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उत्तर प्रदेश

महिलाओ के प्रति अपराध में सख्त कार्यवाही करें अफसर: डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक

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बस्ती। उप्र के बस्ती जनपद पहुंचे उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जनप्रतिनिधियों से नियमित रूप से मुलाकात करके योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में जानकारी दें। सभी परियोजनाओं का शिलान्यास एंव लोकार्पण कराये। कलेक्टेट सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होने कहा कि लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों का विशेष महत्व होता है। उन्होने निर्देश दिया कि यदि किसी कारण से जनप्रतिनिधि फोन नही उठाता है तो कालबैक करें।

उन्होने कावड़ यात्रा के दौरान भदेश्वरनाथ मंदिर पर आधी रात को बिजली आपूर्ति बाधित होने पर जेई के विरूद्ध निलम्बन की कार्यवाही करने का निर्देश दिया। इस अवसर पर उन्होने 17 वेंडर को प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के लाभार्थियों को प्रधानमंत्री का बधाई संदेश सौपा तथा सूचना बोर्ड वितरित किया।

कानून एवं व्यवस्था की समीक्षा करते हुए उन्होने निर्देश दिया कि महिलाओ के प्रति अपराध में सख्त कार्यवाही करें। जघन्य अपराध जैसे-दंगा, फसाद, बलात्कार, हत्या की घटनाओं में सख्त कार्यवाही की जाय। सूचीबद्ध सभी माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही अमल में लायी जाय। सर्किल स्तर पर प्रत्येक सप्ताह समीक्षा करके घटना से पूर्व आपसी वैमनस्यता, लड़ाई झगड़ा की सूचनाए सिपाही से प्राप्त कर कार्यवाही की जाय।

राजस्व कर्मियों को सख्त निर्देश दिया जाये कि न्यायालय का आदेश प्राप्त होने के एक सप्ताह के भीतर भूमि की नपाई करा ली जाय। गॉव या मुहल्ले में अनाधिकृत रूप से निवास कर रहे व्यक्ति, अकेले रह रहे बुजुर्ग की सूची चौकीदार से प्राप्त कर निगरानी की जाय।

आईजी आर.के. भारद्वाज ने बताया कि पिछले 06 माह में अपराधों में कमी आयी है। हत्या के मामले वर्कआउट किए गये है। पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए रू0 3.70 करोड़ की सम्पत्ति जब्त किया गया है।

उन्होने निर्देश दिया कि प्रत्येक रूट के सार्वजनिक स्थल पर टैक्सी स्टैण्ड के लिए स्थान चिन्हित कर दें, जिससे की लोगों के आवागमन में असुविधा न हो। प्रत्येक स्टैण्ड के लिए एक अधिकारी और दो सिपाही तैनात किए जाय। वहॉ पर एक सूचना बोर्ड भी लगाया जाय। सुनिश्चित करे कि यहॉ से वैध गाड़िया ही संचालित हो।

उन्होने विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे गॉव में चौपाल लगाकर लोगों को विद्युत विभाग की योजनाओं की जानकारी दें तथा विद्युत बिल जमा करने के लिए प्रेरित करें। उन्होने कहा कि शासन द्वारा निर्धारित अवधि के अनुसार जिला मुख्यालय, तहसील एंव गॉव में विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करें तथा राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य पूरा करें।

उन्होने कहा कि पेयजल की उपलब्धता शासन की सर्वोच्य प्राथमिकता है। इस संबंध में उन्होने अधिशासी अभियन्ता जल निगम को निर्देशित किया कि एई और जेई के माध्यम से सभी संचालित परियोजनाओं का सत्यापन कराकर रिपोर्ट एक सप्ताह में जिलाधिकारी को प्रस्तुत करें। पाईप में लिकेंज की खराबी एक सप्ताह में ठीक करा दें। शासन के निर्देशानुसार आउट सोर्सिंग से कर्मचारी तैनात किया जाय।

