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उत्तर प्रदेश

मानव जीवन में अनुशासन व आत्मरक्षा का खेल है कुंगफू, भारत से जुड़ी है पृष्ठभूमि  

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लखनऊ। तमिलियन मार्शल आर्ट कलारिपयट्टू के महानायक और पूरे चीन को कुंगफू का प्रशिक्षण देने वाले भारतवंशी बोधिधर्मा का जन्म दिवस हर साल कुंगफू फेडरेशन ऑफ इंडिया (kungfu federation of india- KFI) और ड्रैगन एकेडमी ऑफ मार्शल आर्ट की तरफ से आयोजित किया जाता है।

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इसी क्रम में शनिवार को कुंग फू फेडरेशन ऑफ इंडिया और ड्रैगन एकेडमी ऑफ मार्शल आर्ट द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां तमाम गणमान्य जनों की मौजूदगी रही। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर हुई।

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इस दिन को कुंगफू दिवस के रूप में भी मनाया जाता है, जिसमें प्रदेशभर के अलग-अलग जिलों से आई 15 टीमों ने भाग लिया।  तमाम प्रतियोगिताओं में लखनऊ की टीम हमेशा की तरह अव्वल रही, जबकि जौनपुर और कौशांबी क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रही।

बता दें कि कुंगफू भले ही चीन का सबसे लोकप्रिय खेल रहा है लेकिन इसकी पृष्ठभूमि भारत से जुड़ी रही है। इसलिए कार्यक्रम में कुंगफू को भारत में अपनाने की अपील की गई। कुंगफू मानव जीवन में अनुशासन का खेल है।

कुंगफू फेडरेशन ऑफ इंडिया पूरे भारतवर्ष में कुंगफू के विस्तार के प्रयास में जुटा है। इस कार्यक्रम में प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों के साथ देश भर से आए लोगों ने शिरकत की। कार्यक्रम के अंत में कई विशिष्ट अतिथियों के हाथों विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

 इस दौरान फेडरेशन के प्रेसीडेंट एसएन बोबडे, मीडिया मैट्रिक्स के एमडी एवं वाइस प्रेसीडेंट केएफआई डॉ. चन्द्रसेन वर्मा, डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल, भादंत शांति मित्र, अंशुमान राम त्रिपाठी, जेपी शुक्ला, राजेंद्र कुमार गौतम, डॉ वैभव खन्ना, रेखा गौतम, आलोक सिंह, सत्यभामा पांडे, सिद्धार्थ लामा रानी सुबेदी लामा, मनोज सिंह सहित तमाम विशिष्ट अतिथि गण मौजूद रहे।

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उत्तर प्रदेश

हार्टफुलनेस ने आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए कराया सामूहिक ध्यान

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लखनऊ। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अभिनव पहल के रूप में घोषित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर पर श्री रामचंद्र मिशन के आईआईएम रोड स्थित हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए ध्यान एवं योग सत्र का आयोजन किया गया। योग व ध्यान का प्रकाश हर हृदय और हर घर पहुंचे, इसके लिए यहां कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रमुख सचिच संस्कृति एवं पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम उपस्थिति रहें। उन्होंने कहा कि युवाओं को ध्यान से जोड़ने की जरुरत है, जिससे वे जीवन में उन्नति भी कर सकते हैं।

हार्टफुलनेस संस्था अपने ग्लोबल गाइड पद्मभूषण कमलेश जी पटेल दाजी के मार्गदर्शन में प्राचीन योग परम्परा एवं ध्यान द्वारा मानवीय मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने हेतु दृढ़ संकल्पित है। संस्था द्वारा अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर प्राणाहुति आधारित ध्यान, प्राणायाम, आसन, मुद्रा एवं व्यक्ति के शारीरिक एवं मानसिक विकास से जुड़े सत्र प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा प्रस्तुत किए गए। समारोह में नारकोटिक्स विभाग, उत्तर प्रदेश की सक्रिय भागीदारी रही। ड्रग व मादक पदार्थों के दुष्परिणामों व ध्यान के माध्यम से इनसे दूर रहने के उपायों को यहां बताया गया।

संस्था की जोनल कोऑर्डिनेटर शालिनी महरोत्रा ने बताया कि हार्टफुलनेस संस्था ध्यान के प्रति जन जागरूकता के लिए समर्पित है। ध्यान हमारी भावनाओं को संतुलित कर आधुनिक जीवन की आपाधापी के बीच शांति और स्थिरता प्रदान करता है। इसके महत्व को स्वीकार कर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस घोषित किया है। उन्होंने बताया कि हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में नियमित प्रात: व शाम को ध्यान सत्र का आयोजन किया जाता है। हार्टफुलनेस संस्था द्वारा पिछले वर्ष 7 से 9 अप्रैल को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में अलीगंज स्थित स्टेडियम में हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान का आयोजन किया था, जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों ने एक साथ ध्यान व योग किया था।

अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस पर आलमबाग के फीनिक्स मॉल स्थित हार्टफुलनेस लॉन्ज में भी विशेष ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। यहां हर दिन नि:शुल्क हार्टफुलनेस ध्यान सिखाया जाता है, जिसका लाभ युवाओं को विशेष रूप से मिलता है।

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