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मणिपुर में एक बार फिर बीजेपी सरकार, जीत के जश्न में जम कर थिरके एन बीरेन सिंह

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मणिपुर में एक बार फिर बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए बहुमत का आंकड़ा छू लिया है। इसे लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं में काफी जोश दिखाई दे रहा है। पत्रकार से नेता बने मुख्यमंत्री नोंगथोम्बम बीरेन सिंह राजनीति में कदम रखने के ठीक 20 साल बाद बीजेपी की अगुवाई में लगातार दूसरी बार सरकार बनाने जा रहे हैं। वह फुटबॉल खिलाड़ी भी रहे हैं। पिछले पांच साल के कार्यकाल में उग्रवाद प्रभावित मणिपुर में शांति लाने के साथ ही पर्वतीय क्षेत्र एवं घाटी के लोगों के बीच की दरार को कम करने का श्रेय एन बीरेन सिंह को जाता है।

32 सीटों से दर्ज हुई जीत

विधानसभा चुनाव के नतीजों के रुझान में ही बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलता हुआ नजर आया जिसके बाद मुख्यमंत्री काफी उत्साहित नजर आए। बीजेपी ने राज्य में 32 सीटें हासिल की। राजधानी इंफाल में मुख्यमंत्री ने पार्टी के नेताओं के साथ मिलकर डांस किया और अपनी खुशी का इजहार किया। इस मौके पर उन्होंने कहा, “मैं मणिपुर के लोगों को धन्यवाद देता हूं। हम पीएम मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा के मार्गदर्शन की बदौलत ही मणिपुर में जीत हासिल कर पाए, इसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गोवा में भी पार्टी की जीत प्रधानमंत्री मोदी के ‘सबका साथ सबका विकास’ मंत्र को दर्शाती है।”

ऐसे हुई राजनीतिक करियर की शुरुआत

पत्रकारिता के बाद एन बीरेन सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत वर्ष 2002 में डेमोक्रेटिक रिवॉल्यूशनरी पीपुल्स पार्टी से की। बीरेन सिंह राज्य की हेनगांग विधानसभा सीट से तब विधायक चुने गए थे। पहला चुनाव जीतने के बाद सिंह वर्ष 2003 में कांग्रेस में शामिल हो गए और तत्कालीन मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में सतर्कता राज्य मंत्री रहे।

वह लगातार इबोबी सिंह के विश्वासपात्र बने रहे और वर्ष 2007 में अपनी सीट से दोबारा चुनाव जीतने के बाद उन्हें सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण, युवा मामले एवं खेल और उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया। सिंह ने वर्ष 2012 के चुनाव में भी लगातार तीसरी बार अपनी सीट पर कब्जा बरकरार रखा। हालांकि, इबोबी सिंह से मतभेदों के बाद उन्होंने इबोबी के खिलाफ बगावत कर दी। वर्ष 2016 में बीरेन सिंह ने बीजेपी में शामिल होने के लिए मणिपुर विधानसभा की सदस्यता के साथ कांग्रेस की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।

बीजेपी ने उन्हें प्रदेश पार्टी प्रवक्ता और चुनाव प्रबंधन समिति का सह-समन्वयक बनाया। वह बीजेपी के टिकट पर वर्ष 2017 में चौथी बार हेनगांग सीट से चुनाव जीते, जिसके बाद उनका मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया। पिछले मणिपुर विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने केवल 21 सीट पर जीत हासिल की थी. हालांकि, बीजेपी ने कांग्रेस विधायकों को अपने पाले में किया और 15 मार्च 2017 को एन बीरेन सिंह के नेतृत्व में राज्य में पहली बार बीजेपी ने सरकार बनाई। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 28 सीट पर जीत दर्ज की थी।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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