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अन्तर्राष्ट्रीय

जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन ने निकाला कोरोना के डेल्टा वैरिएंट का तोड़, कंपनी का दावा

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट से पूरी दुनिया परेशान है। वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना के डेल्टा वैरिएंट इतना संक्रामक और खतरनाक है कि इस पर वैक्सीन का भी असर बहुत ज्यादा नहीं होता है।

अब जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी ने दावा किया है कि उसकी सिंगल डोज COVID-19 वैक्सीन डेल्टा वेरिएंट और वायरस के अन्य स्ट्रेन पर काफी असरदार है।

कंपनी ने कहा है कि उसकी वैक्सीन संक्रमण के खिलाफ लंबे समय तक दोहरी सुरक्षा देती है। कंपनी के डेटा के मुताबिक उसकी वैक्सीन लेने वाले लोगों में कम से कम आठ महीने तक इम्यून रिस्पॉन्स पाया गया है। कंपनी का कहना है कि इसकी वैक्सीन 85% तक प्रभावी है। साथ ही ये अस्पताल में भर्ती होने और मौत से भी बचाती है।

जॉनसन एंड जॉनसन के अनुसंधान प्रमुख डॉक्टर मथाई मैमेन ने कहा, ‘आठ महीने के डेटा में पता चला है कि जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल शॉट वैक्सीन मजबूत न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी बनाती है जो समय के साथ-साथ बढ़ती जाती है।’ WHO के मुताबिक कोरोना का डेल्टा वेरिएंट अब धीरे-धीरे कई और देशों में भी फैलने लगा है।

अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका में भारतीय छात्र की गोली मारकर हत्या, सदमे में परिवार

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वॉशिंगटन। अमेरिका में हैदराबाद के रहने वाले एक छात्र की वॉशिंगटन डीसी में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। छात्र का नाम रवि तेजा बताया जा रहा है। रवि अपनी मास्टर की पढ़ाई करने के लिए 2022 में अमेरिका गए थे। भारतीय छात्र की हत्या की घटना उस दिन सामने आई है जिस दिन डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं।

जानकारी के अनुसार रवि तेजा को एक गैस स्टेशन के पास गोली मारी गई है। रवि 2022 में पढ़ाई करने के लिए अमेरिका आया था। अपने बेटे की मौत की खबर सुनने के बाद से ही परिवार सदमे में है।

पिछले साल नवंबर में शिकागो में इसी तरह से एक भारतीय छात्र की गोली मारकर हत्‍या कर दी गई थी। छात्र तेलंगाना के खम्‍मम जिले के रामन्‍नापेट का रहने वाला था और कुछ महीनों पहले ही पढ़ाई के लिए अमेरिका पहुंचा था। मृतक की पहचान 26 साल के नुकरपु साई तेजा के रूप में हुई थी। वह चार महीने पहले ही अपनी पढ़ाई के लिए अमेरिका पहुंचा था।

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