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प्रादेशिक

नये मामलों में कमी आने के साथ ठीक होने वाले लोगों की संख्या में हो रही है बढ़ोतरीः नवनीत सहगल

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लखनऊ। अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश में कोविड के नये मामलों में कमी आने के साथ-साथ कोविड-19 से ठीक होने वाले लोगों की संख्या में निरन्तर बढ़ोत्तरी हो रही है। उन्होंने बताया कि एग्रेसिव टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की नीति प्रदेश में कारगर साबित हो रही है। 30 अप्रैल, 2021 को 02 लाख 44 हजार टेस्ट हुए, 34 हजार कोविड केस आये तथा 32 हजार कोविड-19 से ठीक हुए थे। 03 मई, 2021 को 02 लाख 29 हजार टेस्ट हुए, 29 हजार कोविड केस आये तथा 38 हजार कोविड-19 से ठीक हुए थे। प्रदेश में कोविड संक्रमित लोगों की पहचान कर उनका कोविड टेस्ट कराने हेतु सर्विलांस टीम लोगों के घर-घर जा रही है। इस अभियान के तहत प्रदेश की 24 करोड़ जनसंख्या में से अब तक 16.46 करोड़ जनसंख्या तक स्वास्थ्य विभाग पहुंचा है।

उन्होंने बताया कि अब तक 04 करोड़ से अधिक कोविड-19 के टेस्ट हो चुके हैं तथा विगत 24 घण्टों में 2,08,558 कोविड-19 के टेस्ट किये गये हैं। प्रदेश सरकार द्वारा कल 05 मई, 2021 से 09 मई, 2021 तक ग्रामीण क्षेत्रों में एक विशेष अभियान चलाकर 97 हजार राजस्व गावों में घर-घर जाकर लोगों से सम्पर्क से सम्पर्क किया जायेगा और आर0आर0टीम के द्वारा लक्षणयुक्त वाले लोगों का एन्टीजन टेस्ट किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए निगरानी समितियों के पास 10 लाख मेडिसिन किट तथा आर0आर0टीम के पास 10 लाख एन्टीजन किट उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने बताया कि इस अभियान के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों मे कोविड लक्षणयुक्त लोगों की पहचान कर उनका एन्टीजन टेस्ट कराते हुए, उनकों निशुल्क मेडिसिन किट उपलब्ध कराते हुए, उनका उपचार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि टेस्ट की रिपोर्ट और मरीज की स्थिति के आधार पर उसे होम आइसोलेशन, इंस्टिट्यूशनल क्वारन्टीन अथवा अस्पताल में इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। होम आइसोलेशन में रखे जाने से पूर्व मरीज को मेडिकल किट दी जाए उसे जरूरी सावधानियों के बारे में विधिवत जानकारी दी जायेगी। ग्राम पंचायत/स्कूलों में क्वारंटीन सेंटर बनाये जाएंगे। इन क्वारंटीन सेंटरों में रहने वाले लोगों की देखभाल एवं खान-पान की व्यवस्था सरकार करेगी।

सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा आज कोविड-19 की समीक्षा की गयी। मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि अस्पतालों में सेवारत चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ को कोविड सेवा के दिवसों के लिए वर्तमान वेतन/मानदेय का 25 फीसदी अतिरिक्त दिया जायेगा। इसी प्रकार अन्य कोरोना वॉरियर्स के लिए भी अतिरिक्त मानदेय प्रदान किया जाएगा। मेडिकल/नर्सिंग अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं की सेवाएं भी कोविड सेवा कार्य में ली जाएंगी, उन्हें भी मानदेय प्रदान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा सभी अस्पतालों में अपने स्टाफ में से 08-08 घण्टे की शिफ्टवार में एक अधिकारी नियुक्त किये जाएंगे। नियुक्त अधिकारियों की यह जिम्मेदारी होगी कि आने वाले कोविड मरीजों को भर्ती कराने के साथ-साथ समुचित उपचार कराएंगे। इसके अतिरिक्त अस्पताल में भर्ती मरीज के परिजन को दिन में एक बार मरीज को कौन सी दवा दी जा रही है, मरीज की हालत कैसे है आदि बातों की जानकारी दी जायेगी। उन्होंने बताया कि इसकी माॅनीटरिंग स्वयं मुख्यमंत्री जी द्वारा तथा मुख्यमंत्री हेल्पलाइन द्वारा की जायेगी।

