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भारत जोड़ो यात्रा में नया विवाद, पादरी के विवादित बयान पर भाजपा हमलावर

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नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर नया विवाद छिड़ गया है। दरअसल राहुल ने यात्रा के दौरान शुक्रवार को कुछ कैथोलिक पादरियों के साथ बैठक की थी। इन पादरियों में विवादित पादरी जॉर्ज पोन्नैया भी मौजूद थे। इस बैठक की वीडियो क्लिप वायरल हो रही है।

इसमें राहुल गांधी पादरी से सवाल करते सुनाई दे रहे हैं कि ‘क्या जीसस क्राइट (ईसा मसीह) ईश्वर का एक रूप हैं? क्या यह सही है? जवाब में पोन्नैया कहते हैं,  ‘हां वह असली भगवान हैं, शक्ति (हिंदू देवी) जैसे नहीं हैं।‘ राहुल के सवाल व पादरी के बयान को लेकर सियासी घमासान छिड़ गया है। भाजपा ने जहां इसे ‘भारत तोड़ो यात्रा‘ करार दिया है, वहीं कांग्रेस ने कहा है कि यह यात्रा से हताश भाजपा की एक और शरारत है।

पोन्नैया ने राहुल को जवाब में यह भी कहा कि भगवान ने उन्हें (यीशू) को एक आदमी के रूप में प्रकट किया। वे असल व्यक्ति हैं, शक्ति की तरह नहीं हैं, इसलिए हम उन्हें एक इंसान के रूप में देखते हैं। तमिल पादरी पोन्नैया का विवादित और भड़काऊ बयान देने का इतिहास रहा है।

पिछले साल गिरफ्तार किया गया था पुन्नैया को

पिछले साल जुलाई में उन्हें मदुरै के कालीकुडी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, द्रमुक सरकार के मंत्री और अन्य के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। राहुल गांधी ने पोन्नैया से मुट्टीडिचन पराई चर्च में मुलाकात की थी। जहां राहुल ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान शुक्रवार सुबह डेरा डाला था।

भाजपा ने कहा- यह भारत तोड़ो यात्रा

जॉर्ज पोन्नैया के बयान को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने हमला बोला है। पूनावाला ने कि यह यात्रा भारत तोड़ो यात्रा बन गई है। उन्होंने कहा कि पोन्नैया ने कहा है कि शक्ति और अन्य हिंदू देवताओं की बजाए सिर्फ यीशु ही भगवान हैं। पादरी ने भारत माता को लेकर भी अनुचित बातें कही हैं। कांग्रेस का हिंदू विरोध का लंबा इतिहास रहा है।

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World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने रचा इतिहास, 180 से ज्यादा देशों के लोग हुए शामिल

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बेंगलुरु। विश्व ध्यान दिवस पर आयोजित World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने इतिहास रच दिया है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने ऑन लाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से दुनिया भर के 85 लाख से ज्यादा लोगों को सामूहिक ध्यान कराया। इस कार्यक्रम ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स यूनियन में जगह बनाते हुए पिछले सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने सामूहिक ध्यान के लिए दुनिया भर के लोगों को एक साथ जोड़ा।

180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए

दरअसल, पूरी दुनिया ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के तौर पर मनाया। इसी क्रम में यह कार्यक्रम आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए और इसके माध्यम से ध्यान की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित किया। श्री श्री रविशंकर संयुक्त राष्ट्र में विश्व ध्यान दिवस के उद्घाटन कार्यक्रम में भी शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र में उद्घाटन समारोह से शुरू होकर अपने समापन तक यह कार्यक्रम दुनिया के महाद्वीपों में ध्यान की लहर फैलाता चला गया।

ये रिकॉर्ड टूटे

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

YouTube पर ध्यान के लाइव स्ट्रीम के सबसे ज़्यादा दर्शक

एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स

⁠एक दिवसीय ध्यान में भारत के सभी राज्यों से अधिकतम भागीदारी
एक दिवसीय ध्यान में अधिकतम Nationalities ने हिस्सा लिया

 

 

 

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