उन्होने पीडब्ल्यूडी को निर्देश दिया कि बरसात समाप्त होते ही सभी सड़के गड्ढामुक्त कराना सुनिश्चित करें। 24 नई सड़को को आगामी 31 दिसम्बर तक पूरा कराये। निर्माण कार्यो में गुणवत्ता एंव समयसीमा का विशेष ध्यान रखें। गोसाईगंज में पुल के एप्रोच मार्ग के लिए स्थानीय लोंगों की समस्या का तत्काल निस्तारण कराये ताकि एप्रोच मार्ग पूर्ण कराकर आवागमन शुरू किया जा सकें।

उन्होने जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देश दिया कि नामांकन पूर्ण होने के पश्चात् रिपोर्ट सभी जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध कराये। उन्होने हर्रैया में महिला महाविद्यालय में प्रोफेशनल कोर्स शुरू कराने के लिए उच्च शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि 1.39 लाख अभिभावको के खाते में डीबीटी के माध्यम से पैसा स्थानान्तरिंत हो गया है।

मंत्री ने निर्देश दिया कि अभिभावको को प्रेरित करके उस पैसे का उपयोग छात्रों के लिए कराये। निराश्रित गोस्थल की समीक्षा करते हुए उन्होने सी.बी.ओ. को निर्देशित किया कि कोई भुगतान लम्बित न रहे। सुनिश्चित करे कि स्थायी एंव अस्थायी गोशालाए सुचारू रूप से संचालित हो।

स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होने आश्वस्त किया कि अगले सप्ताह नये सीएमओ की तैनाती कर दी जायेंगी। उन्होने जिला अस्पताल में 287 में से 255 दवाए ही उपलब्ध होने पर नाराजगी व्यक्त किया। उन्होने निर्देश दिया कि 15 दिन पहले दवाओं की डिमांड कारपोरेशन को भेज दी जाय। सभी सीएचसी पर कुत्ता एंव साप काटने की सूई उपलब्ध रहें। आवश्यक होने पर अवकाश प्राप्त डाक्टर की तैनाती कर लें। उन्होने निर्देश दिया कि सीएचसी पर 24 घण्टे डाक्टर एंव स्टाफ उपलब्ध रहे तथा मरीजों की भर्ती भी की जाय। उन्होने पोस्टमार्टम हाउस की दशा सुधार करने का निर्देश दिया।

बैठक में खाद्य एंव आपूर्ति राज्यमंत्री सतीश शर्मा, सांसद हरीश द्विवेदी, जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी, विधायक अजय सिंह, महेन्द्रनाथ यादव, राजेन्द्र चौधरी, दूधराम, कविन्द्र उर्फ अतुल चौधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष महेश शुक्ला, मण्डलायुक्त गोविंदराजू एन.एस.,जिलाधिकारी श्रीमती प्रियंका निरंजन, सीडीओ डा. राजेश कुमार प्रजापति, एडीएम अभय कुमार मिश्र, डीडीओ अजीत श्रीवास्तव, पीडी कमलेश सोनी, प्रभारी सीएमओ डा. ए.के. गुप्ता एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहें।

उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ समेत पूरे प्रदेश में तैनात होंगे “डिजिटल वॉरियर्स”

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प्रयागराज/लखनऊ। महाकुम्भ 2025 में फेक न्यूज के खिलाफ अभियान चलाने, साइबर अपराध के प्रति जागरूकता एवं पुलिस के सराहनीय कार्यों को सोशल मीडिया के विभिन प्लेटफार्म पर प्रसारित करने के लिए “डिजिटल वॉरियर्स” को तैनात किया गया है। इसके लिए युवा पीढ़ी के सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स एवं कॉलेज के छात्रों को जोड़ा गया है। इस अभिनव पहल की सफलता को देखते हुए अब पुलिस महानिदेशक ने इसे पूरे प्रदेश में लागू करने के लिए समस्त विभागाध्यक्षों और कार्यालयाध्यक्षों को निर्देश दिए हैं।

