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प्रादेशिक

मुलायम सिंह यादव ने किया चुनाव प्रचार, अखिलेश के लिए मांगे वोट

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नई दिल्ली। मैनपुरी के हाई प्रोफाइल हो चुके चुनाव में गुरुवार को सपा संरक्षक मुलायम सिंह पहुंचे। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि करहल से अखिलेश यादव को भारी वोटों से जिताने का काम करें।

सपा संरक्षक एवं पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने इस विधानसभा चुनाव में पहली बार अपने बेटे अखिलेश यादव के लिए चुनावी प्रचार किया है। उन्होंने मैनपुरी के करहल में गुरुवार को जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस देश को किसान, व्यापारी और नौजवान ही मजबूत करेंगे। इन तीनों की उम्मीदों को समाजवादी पार्टी पूरा करेगी। सपा की नीतियां स्पष्ट हैं।

उन्होंने कहा कि सपा सरकार आने पर किसानों के लिए खाद और बीज का इंतजाम किया जाएगा। सिंचाई के साधन उपलब्ध कराए जाएंगे। पैदावार बढ़ेगी तो किसानों की हालत सुधरेगी। नौजवानों की नौकरी मिलेगी। मैं विश्वास दिलाता हूं कि नौजवानों को नौकरी का इंतजाम किया जाएगा। व्यापारियों को सुविधा दी जाएगी, जिससे वह किसान की फसल को खरीद सकेंगे।

मुलायम ने कहा कि सरकार अगर नौकरी नहीं दे सकती है तो कम से कम युवाओं को सुविधा दी जाए, आर्थिक मदद की जाए कि वह खुद कुछ कर सकें और आगे बढ़ सकें। सपा संरक्षक ने कहा कि हमारी सरकार में किसानों को लाभ पहुंचाया जाएगा। पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि किसान, नौजवान और व्यापारियों को लेकर सपा की सरकार सजग रहेगी और उनके हित में काम करेगी।

ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में चल रहे सत्ता संग्राम के बीच मैनपुरी के सांसद और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव पहली बार चुनाव प्रचार में उतरे हैं। 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव मैनपुरी लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल करने आए थे। इसके बाद से उनका मैनपुरी में आगमन नहीं हो पाया था। इटावा और मैनपुरी सपा का बेहद मजबूत किया है। 2017 में जब भाजपा यूपी में 300 से अधिक सीटों पर कमल खिलाने में कामयाब रही थी तब भी मैनपुरी की चारों सीटों पर उसे हार का सामना करना पड़ा था। करहल सीट की बात करें तो 2017 में सपा के सोबरन यादव ने यहां से जीत हासिल की थी।

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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