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आध्यात्म

2023 में इन राशि वालों को मिलेगा भाग्य का साथ, देखें क्या आप भी हैं?

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2023 horoscope

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नई दिल्ली। साल 2023 (year 2023) को शुरू होने में अब कुछ ही समय बाकी है। नया साल कई राशि वालों के जीवन में खुशियों की सौगात ला सकता है। नए साल में कुछ राशि वालों को ग्रह- नक्षत्रों की स्थिति के कारण करियर में तरक्की व धन लाभ के योग बनेंगे।

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आइए जानेते है साल 2023 किन राशियों के लिए सबसे ज्यादा लाभकारी साबित होगा-

वृश्चिक राशि- आने वाला साल आपके लिए बहुत कुछ संजोए हुए है। तो आगे एक शानदार और बिजी साल के लिए तैयार हो जाइए। आपको कई बेहतरीन मौके मिलेंगे और आपको हर एक का पूरा फायदा उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए। क्योंकि आपके पास सभी भाग्य और आशीर्वाद हैं।

नए साल में जोखिम उठाएं लेकिन सावधान रहें कि अपने काम की गुणवत्ता से कोई समझौता न करें सिर्फ इसलिए कि 2023 एक भाग्यशाली साल है। अपनी सफलता दर को बढ़ाने के लिए भरपूर प्रयास करें। करियर की दृष्टि से भी यह वर्ष बहुत अच्छा है। आपके सारे सपने सच हो सकते हैं और आप किसी से मिल सकते हैं और प्यार में पागल हो सकते हैं।

तुला राशि- वर्ष 2023 के लिए तुला राशि प्रेम, भाग्य पाने वाली राशि हो सकती है। शुक्र ग्रह इस राशि के स्वामी हैं। आपके जीवन के लगभग हर पहलू में आप पूरी तरह से नए अवसरों और प्रमुख सफलताओं का सामना करेंगे। नई चीजों को आजमाने से पीछे न हटें। आर्थिक और घरेलू रूप से आपको बहुत लाभ होगा। आप धन लाभ के साथ-साथ करियर के संभावित अवसरों के लिए तैयार रहेंगे।

मिथुन राशि- भविष्यवाणियों के अनुसार, 2023 आपके लिए सबसे भाग्यशाली वर्षों में से एक होगा। आप अपने लक्ष्यों को प्राथमिकता देंगे और इस साल आपके सभी सपने सच होने लगेंगे। यह भाग्यशाली साल आपको अपनी इच्छाओं को प्राप्त करने में मदद करेगा, चाहे वे नौकरी में पदोन्नति पाने के लिए हों, अपने साथी से शादी के लिए कहें, या शीर्ष विश्वविद्यालयों में अध्ययन करें।

2022 की चिंताओं को दूर करें और खुश रहें क्योंकि 2023 आपके साथ बहुत प्यार से पेश आएगा। आपको अब तक अर्जित सभी ज्ञान का उपयोग करने का अवसर मिलेगा। आने वाला समय आपके लिए कई तरह के अच्छे परिणाम लेकर आएगा क्योंकि यह आपके बच्चों, आपके घर और आपके वित्त के लिए भी सकारात्मक और आशाजनक है।

डिस्कलेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों के पूर्णतया सत्य एवं सटीक होने का हमारा दावा नहीं है। अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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आध्यात्म

महाकुम्भ 2025: बड़े हनुमान मंदिर में षोडशोपचार पूजा का है विशेष महत्व, पूरी होती है हर कामना

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महाकुम्भनगर| प्रयागराज में संगम तट पर स्थित बड़े हनुमान मंदिर का कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया है। यहां आने वाले करोड़ों श्रद्धालु यहां विभिन्न पूजा विधियों के माध्यम से हनुमान जी की अराधना करते हैं। इसी क्रम में यहां षोडशोपचार पूजा का भी विशेष महत्व है। षोडशोपचार पूजा करने वालों की हर कामना पूरी होती है, जबकि उनके सभी संकट भी टल जाते हैं। मंदिर के महंत और श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर बलवीर गिरी जी महाराज ने इस पूजा विधि के विषय में संक्षेप में जानकारी दी और यह भी खुलासा किया कि हाल ही में प्रयागराज दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी मंदिर में षोडशोपचार विधि से पूजा कराई गई। उन्हें हनुमान जी के गले में पड़ा विशिष्ट गौरीशंकर रुद्राक्ष भी भेंट किया गया। उन्होंने भव्य और दिव्य महाकुम्भ के आयोजन के लिए पीएम मोदी और सीएम योगी का आभार भी जताया।

