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मुलायम सिंह यादव की अस्थियां गंगा में विसर्जित, कई बार नाम हुईं अखिलेश की आंखें

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Mulayam Singh Yadav

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हरिद्वार। सपा संस्‍थापक व उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की अस्थियां मोक्ष की कामना के साथ आज हरिद्वार के नमामि गंगा घाट से पवित्र गंगा नदी में विसर्जित हो गईं। अस्थि विसर्जन की प्रक्रिया के लिए पूरा यादव परिवार पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव की अगुवाई में गंगा घाट पहुंचा।

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सैफई की कोठी से अखिलेश अस्थि कलश लिए हरिद्वार के लिए निकले तो उनके साथ चाचा शिवपाल यादव और पत्‍नी डिंपल यादव सहित पूरा कुनबा था। प्राइवेट जेट से सैफई हवाई पट्टी से देहरादून के जौली ग्रांट एयरपोर्ट तक सफर में भी चाचा शिवपाल, अखिलेश और डिंपल के साथ रहे।

नमामि गंगे घाट पर अस्थि विसर्जन से पहले ही पूजा के दौरान घाट से कुछ दूरी पर बड़ी तादाद में Mulayam Singh Yadav के समर्थक मौजूद रहे। घाट पर सुरक्षा के कड़े इंतजामों के बीच दोपहर 2:10 बजे अखिलेश यादव ने अपने पिता प्रसिद्ध मुलायम सिंह यादव की अस्थियां गंगा में विसर्जित कर दीं। कर्मकांड के दौरान कई बार अखिलेश की आंखें नम हुईं।

अस्थि विसर्जन की प्रक्रिया के बाद अखिलेश यादव नदी से निकलकर वापस घाट पर लौटे। यहां एक बार फिर उन्‍होंने अस्थि विसर्जन के बाकी कर्मकांड पूरे किए। सबने दोनों हाथ जोड़कर मां गंगा को प्रणाम करने के साथ मुलायम सिंह यादव को भी नमन किया। इसी के साथ पूजन की प्रक्रिया सम्‍पन्‍न हुई और ‘मुलायम सिंह यादव अमर रहें’ के नारे लगने लगे। कर्मकांड की पूरी प्रक्रिया 45 से 50 मिनट तक चली।

अखिलेश और पूरे परिवार ने किया गंगा स्‍नान

अस्थि विसर्जन की प्रक्रिया सम्‍पन्‍न होने के बाद अखिलेश यादव, डिंपल यादव, उनके बच्‍चों और परिवार के अन्‍य सदस्‍यों ने गंगा स्‍नान भी किया।

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शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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