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उत्तर प्रदेश

मदरसों के सर्वे से कोई वैध या अवैध का आंकड़ा नहीं मिल पाएगा: डॉ. इफ्तिखार जावेद

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closure of madrassas in Muzaffarnagar

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लखनऊ। उप्र में मदरसों के सर्वे (survey of madrassas) का काम अभी भी चल रहा है। सर्वे की रिपोर्ट आने से पूर्व में ही कयासों का दौर भी चलने लगा रहा है जबकि सर्वे के द्वारा केवल एक डाटा हमें प्राप्त होने वाला है। सर्वे के बाद उन गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के बच्चों के तालीम की स्थिति जानने के बाद उन्हें देश व समाज की मुख्यधारा में लाकर उनके विकास की योजनाएं बनाई जाएंगी।

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यह बातें उप्र मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने जारी एक बयान में कहीं। ग़ौरतलब है कि कुछ जिलों में सर्वे का काम लगभग पूरा हो चुका है जबकि कुछ ज़िलों में सर्वे का काम अभी भी जारी है।

डॉ. जावेद ने कहा कि गलत कामों पर कार्रवाई करना सरकार का हक़ है लेकिन अभी जो ग़ैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे (survey of madrassas) हो रहा उसमें सही या ग़लत की कोई जानकारी मिलना असंभव है क्योंकि यह सर्वे केवल ग़ैर मान्यता प्राप्त मदरसों के हालात के अध्धयन के दृष्टिगत हो रहा है नाकि सर्वे का मकसद मदरसों को गलत या सही साबित करना।

डॉ. जावेद ने बतलाया कि प्रदेश के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे (survey of madrassas) की समयावधि 20 अक्टूबर तक बढ़ाई गई है। जिलाधिकारी द्वारा सर्वे का डाटा 15 नवम्बर तक शासन को उपलब्ध कराया जायेगा। कुछ जिलों में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है़ जिसे जिलाधिकारी के स्तर से डाटा शासन को उपलब्ध कराया जाना है़।

डॉ. जावेद ने कहा  कुछ उत्साहित लोग बेवजह हौवा खड़ा करके कार्य को बाधित करना चाहते हैं जो निंदनीय, चिंतनीय व अनैतिक है़। मदरसों के छात्र-छात्राओं को गुणवत्तायुक्त एवं बेहतर शिक्षा देना राज्य सरकार की प्राथमिकता है जिसके लिए समूचे उत्तर प्रदेश में सर्वे का कार्य किया जा रहा है।

डॉ. जावेद ने कहा कि मदरसों के इतिहास और आज़ादी की लड़ाई में उनके रोल को कोई भुला नहीं सकता। मदरसे अन्तोदय की तर्ज़ पर ग़रीब, कमज़ोर व पसमांदा समाज के बच्चों को शिक्षित करने का कार्य कर रहे हैं।

डॉ. जावेद ने कहा कि मैं समाज के सभी बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों, समाजसेवियों व राजनीतिज्ञों समेत सभी महानुभावों से अपील करता हूं कि बच्चों की शिक्षा से जुड़े विषय पर ऐसी कोई बातें ना करें जिससे एक साधारण से सर्वे को संपन्न कराने में किसी किस्म की बाधा उत्पन्न हो। सरकारें समय समय पर स्कूलों, कॉलेजों व विश्विद्यालयों के सर्वे कराती रहती है़ पहली बार मदरसा बोर्ड द्वारा प्रस्तावित शासन द्वारा अनुमोदित मदरसों का सर्वे (survey of madrassas) हो रहा है।

डॉ. जावेद ने कहा उत्सुकता का होना स्वाभाविक है लेकिन गलत सोच को पैदा करने से बच्चों के भविष्य के साथ मज़ाक हो जाएगा क्योंकि यह सर्वविदित है कि मदरसों में पढ़ने वाले अधिकतर बच्चे देश और समाज के अंतिम स्थान पर खड़े गरीब, कमज़ोर व लाचार घरों के होते हैं। जिन्हें कहीं प्रवेश नहीं मिल पाता है़ वो समाज के चंदे और जकात के पैसों से चलने वाले मदरसों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम

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लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।

महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।

3 चरणों में संचालन

एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।

प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।

550 शटल बसें चलाई जाएंगी

एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।

उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।

इन मार्गों प्रभाग संचालन

एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।

इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।

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