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कांग्रेस अध्यक्ष बनने को लेकर मेरे दिमाग में कोई कन्फ्यूजन नहीं: राहुल गांधी

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नई दिल्ली। भारत जोड़ो यात्रा पर निकले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आज शुक्रवार को कहा, ‘मैं कांग्रेस का अध्यक्ष बनूंगा या नहीं, यह बात तब पता चल जाएगी जब कांग्रेस के संगठन चुनाव होंगे। मुझे क्या करना है, इसे लेकर मैं पूरी तरह से क्लियर हूं। मेरे दिमाग में कोई कन्फ्यूजन नहीं है।’

भाजपा पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि उसने देश के सभी संस्थानों पर कब्जा जमा लिया है और उन पर दबाव बना रही है। हम सिर्फ एक राजनीतिक दल से नहीं लड़ रहे हैं। यह लड़ाई भारत की पूरी व्यवस्था और विपक्ष के बीच हो गई है।

राहुल गांधी ने कहा कि दो अलग-अलग विचारों की यह लड़ाई करीब हजार साल से चली आ रही है और जारी रहेगी। भारत को लेकर दो विजन हैं। एक ऐसा विचार है, जो सबको कंट्रोल करने की बात करता है। इसके अलावा दूसरा ऐसा है, जो खुले विचारों वाला है और सबका सम्मान करता है। इन दोनों के बीच लड़ाई तो जारी ही रहेगी।

बता दें कि राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष बनेंगे या नहीं, इसे लेकर लगातार कांग्रेस पार्टी पसोपेश में चल रही है। अशोक गहलोत समेत कई कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी से आग्रह किया है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लिए तैयार हो जाएं।

इस बीच कांग्रेस ने मुकुल वासनिक को मप्र के प्रभारी पद से हटा दिया है। ऐसे में इस बात की भी चर्चा है कि क्या उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है। वहीं एक वर्ग ऐसा भी है, जो अशोक गहलोत के नाम को लगातार आगे बढ़ा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि सोनिया गांधी की अशोक गहलोत को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने पर सहमति है। उनकी राय से प्रियंका और राहुल गांधी भी सहमत हैं।

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शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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