मिले सार्थक परिणाम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशा पर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा वर्ष 2018 में एक सार्थक पहल करते हुए व्हाट्सएप पर सक्रिय समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को डिजिटल वालंटियर्स के रूप मे जोड़ा गया था। वर्ष 2023 में यूपी पुलिस के समस्त पुलिसकर्मियों को जोड़कर “व्हाट्सएप कम्यूनिटी ग्रुप” भी बनाए गए है, जिनकी सहायता से भ्रामक खबरों का खण्डन एवं पुलिस के सराहनीय कार्यों का प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। वर्तमान में लगभग 10 लाख व्यक्ति डिजिटल वालंटियर्स के रूप में एवं लगभग 02 लाख पुलिसकर्मी कम्यूनिटी ग्रुप के माध्यम से जुड़े हुए है। इन डिजिटल वालंटियर्स के रूप में गांव, मोहल्ले और स्थानीय कस्बे के लोगों को जोड़ा गया था, जिसके सार्थक परिणाम प्राप्त हुए है। पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश प्रशांत कुमार द्वारा इसी दिशा में नवीन पहल करते हुए फेक न्यूज के खण्डन, साइबर अपराध के प्रति जागरूकता एवं पुलिस के सराहनीय कार्यों को सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर व्यापक रूप से प्रसारित किए जाने के लिए युवा पीढ़ी के सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स एवं कॉलेज/विश्वविद्यालय के छात्रों को यूपी पुलिस का “डिजिटल वॉरियर” बनाए जाने के सम्बन्ध मे प्रदेश के समस्त विभागाध्यक्ष और कार्यालयाध्यक्ष को महत्त्वपूर्ण निर्देश दिए गए है ।

लोगों को करेंगे जागरूक

कॉलेज/विश्वविद्यालय के छात्रों को प्रशिक्षित करने से इनमे आलोचनात्मक सोच को विकसित किया जा सकता है, जिससे वह किसी भी जानकारी का विश्लेषण और सत्यापन करके यूपी पुलिस के “डिजिटल वॉरियर” बनकर, साइबर क्राइम एवं फेक न्यूज़ को रिपोर्ट कर सकेंगे। साथ ही यह छात्र अपने सामाजिक दायरे में फेक न्यूज एवं साइबर अपराध के प्रति अपने परिवारीजनों एवं मित्रों को भी जागरूक कर सकेंगे ।

04 श्रेणियों में होगा चयन

1- फेक न्यूज के खण्डन एवं साइबर अपराध के प्रति सचेत करने हेतु
2- साइबर अपराध के प्रति जागरुकता हेतु
3- साइबर ट्रेनर के रूप मे
4- पुलिस के अभियानों/सराहनीय कार्यों का प्रचार-प्रसार

ऐसे किया जाएगा ट्रेन्ड

इन डिजिटल वॉरियर एवं स्कूल के छात्रों को फेक न्यूज़ एवं साइबर क्राइम की पहचान करने और इसके दुष्प्रभावों के प्रति प्रशिक्षित करने के लिए विश्वविद्यालयों/डिग्री कॉलेजों, स्कूलों में अथवा पुलिस लाइन्स में कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।

इन कार्यशालाओं में साइबर क्राइम विशेषज्ञों/ फैक्ट चेकर्स, साइबर ट्रेनर और जनपदीय साइबर थाना/ साइबर सेल को शामिल किया जाएगा, जो तकनीकी ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव साझा करेंगे।

जनपदीय पुलिस अधिकारियों द्वारा सभी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालय प्रबन्धन से आग्रह करके ‘साइबर क्लब’ स्थापित करवाये जाएंगे एवं एक शिक्षक को इसका नोडल अधिकारी नामित करवाया जाएगा ।

इस कार्य में शिक्षा विभाग एवं जनपद में प्रशासन से भी सहयोग प्राप्त किया जाएगा।

साइबर क्लब के माध्यम से कार्यशालाएं और रचनात्मक सत्र जैसे पोस्टर बनाना, स्लोगन/लघु कहानियां लिखना, सोशल मीडिया हेतु क्रिएटिव एवं वीडियो कंटेंट बनाना इत्यादि गतिविधियां कराई जाएंगी।

