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उत्तर प्रदेश

लखनऊ को जाम से मिलेगी मुक्ति, अब कैसरबाग बस अड्डा जानकीपुरम में होगा शिफ्ट

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उत्तर प्रदेश में लखनऊ के सबसे व्यस्तम इलाकों में से एक कैसरबाग को ट्रैफिक जाम से जल्द ही निजात मिलने वाली है। चर्चा है कि कैसरबाग बस अड्डे को जानकीपुरम में शिफ्ट किया जाएगा। बताया जा रहा है कि बस अड्डा स्थानांतरित किए जाने की योजना पर काम भी शुरू हो गया है। इसको लेकर अधिकारियों के बीच अहम बैठक भी हो चुकी है।

बीते मंगलवार को सिटी डेवलपमेंट प्लान के अंतर्गत तैयार किए गए प्रस्ताव को लेकर लखनऊ विकास प्राधिकरण व यूपीएसआरटीसी के अधिकारियों के समक्ष एक अहम बैठक हुई। वहीं, एलडीए उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि अयोध्या रोड पर अवध बस अड्डा संचालित होने से कैसरबाग बस अड्डे पर बसों का लोड कुछ कम हुआ है।

कैसरबाग से चल रही 1300 बसें

कैसरबाग बस अड्डे से लगभग 1300 बसें संचालित होती हैं, जिससे शहर के इस बड़े क्षेत्र में ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है। उन्होंने बताया कि जाम की समस्या को खत्म करने के लिए सिटी डेवलपमेंट प्लान में एक प्रस्ताव बनाया गया है। इस पर चर्चा करने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अधिकारियों के साथ बैठक की गई।

बैठक में कई पहलुओं पर हुई चर्चा

एलडीए उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि सिटी डेवलपमेंट प्लान में भविष्य की आवयश्यक्तानुसार आउटर रिंग रोड पर बस अड्डों के निर्माण का प्रस्ताव भी दिया गया है। बैठक के दौरान इस प्रस्ताव पर भी विस्तृत चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग के अधिकारियों से कहा गया है कि वे यात्रियों की सुविधा और बसों के मूवमेंट के आधार पर यह तय कर लें कि कहां-कहां पर बस अड्डों के लिए जमीन की आवश्यकता है। उसके अनुसार ही मास्टर प्लान में आउटर रिंग रोड पर बस अड्डों के लिए जमीन मार्क की जाएगी।

जानकीपुरम में किया जाएगा स्थानांतरित

इस महत्वपूर्ण बैठक में प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी और सचिव पवन कुमार गंगवार समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। वहीं मिल रही जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में कैसरबाग बस अड्डे को जानकीपुरम में लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा परिवहन विभाग को आवंटित की गई भूमि पर स्थानांतरित करने पर विचार किया गया है। इसके अलावा कैसरबाग बस अड्डे की उपलब्ध भूमि को पुनर्विकसित किए जाने के संबंध में कार्रवाई शुरू करने पर भी चर्चा की गई।

उत्तर प्रदेश

हार्टफुलनेस ने आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए कराया सामूहिक ध्यान

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लखनऊ। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अभिनव पहल के रूप में घोषित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर पर श्री रामचंद्र मिशन के आईआईएम रोड स्थित हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए ध्यान एवं योग सत्र का आयोजन किया गया। योग व ध्यान का प्रकाश हर हृदय और हर घर पहुंचे, इसके लिए यहां कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रमुख सचिच संस्कृति एवं पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम उपस्थिति रहें। उन्होंने कहा कि युवाओं को ध्यान से जोड़ने की जरुरत है, जिससे वे जीवन में उन्नति भी कर सकते हैं।

हार्टफुलनेस संस्था अपने ग्लोबल गाइड पद्मभूषण कमलेश जी पटेल दाजी के मार्गदर्शन में प्राचीन योग परम्परा एवं ध्यान द्वारा मानवीय मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने हेतु दृढ़ संकल्पित है। संस्था द्वारा अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर प्राणाहुति आधारित ध्यान, प्राणायाम, आसन, मुद्रा एवं व्यक्ति के शारीरिक एवं मानसिक विकास से जुड़े सत्र प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा प्रस्तुत किए गए। समारोह में नारकोटिक्स विभाग, उत्तर प्रदेश की सक्रिय भागीदारी रही। ड्रग व मादक पदार्थों के दुष्परिणामों व ध्यान के माध्यम से इनसे दूर रहने के उपायों को यहां बताया गया।

संस्था की जोनल कोऑर्डिनेटर शालिनी महरोत्रा ने बताया कि हार्टफुलनेस संस्था ध्यान के प्रति जन जागरूकता के लिए समर्पित है। ध्यान हमारी भावनाओं को संतुलित कर आधुनिक जीवन की आपाधापी के बीच शांति और स्थिरता प्रदान करता है। इसके महत्व को स्वीकार कर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस घोषित किया है। उन्होंने बताया कि हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में नियमित प्रात: व शाम को ध्यान सत्र का आयोजन किया जाता है। हार्टफुलनेस संस्था द्वारा पिछले वर्ष 7 से 9 अप्रैल को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में अलीगंज स्थित स्टेडियम में हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान का आयोजन किया था, जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों ने एक साथ ध्यान व योग किया था।

अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस पर आलमबाग के फीनिक्स मॉल स्थित हार्टफुलनेस लॉन्ज में भी विशेष ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। यहां हर दिन नि:शुल्क हार्टफुलनेस ध्यान सिखाया जाता है, जिसका लाभ युवाओं को विशेष रूप से मिलता है।

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