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वेब सीरीज ‘तांडव’ को लेकर मायावती ने किया ट्वीट, जिन दृश्यों पर विवाद उन्हें हटाया जाए

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लखनऊ। वेब सीरीज तांडव को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। तमाम हिन्दू संगठनों ने इसके मेकर्स और एक्टर्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वेब सीरीज ‘तांडव’ में हिन्दू देवी-देवताओं के अपमान और जातिगत भावनाओं को भड़काने का काम किया गया है।

वहीँ, बहुजन समाज पार्टी के मुखिया मायावती ने भी इस मामले में अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा है कि इस वेब सीरीज में जिन दृश्यों को लेकर विवाद है, उन्हें हटा देना चाहिये। बसपा सुप्रीमो ने ट्वीट करते हुये कहा कि, ”तांडव वेब सीरीज में धार्मिक व जातीय आदि भावना को आहत करने वाले दृश्यों को लेकर विरोध दर्ज किये जा रहे हैं, जिसके संबंध में जो भी आपत्तिजनक है उन्हें हटा दिया जाना उचित होगा ताकि देश में कहीं भी शान्ति, सौहार्द व आपसी भाईचारे का वातावरण खराब न हो।”

इस सीन को लेकर है विवाद

सोशल मीडिया पर वेब सीरीज का एक सीन वायरल हो रहा है। इसमें कॉलेज में हो रहे एक प्ले में मोहम्मद जीशान अयूब भगवान शिव की भूमिका निभाते नजर आ रहे हैं। लेकिन इसे बड़े मजाकिया अंदाज में पेश किया गया है। इतना ही नहीं एक बारगी वे गाली देते भी सुने जा सकते हैं।

लखनऊ में एफआईआर दर्ज

लखनऊ पुलिस द्वारा हजरतगंज कोतवाली में वेब सीरीज तांडव को बनाने और रिलीज़ कराने वालों के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज करा दी गई है। हजरतगंज थाने के वरिष्ठ उपनिरीक्षक अमरनाथ यादव की तहरीर पर तांडव वेब सीरीज को रिलीज कराने वाले OTT प्लेटफॉर्म अमेज़न प्राइम वीडियो की ओरिजनल कंटेंट हेड इंडिया अपर्णा पुरोहित, तांडव वेब सीरीज़ के डायरेक्टर अली अब्बास जफर, प्रोड्यूसर हिमांशु कृष्णा मेहरा और राइटर गौरव सोलंकी के खिलाफ नामजद और एक अन्य अज्ञात समेत 5 लोगों के खिलाफ हजरतगंज थाने में कई गंभीर धाराओं में एफआईआर कराई गई है।

बता दें, तांडव को बीते शुक्रवार को अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज किया गया। वेब सीरीज में सैफ अली खान के अलावा कुमुद मिश्रा, डिंपल कपाड़िया, तिंग्माशु धूलिया, सुनील ग्रोवर, डीनो मोरिया और कृति कामरा अहम भूमिका में हैं।

नेशनल

शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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