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Loksabha Election: सात चरणों में होंगे लोकसभा चुनाव, 4 जून को आएंगे नतीजे

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नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का एलान कर दिया है। लोकसभा चुनाव सात चरणों में होंगे। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होगा, दूसरे का 26 अप्रैल, तीसरे चरण में 7 मई को वोट डाले जायेंगे। वहीं चौथे चरण में 13 मई को वोटिंग होगी। पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होगा। इसके बाद छठे और सातवें चरण का मतदान क्रमशः 25 मई और 1 जून को होगा। वहीं 4 जून को नतीजे घोषित किए जाएंगे।

इससे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि 2024 का साल दुनियाभर में चुनाव का साल है। हमारी टीम चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है। हमें विश्वास है कि हम पूरी निष्पक्षता के साथ चुनाव कराने को लेकर तैयार हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े और सबसे जीवंत लोकतंत्र के रूप में भारत पर सभी का ध्यान केंद्रित रहता है। लोकतंत्र के रंग यहां उभरते हैं और सभी हिस्सों का इसमें समावेश होता है। हमारा वादा है कि हम चुनाव इस तरह कराएंगे जो देश की चमक को बढ़ाएगा।

राजीव कुमार बोले कि 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून 2024 को खत्म हो रहा है। 97 करोड़ रजिस्टर्ड वोटर्स हैं। यह संख्या अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया के कुल मतदाताओं से कहीं ज्यादा है। 10.5 लाख पोलिंग स्टेशन हैं। 55 लाख से ज्यादा ईवीएम हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग अब तक 17 आम चुनाव और 400 से ज्यादा विधानसभा चुनाव करवा चुका है। 16 राष्ट्रपति चुनाव और 16 उपराष्ट्रपति चुनाव भी चुनाव आयोग ने करवाए हैं। उन्होंने कहा कि 2 साल तक चुनावों की तैयारी की है।

चुनाव आयोग ने बताई हर उम्र वर्ग के मतदाताओं की कुल संख्या

राजीव कुमार ने कहा कि हमने पिछले एक साल में नए वोटरों को जोड़ने पर बहुत मेहनत की है। इस बार 18 से 19 वर्ष के 1.8 करोड़ मतदाता होंगे। 20 से 29 साल उम्र के 19.74 करोड़ मतदाता होंगे। 82 लाख मतदाता ऐसे हैं, जिनकी उम्र 85 साल से ज्यादा है।

बुजुर्गों के लिए सहुलियत देने की बात करते हुए राजीव कुमार ने कहा, “देशभर में 85 साल से अधिक उम्र के जितने भी वोटर्स हैं, उनके घर जाकर मतदान करवाया जाएगा। इस बार देश में पहली बार ये व्यवस्था एक साथ लागू होगी कि जो 85 साल से अधिक उम्र के वोटर्स हैं और जिन्हें 40% से अधिक की विकलांगता है, उनके पास हम फॉर्म पहुंचाएंगे अगर वो मतदान का ये विकल्प चुनते हैं।

उन्होंने कहा कि वोटर्स लिस्ट में बढ़ता लिंगानुपात महिलाओं द्वारा वोट देने के अपने अधिकार का जश्न मनाने का शानदार प्रमाण है। हमारे लगातार प्रयासों ने महिलाओं को इस प्रक्रिया में ला दिया है। 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाताओं का लिंग अनुपात 1000 से अधिक है। इस साल के चुनाव में 85 लाख से अधिक पहली बार महिला मतदाता भाग लेंगी।

हर जिले में बनेगा कंट्रोल रूम

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव में हिंसा का कोई स्थान नहीं, इससे बचने के लिए सख्ती से निपटेंगे। हर जिले में कंट्रोल रूम बनाया गया है। किसी भी उम्मीदवार का आपराधिक रिकार्ड है तो उसे 3 बार अखबार और टीवी पर बताना पड़ेगा। राजनैतिक पार्टी को भी बताना पड़ेगा कि वो उसे टिकट क्यों दे रही है। हमारा वादा इस तरह से राष्ट्रीय चुनाव कराने का है, जिससे विश्व स्तर पर भारत का गौरव बढ़े। कंट्रोल रूम में हमेशा एक सीनियर अधिकारी मौजूद रहेगा। शिकायत मिलने पर फौरन सख्त कार्रवाई की जाएगी। चुनाव आयोग अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई भी करेगा। फेक न्यूज चलाने वालों पर एक्शन लिया जाएगा। आयोग सच और झूठ की जानकारी भी देगा। उन्होंने आगे कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक दल को नफरती भाषण देने से बचना चाहिए। राजनीतिक दलों को धार्मिक टिप्पणी करने से बचना चाहिए।

बता दें कि साल 2019 लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई के बीच कराए गए थे। इस दौरान कुल 7 चरणों में मतदान हुआ था। वहीं वोटों की गिनती 23 मई को हुई थी। उसी दिन परिणाम भी जारी कर दिए गए थे। वहीं 2014 का लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान 5 मार्च को किया गया था। 2014 के लोकसभा चुनाव 7 अप्रैल से 12 मई के बीच हुए थे. इस दौरान कुल 9 चरणों में मतदान हुआ था।

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शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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