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प्रादेशिक

पानी के कंटेनर में 2 दिनों तक फंसा रहा तेंदुए का सिर, 48 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन

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बीते कुछ महीनों से उत्तर प्रदेश समेत देश के अलग अलग जिलों और शहरों में तेंदुओं की दहशत देखने को मिल रही थी। तेंदुओं ने कई लोगों को घायल किया और कइयों ने अपनी जान गवाई। लेकिन अब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिससे ये बात साबित हो जाती है कि खूंखार जानवरों को भी इंसानों की मदद की ज़रूरत पड़ सकती है।

जी हां, महाराष्ट्र के ठाणे से एक वीडियो वायरल हुआ है। इस वीडियो में तेंदुए के एक शावक का सिर एक प्लास्टिक के कंटेनर में फंसा हुआ दिखा। शावक अपनी जान बचाने के लिए जद्दोजहत करता हुआ नज़र आया। करीब 48 घंटे तक उसका सिर कंटेनर में फसा रहा। बेचारा शावक दर्द से कराहता रहा और अपना सिर बहार निकलने की कोशिश करता रहा लेकिन वो कामियाब नहीं हो पाया। आखिरकार 30 से अधिक लोगों ने बड़ी मेहनत से सिर में फंसे हुए कंटनेर को निकाला।

बीते मंगलवार को स्थानीय वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शावक को रविवार रात बदलापुर के गोरेगांव क्षेत्र में घूमते हुए देखा गया था। इससे पहले कुछ पर्यटकों ने कंटेनर में फंसे सिर के साथ तेंदुए के शावक को इधर-उधर भागते हुए देखा था और उसका वीडियो बनाया था। फिर यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. फिर पर्यटकों ने तेंदुए की इस हालत में देखकर फौरन ही वन विभाग को जानकारी दी थी। बुधवार रात को ही वन विभाग की टीम बदलापुर के जंगलों में पहुंच गई और उन्होंने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। ठाणे वन विभाग, बोरीवली स्थित मुंबई वनविभाग के अधिकारी, रेस्क्यू टीम, मेडिकल टीम और स्थानीय गांव वालों की मदद सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया।

उत्तर प्रदेश

हार्टफुलनेस ने आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए कराया सामूहिक ध्यान

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लखनऊ। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अभिनव पहल के रूप में घोषित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर पर श्री रामचंद्र मिशन के आईआईएम रोड स्थित हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए ध्यान एवं योग सत्र का आयोजन किया गया। योग व ध्यान का प्रकाश हर हृदय और हर घर पहुंचे, इसके लिए यहां कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रमुख सचिच संस्कृति एवं पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम उपस्थिति रहें। उन्होंने कहा कि युवाओं को ध्यान से जोड़ने की जरुरत है, जिससे वे जीवन में उन्नति भी कर सकते हैं।

हार्टफुलनेस संस्था अपने ग्लोबल गाइड पद्मभूषण कमलेश जी पटेल दाजी के मार्गदर्शन में प्राचीन योग परम्परा एवं ध्यान द्वारा मानवीय मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने हेतु दृढ़ संकल्पित है। संस्था द्वारा अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर प्राणाहुति आधारित ध्यान, प्राणायाम, आसन, मुद्रा एवं व्यक्ति के शारीरिक एवं मानसिक विकास से जुड़े सत्र प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा प्रस्तुत किए गए। समारोह में नारकोटिक्स विभाग, उत्तर प्रदेश की सक्रिय भागीदारी रही। ड्रग व मादक पदार्थों के दुष्परिणामों व ध्यान के माध्यम से इनसे दूर रहने के उपायों को यहां बताया गया।

संस्था की जोनल कोऑर्डिनेटर शालिनी महरोत्रा ने बताया कि हार्टफुलनेस संस्था ध्यान के प्रति जन जागरूकता के लिए समर्पित है। ध्यान हमारी भावनाओं को संतुलित कर आधुनिक जीवन की आपाधापी के बीच शांति और स्थिरता प्रदान करता है। इसके महत्व को स्वीकार कर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस घोषित किया है। उन्होंने बताया कि हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में नियमित प्रात: व शाम को ध्यान सत्र का आयोजन किया जाता है। हार्टफुलनेस संस्था द्वारा पिछले वर्ष 7 से 9 अप्रैल को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में अलीगंज स्थित स्टेडियम में हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान का आयोजन किया था, जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों ने एक साथ ध्यान व योग किया था।

अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस पर आलमबाग के फीनिक्स मॉल स्थित हार्टफुलनेस लॉन्ज में भी विशेष ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। यहां हर दिन नि:शुल्क हार्टफुलनेस ध्यान सिखाया जाता है, जिसका लाभ युवाओं को विशेष रूप से मिलता है।

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