आला नेता इस बार जम्मू-कश्मीर में 7-8 रैलियां करेंगे। बता दें कि पार्टी ने इस चुनाव में किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करने का फैसला किया है। हालांकि पार्टी घाटी के उन सभी निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन करेगी जहां पार्टी चुनाव नहीं लड़ेगी। बता दें कि प्रदेश में आखिरी बार विधानसभा चुनाव 2014 में हुए थे। तब बीजेपी और पीडीपी ने मिलकर सरकार बनाई थी। 2018 में गठबंधन टूटने के बाद सरकार गिर गई थी। इसके बाद प्रदेश में 6 महीने तक राज्यपाल शासन रहा। इसके बाद प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया ।

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