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अन्तर्राष्ट्रीय

कई देशों की अपील पर नरम पड़े इस्राइल के तेवर, चार दिन होगा संघर्ष विराम; लगाई यह शर्त  

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Israel attitude softened

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येरुशलम। इस्राइल पर सात अक्तूबर को हुए हमास के आतंकी हमले के बाद से गाजा पट्टी में युद्ध लगातार जारी है। एक महीने से अधिक समय से जारी हिंसक संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्र समेत कई देशों ने चिंता जताई है। शांति बहाली और युद्धविराम की अपीलों के बीच इस्राइल का तेवर थोड़ा नरम पड़ा है। बुधवार को इस्राइली मंत्रिमंडल ने एक अस्थायी संघर्ष विराम को मंजूरी दी है। इस फैसले से उम्मीद जगी है कि गाजा पट्टी में बंदी बनाए गए दर्जनों बंधकों को स्वतंत्रता मिल सकती है।

चार दिन के समझौते पर मुहर

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा कि छह हफ्तों से जारी जंग को चार दिन के लिए रोकने पर समझौता हुआ है। इस दौरान इस्राइल की सेना गाजा में हमले नहीं करेगी। साथ ही हमास 240 बंधकों में से कम से कम 50 को छोड़ेगा। पहले जो बंदी रिहा किए जाएंगे वो महिला और बच्चे होंगे। पीएम का कहना है कि सरकार अपने लोगों को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के पहले चरण के लिए रूपरेखा को मंजूरी दे दी।

150 फलस्तीनी कैदियों को करेगा रिहा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस्राइल समझौते के तहत 150 फलस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा। हालांकि, इस्राइली सरकार के बयान में इस तरह का कोई जिक्र नहीं किया गया है। वही, अभी यह भी साफ नहीं है कि अमेरिका और कतर की मध्यस्थता में यह समझौता कब लागू किया जाएगा।

हमास के खिलाफ युद्ध फिर से शुरू

सुबह होने वाली वोटिंग से पहले नेतन्याहू ने कहा कि संघर्ष विराम की अवधि समाप्त होने के बाद हमास के खिलाफ युद्ध फिर से शुरू होगा। उन्होंने कहा कि वह युद्ध तब तक जारी रखेंगे जब तक अपने सभी लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर लेते। उनके कड़े शब्दों के बावजूद, सरकार का कहना है कि वह इस संघर्ष विराम की अवधि को बढ़ा सकते है लेकिन इसके लिए यह शर्त होगी कि हमास द्वारा रिहा किए गए प्रत्येक अतिरिक्त 10 बंधकों के लिए संघर्ष विराम को एक अतिरिक्त दिन बढ़ाया जाएगा।

यह है मामला

युद्ध सात अक्टूबर को शुरू हुआ जब हमास के कई हजार आतंकवादी सीमा पार इस्राइल में घुस गए, जिसमें कम से कम 1,200 लोग मारे गए और सैकड़ों को बंधक बना लिया गया। मरने वालों में ज्यादातर आम नागरिक थे, जबकि बंधकों में छोटे बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग शामिल हैं।

वहीं, गुस्साए इस्राइल ने गाजा पर हफ्तों तक जोरदार हवाई हमले किए। बाद में, जमीनी आक्रमण भी करना शुरू कर दिया। हमास द्वारा संचालित क्षेत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस्राइल के हमले के दौरान 11,000 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान में मिला 28 लाख तोला सोना, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 600-700 अरब पाकिस्तानी रुपये

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नई दिल्ली। पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने मंगलवार को दावा किया कि उसने प्रांत में 700 अरब पाकिस्तानी रुपये से अधिक मूल्य के ‘‘सोने के बड़े भंडार’’ का पता लगाया है. पंजाब के खान एवं खनिज मंत्री सरदार शेर अली गोरचानी ने कहा, ‘‘हमने पंजाब के अटक जिले में 28 लाख तोला सोना खोजा है.’’

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने पिछले साल अटक में सोने के भंडार पर एक अध्ययन शुरू किया था और वहां भारी मात्रा में सोना होने का पता लगाया था.

मंत्री ने दावा किया, ‘‘अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के भंडार की कीमत 600-700 अरब पाकिस्तानी रुपये है.’’

उन्होंने कहा कि सरकार ने सोने के भंडार की नीलामी के लिए नियम बना दिए हैं और यह प्रक्रिया एक महीने में शुरू हो जाएगी. पाकिस्तान के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने इस संबंध में अटक में 127 स्थलों पर नमूना संग्रह किया है.

पाकिस्तान की स्थिति अब हो जाएगी बेहतर!

ऐसा कहा जा रहा है कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति अब थोड़ी सुधर सकती है. अगर किसी देश की करेंसी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमजोर है, तो सोने का भंडार उस देश की क्रय शक्ति और उसकी आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने में मदद करता है. 1991 में जब भारत की इकोनॉमी डूब रही थी और उसके पास सामान इम्पोर्ट करने के लिए डॉलर नहीं थे तो उसने सोने को गिरवी रख पैसे जुटाए थे और इस फाइनेंशियल क्राइसिस से बाहर आया था.

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