सहगल ने बताया कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सरकार सतत आवश्यक कदम उठा रही है। प्रदेशव्यापी साप्ताहिक बंदी को दो दिन और विस्तार दिया गया है। अब प्रदेश में 06 मई प्रातः 07 बजे तक आंशिक कोरोना कर्फ्यू प्रभावी रहेगा। इस अवधि में आवश्यक और अनिवार्य सेवाएं सतत जारी रहेगी। दवा, सब्जी की दुकानें, औद्योगिक इकाइयां आदि सतत संचालित रहेंगी। उन्होंने बताया कि कोविड पर प्रभावी नियंत्रण और आवश्यक रणनीति के लिए राज्य स्तर पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का एक सलाहकार पैनल तैयार कर लिया गया है। यह पैनल राज्य स्तरीय टीम-09 को समय-समय पर आवश्यक परामर्श देगी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का परामर्श रणनीति तैयार करने में उपयोगी होगा।

सहगल ने बताया कि प्रदेश में ऑक्सीजन की प्रतिदिन बढ़ोत्तरी करते हुए आपूर्ति सुनिश्चित कराई जा रही है। इसी क्रम में 788 मी0टन ऑक्सीजन की सप्लाई की गयी है। 10 टैंकर वाली एक विशेष ऑक्सिजन एक्सप्रेस आज दोपहर में लखनऊ आ रही है। अगले एक-दो दिवस के भीतर जामनगर (गुजरात) से 40 टन ऑक्सीजन के साथ ऑक्सीजन एक्सप्रेस आएगी। सहगल ने बताया कि आज मुख्यमंत्री जी द्वारा कैंसर अस्पताल का उद्घाटन किया गया। इस अस्पताल में 100 आॅक्सीजनयुक्त बेड हैं। उन्होंने बताया कि डीआरडीओ द्वारा भी कोविड अस्पताल तैयार किया जा रहा है जिसे मुख्यमंत्री जी द्वारा 02 दिन में पूरा करने के लिए कहा गया है, इसके अतिरिक्त एचएल द्वारा भी कोविड अस्पताल तैयार किया जा रहा है जिसकी माॅनीटरिंग करने के लिए जिलाधिकारी लखनऊ को कहा गया है।

सहगल ने बताया कि प्रदेश में कल से खाद्यान्न वितरण शुरू किया जा रहा है। यह खाद्यान्न वितरण प्रत्येक सेक्टर में कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए निःशुल्क किया जायेगा। उन्होंने बताया कि कन्टेनमेंट जोन में डोर टू डोर होम डिलीवरी की जायेगी। आंशिक कोरोना कर्फ्यू के कारण कहीं भी किसी श्रमिक, ठेला, रेहड़ी व्यवसायी, दैनिक मजदूर आदि को भोजन की समस्या न हो, ऐसे में सामुदायिक भोजनालयों के संचालन किया जायेगा। इसके लिए आवश्यक प्रबंध करने के लिए कृषि उत्पादन आयुक्त की समिति को मुख्यमंत्री जी द्वारा कहा गया है। प्रदेश में साप्ताहिक बंदी के दौरान औद्योगिक इकाइयां बंद नहीं रखी गयी है तथा स्थानीय प्रशासन को यह कहा गया है कि वे औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले लोगों के पहचान पत्र की उनके आने-जाने के पास है।

सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए कृतसंकल्प है और किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी फसल को खरीदे जाने की प्रक्रिया कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए तेजी से चल रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद किये जाने हेतु 6000 क्रय केन्द्र स्थापित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि एक नई व्यवस्था के तहत कृषक उत्पादक संगठनों (एफ0पी0ओ0) को भी क्रय केन्द्र खोलने की अनुमति दी गयी है। उन्होंने बताया कि किसान उत्पादक संगठन 150 केन्द्रों के माध्यम से संचालित किया जायेगा।