16 पदार्थों से ईष्ट की कराई गई पूजा

लेटे हनुमान मंदिर के महंत एवं श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर बलवीर गिरी जी महाराज ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक यजमान की तरह महाकुम्भ से पहले विशेष पूजन किया। प्रधानमंत्री का समय बहुत महत्वपूर्ण था, लेकिन कम समय में भी उनको षोडशोपचार की पूजा कराई गई। पीएम ने हनुमान जी को कुमकुम, रोली, चावल, अक्षत और सिंदूर अर्पित किया। यह बेहद विशिष्ट पूजा होती है, जिसमें 16 पदार्थों से ईष्ट की आराधना की। इस पूजा का विशेष महत्व है। इससे संकल्प सिद्धि होती है, पुण्य वृद्धि होती है, मंगलकामनाओं की पूर्ति होती और सुख, संपदा, वैभव मिलता है। हनुमान जी संकट मोचक कहे जाते हैं तो इस विधि से हनुमान जी का पूजन करना समस्त संकटों का हरण होता है। उन्होंने बताया कि पीएम को पूजा संपन्न होने के बाद बड़े हनुमान के गले का विशिष्ट रुद्राक्ष गौरीशंकर भी पहनाया गया। यह विशिष्ट रुद्राक्ष शिव और पार्वती का स्वरूप है, जो हनुमान जी के गले में सुशोभित होता है।

सभी को प्रेरित करने वाला है पीएम का आचरण

उन्होंने बताया कि पूजा के दौरान प्रधानमंत्री के चेहरे पर संतों का ओज नजर आ रहा था। सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि उनमें संतों के लिए विनय का भाव था। आमतौर पर लोग पूजा करने के बाद साधु संतों को धन्यवाद नहीं बोलते, लेकिन पीएम ने पूजा संपन्न होने के बाद पूरे विनय के साथ धन्यवाद कहा जो सभी को प्रेरित करने वाला है। उन्होंने बताया कि पीएम ने नवनिर्मित कॉरिडोर में श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर भी अपनी रुचि दिखाई और मंदिर प्रशासन से श्रद्धालुओं के आने और जाने के विषय में जानकारी ली। वह एक अभिभावक के रूप में नजर आए, जिन्हें संपूर्ण राष्ट्र की चिंता है।

जो सीएम योगी ने प्रयागराज के लिए किया, वो किसी ने नहीं किया

बलवीर गिरी महाराज ने सीएम योगी की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रयागराज और संगम के विषय में जितना सोचा, आज से पहले किसी ने नहीं सोचा। संत जीवन में बहुत से लोगों को बड़े-बड़े पदों पर पहुंचते देखा, लेकिन मुख्यमंत्री जी जैसा व्यक्तित्व कभी नहीं देखने को मिला। वो जब भी प्रयागराज आते हैं, मंदिर अवश्य आते हैं और यहां भी वह हमेशा यजमान की भूमिका में रहते हैं। हमारे लिए वह बड़े भ्राता की तरह है। हालांकि, उनकी भाव भंगिमाएं सिर्फ मंदिर या मठ के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए हैं। वो हमेशा यही पूछते हैं कि प्रयागराज कैसा चल रहा है। किसी मुख्यमंत्री में इस तरह के विचार होना किसी भी प्रांत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

स्वच्छता का भी दिया संदेश

उन्होंने महाकुम्भ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ को स्वच्छ महाकुम्भ बनाने का जिम्मा सिर्फ सरकार और प्रशासन का नहीं है, बल्कि श्रद्धालुओं का भी है। मेरी सभी तीर्थयात्रियों से एक ही अपील है कि महाकुम्भ के दौरान स्नान के बाद अपने कपड़े, पुष्प और पन्नियां नदियों में और न ही तीर्थस्थल में अर्पण न करें। प्रयाग और गंगा का नाम लेने से ही पाप कट जाते हैं। माघ मास में यहां एक कदम चलने से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। यहां करोड़ों तीर्थ समाहित हैं। इसकी पवित्रता के लिए अधिक से अधिक प्रयास करें। तीर्थ का सम्मान करेंगे तो तीर्थ भी आपको सम्मान प्रदान करेंगे। स्नान के समय प्रयाग की धरा करोड़ों लोगों को मुक्ति प्रदान करती है। यहां ज्ञानी को भी और अज्ञानी को भी एक बराबर फल मिलता है।

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