Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

महाराष्ट्र: तो क्या गिर सकती है उद्धव ठाकरे सरकार? जानिए आंकड़ों का गणित

Published

on

Loading

मुंबई। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार अपने अबतक के सबसे बड़े सियासी संकट में फंसती नजर आ रही है। राज्यसभा और एमएलसी चुनाव में लगे झटके के बाद अब महाविकास अघाड़ी सरकार के बने रहने पर संकट आ गया है।

खासकर शिवसेना को बड़ा झटका लगता नजर आ रहा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना के करीब 26 विधायक नेतृत्व के संपर्क में नहीं हैं। सूत्रों के मुताबिक, ये विधायक गुजरात के सूरत के किसी होटल में हैं। इस बड़े राजनीतिक संकट के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सभी विधायकों की बैठक बुला ली है।

यहां से शुरू हुआ सियासी खेल

दरअसल, महाराष्ट्र में सियासी खेल राज्यसभा चुनाव से शुरू हुआ। राज्यसभा चुनाव में 113 विधायकों के समर्थन वाली भाजपा को 123 वोट मिले थे। इसके बाद एमएलसी चुनावों में उसकी ताकत और बढ़ गई।

कल सोमवार को हुए विधानपरिषद चुनाव में भाजपा को 134 विधायकों का समर्थन हासिल हुआ और पार्टी अपने पांचों उम्मीदवारों को जिताने में कामयाब रही। इसके उलट शिवसेना को अपने 55 विधायकों व समर्थक निर्दलीय विधायकों के बावजूद सिर्फ 52 वोट मिले।

विधानसभा में क्या है आंकड़ों का गणित?  

महाराष्ट्र विधानसभा में सीटों की संख्या 288 है। यहां सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को 145 विधायकों का समर्थन चाहिए। 2019 में हुए चुनावों में 105 सीटें जीतने के बावजूद भाजपा बहुमत से दूर रह गई।

इसके बाद 57 सीटों वाली शिवसेना, 53 सीटों वाली एनसीपी और 44 सीटों वाली कांग्रेस ने यहां गठबंधन की सरकार बनाई। तीनों दलों के पास अपने 154 थे। इसके अलावा अन्य दलों व निर्दलीय विधायकों के साथ सरकार को कुल 169 विधायकों का समर्थन प्राप्त था।

कैसे बदल रहा समीकरण?

विधानपरिषद चुनावों के बाद यह तो स्पष्ट हो गया है कि महाराष्ट्र में भाजपा को अब 134 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। यानी बहुमत हासिल करने के लिए उसे अब सिर्फ 11 विधायक और चाहिए।

उधर, शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे समेत शिवसेना के करीब 26 विधायक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के संपर्क में नहीं हैं। माना जा रहा है ये विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस और एनसीपी के भी कुछ विधायक भाजपा के पाले में जा सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो महाराष्ट्र में उद्धव सरकार के लिए नया संकट खड़ा हो जाएगा।

इसलिए गिर सकती है सरकार

288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत के लिए 145 विधायक चाहिए। वर्तमान में एक सीट रिक्त है जबकि दो विधायक जेल में हैं, इसलिए प्रभावी संख्या 285 है। ऐसे में बहुमत के लिए 143 सदस्यों का समर्थन चाहिए।

दावा है कि ठाकरे सरकार के पास 153 विधायकों का समर्थन है। यदि शिवसेना में फूट पड़ती है तो कांग्रेस के भी कुछ विधायक टूट कर भाजपा का दामन थाम सकते हैं।

भाजपा पहले से सबसे बड़ी पार्टी है। भाजपा के 106 विधायक हैं तो राजग के मिलाकर 113 विधायक हैं। इसलिए वह दावा पेश कर इनका समर्थन हासिल कर सकती है।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

Published

on

Loading

संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

Continue Reading

Trending