उन्होंने जिलाधिकारियों के द्वारा कृषक उत्पादक संगठनों (एफ0पी0ओ0) को भी क्रय केन्द्रों से जोड़कर गेहूं क्रय का कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है। यह व्यवस्था प्रदेश में पहली बार हो रही है। 01 अप्रैल से 15 जून, 2021 तक गेहू खरीद का अभियान जारी रहेगा। गेहू क्रय अभियान में अब तक 14,22,340.76 लाख मी0 टन से अधिक गेहूं खरीदा गया है। जो पिछले वर्ष से दोगुना अधिक है। उन्होंने बताया कि चीनी मिलों में उत्पादन चल रहा है। गन्ना किसानों को इस वर्ष का अब तक 60 प्रतिशत से अधिक भुगतान किया जा चुका है।  सहगल ने लोगों से अपील है कि मास्क का प्रयोग करे, सैनेटाइजर व साबुन से हाथ धोते रहे तथा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। उन्होंने लोगों से किसी प्रकार की अफवाह में न आने की अपील की है। उन्होंने 18 से 44 वर्ष वाले लोगों से अपील की है कि वे अपना पंजीकरण साॅफ्टवेयर से कराते हुए वैक्सीनेशन अवश्य कराएं।

उत्तर प्रदेश

हर्षवर्धन और विक्रमादित्य जैसे प्रचंड पुरुषार्थी प्रशासक हैं योगी आदित्यनाथ : स्वामी अवधेशानंद गिरी

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महाकुम्भ नगर। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने महाकुम्भ 2025 के भव्य और सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्राचीन भारत के महान शासकों हर्षवर्धन और विक्रमादित्य से की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन महान शासकों की परंपरा को नए युग में संवर्धित किया है। वे केवल एक शासक नहीं, बल्कि प्रचंड पुरुषार्थ और संकल्प के धनी व्यक्ति हैं। उनके प्रयासों ने महाकुम्भ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

भारत की दृष्टि योगी आदित्यनाथ पर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि भारत का भविष्य योगी आदित्यनाथ की ओर देख रहा है। भारत उनसे अनेक आकांक्षाएं, आशाएं और अपेक्षाएं रखे हुआ है। भारत की दृष्टि उनपर है। उनमें पुरुषार्थ और निर्भीकता है। वे अजेय पुरुष और संकल्प के धनी हैं। महाकुम्भ की विराटता, अद्भुत समागम, उत्कृष्ट प्रबंधन उनके संकल्प का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का राष्ट्र ऋषि बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में योगी जी ने महाकुम्भ को ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आस्था का यहां जो सागर उमड़ा है, इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने बहुत श्रम किया है। चप्पे चप्पे पर उनकी दृष्टि है।

हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज सनातन का सूर्य सर्वत्र अपने आलोक रश्मियों से विश्व को चमत्कृत कर रहा है। भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। संसार का हर व्यक्ति महाकुम्भ के प्रति आकर्षित हो रहा है। हर क्षेत्र में विशिष्ट प्रबंधन और उच्च स्तरीय व्यवस्था महाकुम्भ में दिख रही है। भक्तों के बड़े सैलाब को नियंत्रित किया जा रहा है। सुखद, हरित, स्वच्छ, पवित्र महाकुम्भ उनके संकल्प में साकार हो रहा है। हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर, जिनके सत्संकल्प से महाकुम्भ को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूर्त धरोहर घोषित किया है। यहां दैवसत्ता और अलौकिकता दिखाई दे रही है। योगी आदित्यनाथ के प्रयास स्तुत्य और अनुकरणीय हैं तथा संकल्प पवित्र हैं। विश्व के लिए महाकुम्भ एक मार्गदर्शक बन रहा है, अनेक देशों की सरकारें सीख सकती हैं कि अल्पकाल में सीमित साधनों में विश्वस्तरीय व्यवस्था कैसे की जा सकती है।

आस्था का महासागर और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक

महामंडलेश्वर ने महाकुम्भ को सनातन संस्कृति का जयघोष और भारत की आर्ष परंपरा की दिव्यता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व नर से नारायण और जीव से ब्रह्म बनने की यात्रा का संदेश देता है। महाकुम्भ को सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन दिखाता है कि हम अलग अलग जाति, मत और संप्रदाय के होने के बावजूद एकता के सूत्र में बंधे हैं। उन्होंने महाकुम्भ को गंगा के तट पर पवित्रता और संस्कृति का संगम बताया। गंगा में स्नान को आत्मा की शुद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया।

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