कमिश्नरेट, जनपद स्तर, मुख्यालय स्तर से होगी कार्यवाही

1. डिजिटल वॉरियर का चयन करना : डिजिटल वॉरियर के रूप में केवल ऐसे व्यक्ति शामिल किए जाएंगे, जिनकी छवि स्वच्छ हो और जो विवादास्पद या नकारात्मक गतिविधियों में शामिल न हों। इस कार्य मे इच्छुक उत्तर प्रदेश के बाहर के सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को भी सम्मिलित किया जा सकता है। ऐसे समस्त डिजिटल वॉरियर को परिपत्र के साथ संलग्न फ़ॉर्म को भरकर देना होगा, जिसका गूगल लिंक भी उपलब्ध कराया जा रहा है ।

2. स्वैच्छिक सहयोग और उपक्रम (अंडरटेकिंग) लिया जाना : डिजिटल वॉरियर को चयनित करने से पूर्व उनसे संलग्न फॉर्म के माध्यम से लिखित उपक्रम लिया जाएगा, जिसमें वे यह आश्वस्त करेंगे कि वह पुलिस का सहयोग कर फेक न्यूज़ का खंडन करेंगे, किसी भी प्रकार की फेक न्यूज़ का प्रसार नहीं करेंगे, किसी भी साइबर अपराध में प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से सम्मिलित नहीं होंगे, किसी विवादास्पद सामग्री को पोस्ट नहीं करेंगे और भारतीय कानून के अधीन रहकर कार्य करेंगे। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि उनका सहयोग स्वैच्छिक होगा और उनकी सहमति के आधार पर होगा। यह सभी कार्य पूर्णतया अवैतनिक होगें।

3. डिजिटल वॉरियर के कार्यों का मासिक विवरण: डिजिटल वॉरियर द्वारा चिन्हित की गई फेक न्यूज, पुलिस के सराहनीय कार्यों व योजनाओं के प्रचार-प्रसार एवं पुलिस द्वारा किए गए खण्डन के व्यापक प्रसार का मासिक विवरण भी संकलित किया जायेगा।

4. नोडल अधिकारी की नियुक्ति: प्रत्येक जनपद में एसपी अपराध/नोडल एसपी क्राइम/डीसीपी क्राइम/ एडीसीपी क्राइम को इस कार्य एवं सोशल मीडिया अभियानों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा ।

5. डिजिटल वॉरियर द्वारा दायित्वों का पालन: कार्य में रुचि न रखने वाले, अपने दायित्वों का दुरुपयोग करने अथवा स्वयं घोषणा पत्र मे उल्लिखित शर्तों का उल्लंघन करने वाले डिजिटल वॉरियर से यूपी पुलिस किसी प्रकार का कार्य नहीं लेगी।

6. डिजिटल वॉरियर का प्रोत्साहन: डिजिटल वॉरियर द्वारा उपलब्ध कराए गए विवरण के आधार पर प्रतिबद्धता से कार्य करने वाले डिजिटल वॉरियर के गुणवत्तापूर्ण सोशल मीडिया कंटेन्ट को जनपदीय सरकारी सोशल मीडिया पर प्रयोग करने के साथ-साथ उनको प्रशस्ति पत्र एवं मेमेंटों इत्यादि देकर प्रोत्साहित/पुरस्कृत किया जाएगा । पुलिस मुख्यालय द्वारा भी इस दिशा मे उत्कृष्ट कार्य करने वाले डिजिटल वॉरियर को समीक्षोपरांत प्रोत्साहित/पुरस्कृत किया जाएगा ।

फेक न्यूज के खिलाफ बनेंगे मजबूत दीवार

उल्लेखनीय है कि फेक न्यूज एवं साइबर क्राइम के खिलाफ जागरूकता अभियान हेतु आयोजित कार्यशालाओं में स्कूल के छात्रों को भी सम्मिलित किया जाएगा परन्तु ‘डिजिटल वॉरियर’ के रूप मे सिर्फ कॉलेज/ विश्वविद्यालयों के छात्रों एवं सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स का चयन किया जाएगा ।

जनपद एवं मुख्यालय स्तर पर ‘डिजिटल वॉरियर’ का एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया जाएगा और पूर्ण प्रशिक्षण के उपरांत यूपी पुलिस के ‘डिजिटल वॉरियर’ फेक न्यूज़ एवं साइबर क्राइम के खिलाफ एक मजबूत दीवार के रूप में कार्य करेंगे।

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