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उत्तर प्रदेश

इंजीनियरिंग और मॉडलिंग छोड़ पुरातन सनातन से जुड़ रहे युवा

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महाकुम्भनगर : प्रोफेशनल लाइफ जी रहे आज के दौर के युवाओं में पुरातन सनातन संस्कृति का आकर्षण लगातार बढ़ता जा रहा है। देश-विदेश में स्थापित एंकर, मॉडल और इंजीनियर जैसे पेशेवर अब भारतीय परंपराओं और अध्यात्म से गहराई से जुड़ रहे हैं। महाकुम्भ के दौरान ऐसे तमाम उदाहरण सामने आए। इनमें एक ओर उत्तराखंड की युवती ने ग्लैमर की दुनिया छोड़कर स्वामी कैलाशानंद गिरि से दीक्षा ली, तो दूसरी ओर आईआईटी बॉम्बे के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के स्टूडेंट रहे इंजीनियर बाबा ने विज्ञान के माध्यम से श्रद्धालुओं को आध्यात्म की गहराइयों से परिचित कराया।

ग्लैमर की दुनिया से सनातन धर्म की शरण में आई युवती

उत्तराखंड निवासी हर्षा देश और विदेश में ग्लैमर इंडस्ट्री का हिस्सा रही हैं। उन्होंने महाकुम्भ में सनातन धर्म की दीक्षा ली। उन्होंने कहा, प्रोफेशनल लाइफ में दिखावे और आडंबर से भरी जिंदगी ने मुझे उबा दिया। मैंने महसूस किया कि वास्तविक सुख और शांति केवल सनातन धर्म की शरण में ही है। स्वामी कैलाशानंद गिरि से दीक्षा लेने के बाद मैंने जीवन का नया अर्थ समझा है।

इंजीनियर बाबा बोले, विज्ञान और अध्यात्म का संगम है महाकुम्भ

हरियाणा के मूल निवासी और आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र अभय सिंह को अब इंजीनियर बाबा के नाम से जाना जाता है। महाकुम्भ में श्रद्धालुओं को विज्ञान और अध्यात्म का अनोखा संगम समझा रहे हैं। बाबा जी ने एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी में अपने गहन ज्ञान का उपयोग करते हुए, कॉपी और डायग्राम के माध्यम से श्रद्धालुओं को जीवन और अध्यात्म का महत्व समझाया। बाबा जी ने कहा, साइंस केवल भौतिक जगत को समझाने का माध्यम है, लेकिन इसका गहन अध्ययन हमें अध्यात्म की ओर ले जाता है। जो व्यक्ति जीवन को पूर्ण रूप से समझ लेता है, वह अंततः आध्यात्म की गोद में चला जाता है।

महाकुम्भ ने बढ़ाया सनातन धर्म का प्रभाव

महाकुम्भ में आए लाखों श्रद्धालु भारतीय संस्कृति और आध्यात्म की विविधता से परिचित हो रहे हैं। इंजीनियर बाबा जैसे लोग और ग्लैमर की दुनिया से आई युवती हर्षा का सनातन धर्म के प्रति झुकाव इस बात का प्रमाण है कि आधुनिक जीवन शैली से ऊबकर लोग शांति और स्थायित्व की तलाश में भारतीय परंपराओं की ओर रुख कर रहे हैं। महाकुम्भ के इस आयोजन ने न केवल सनातन धर्म की महानता को प्रदर्शित किया, बल्कि प्रोफेशनल्स और युवाओं के जीवन में आध्यात्मिकता की आवश्यकता को भी उजागर किया। यह आयोजन आधुनिक और पारंपरिक मूल्यों के संगम का प्रतीक बनता जा रहा है।

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उत्तर प्रदेश

प्रथम अमृत स्नान पर्व पर 3.50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने किया त्रिवेणी में स्नान

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महाकुम्भ नगर/लखनऊ। मकर संक्रांति के पावन अवसर पर महाकुम्भ 2025 में गंगा स्नान करने वालों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर एक भावपूर्ण पोस्ट के जरिए आस्था, समता और एकता के इस महासमागम में शामिल पूज्य संतों, कल्पवासियों और श्रद्धालुओं का अभिनंदन किया।

सीएम योगी ने महाकुम्भ को सनातन धर्म की अनुपम शक्ति और आस्था का प्रतीक बताते हुए कहा, “प्रथम अमृत स्नान पर्व पर आज 3.50 करोड़ से अधिक पूज्य संतों और श्रद्धालुओं ने अविरल-निर्मल त्रिवेणी में स्नान का पुण्य लाभ अर्जित किया।” मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुम्भ के प्रथम अमृत स्नान पर्व के सफल आयोजन के लिए सभी संबंधित विभागों और संगठनों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “सनातन धर्म के आधार सभी पूज्य अखाड़ों, महाकुम्भ मेला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन, स्वच्छताकर्मियों, स्वयंसेवी संगठनों एवं धार्मिक संस्थाओं, नाविकों तथा महाकुम्भ से जुड़े केंद्र व प्रदेश सरकार के सभी विभागों को हृदय से साधुवाद।”

इस मौके पर उन्होंने प्रदेशवासियों और श्रद्धालुओं को अपनी शुभकामनाएं दीं और आस्था के इस महायज्ञ के सुचारु रूप से चलने की कामना करते हुए उन्होंने लिखा, “पुण्य फलें, महाकुम्भ चलें।” महाकुम्भ 2025 में मकर संक्रांति पर संगम तट पर उमड़ी भक्तों की भीड़ और उनके उत्साह ने एक बार फिर भारतीय संस्कृति और परंपरा की अद्वितीय छवि प्रस्तुत की।

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