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कुनो नेशनल पार्क की ‘आशा’ ने जगाई आशा, जन्म लेंगे नन्हे शावक

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कुनो नेशनल पार्क

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ग्‍वालियर (मप्र)। देश में करीब 70 साल बाद अफ्रीकी देश नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को मप्र के कुनो नेशनल पार्क छोड़ा गया। 1952 के बाद विलुप्त हुई चीतों की प्रजाति के अब भारत भूमि पर बढ़ने उम्मीद बंध गई है। इन 8 चीतों में पांच मादा व तीन नर है, अब इन्ही मादा चीतों में से एक ‘आशा’ गर्भवती है।

कुनो नेशनल पार्क से गुड न्यूज आई है। मादा चीता आशा ने गर्भवती होकर इस प्रोजेक्‍ट की सफलता की पहली उम्‍मीद बांध दी है। चीतों की निगरानी करने वाली टीम के अधिकारियों के मुताबिक, आशा में एक गर्भवती मादा चीता वाले सभी लक्षण दिख रहे हैं। आशा की उम्र साढ़े तीन साल बतायी गई है।

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नामीबिया से चीतों को भारत लाने में अहम भूमिका निभाने वाले चीता संरक्षण कोष के प्रमुख लॉरी मार्कर ने भी ऐसे संकेत दिए हैं। मार्कर ने बताया, चूंकि आशा नामीबिया में एक प्राकृतिक जंगली वातावरण में रहती थी, इसलिए उसने नामीबिया में ही गर्भधारण किया होगा।

मार्कर के अनुसार, आशा को गर्भकाल के दौरान पूरी तरह से शांत वातावरण की आवश्यकता होगी। लोगों को उसके आसपास जाने से रोका जाएगा। ताकि उसका तनाव कम हो सके और वह अच्छे चीतों को जन्म दे सके।

17 सितंबर को कुनो नेशनल पार्क में छोड़े गए थी चीते

गौरतलब है कि 17 सितंबर प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के जन्‍मदिवस पर को 8 चीतों को मप्र के श्योपुर के कुनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने ही मादा चीता को आशा नाम दिया था।

आशा के गर्भवती होने से आशा की किरण नजर आने लगी है। यह बात इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सत्तर साल बाद देश में चीते जन्‍म लेंगे। नन्‍हें चीतों के आगमन के लिए कुनो नेशनल पार्क भी पूरी तरह से तैयार है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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