उत्तर प्रदेश
विधायक अब्बास अंसारी की जमानत अर्जी खारिज, अधिकारियों को दी थी धमकी
मऊ। उप्र विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान एक जनसभा में अधिकारियों को धमकी देने के मामले में आरोपी विधायक अब्बास अंसारी की जमानत अर्जी खारिज हो गई है। अंसारी की ओर से एमपी/ एमएलए कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दी गई थी।
जिस पर सीजेएम श्वेता चौधरी ने उनके अधिवक्ता और सहायक अभियोजन अधिकारी रविंद्र प्रताप यादव के तर्कों को सुनने तथा केस डायरी का अवलोकन करने के बाद जमानत अर्जी खारिज कर दी। मामला शहर कोतवाली क्षेत्र का है।
अभियोजन के अनुसार एसआई गंगाराम बिंद की तहरीर पर शहर कोतवाली में अपराध संख्या 97/ 22 धारा 506, 171च भादवि के तहत एफआईआर दर्ज हुई। इसमें मऊ के सदर विधायक अब्बास अंसारी व अन्य को आरोपी बनाया गया।
क्या था आरोप
आरोप था कि 3 मार्च 2022 को उप्र विधानसभा चुनाव के दौरान सदर विधानसभा सीट से सुभासपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे अब्बास अंसारी ने नगर क्षेत्र के पहाड़पुर मैदान में जनसभा के दौरान जनपद मऊ के प्रशासन को चुनाव के बाद रोककर हिसाब किताब करने व इसके बाद सबक सिखाने की धमकी मंच से दी थी।
पुलिस ने विवेचना मे मामले में धारा 506, 171 एफ,186,189,153 ए, 120 बी भादवि में सदर विधायक अब्बास अंसारी व उनके भाई उमर अंसारी, इलेक्शन एजेंट गाजीपुर जनपद के पुरानी कचहरी यूसुपुर मुहम्मदाबाद निवासी मंसूर अंसारी आदि के विरुद्ध आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया है।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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