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पाकिस्तान:  इमरान खान का हकीकी आजादी मार्च शुरू, ISI और सेना से है पंगा

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Imran Khan Hakiki Azadi March

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान की ताकतवर खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) और सेना के साथ खुली बगावत के बीच इमरान खान एक बार फिर सड़कों पर उतर आए हैं। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने 28 अक्टूबर यानी आज से अपना हकीकी आजादी मार्च (Hakiki Azadi March) शुरू किया है। इमरान का यह मार्च सरकार को नेशनल असेंबली को भंग करने और मध्यावधि चुनाव कराने के लिए है।

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बता दें कि पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने उपहारों की बिक्री से हुई आय का खुलासा न करने को लेकर 70 वर्षीय इमरान खान को पिछले सप्ताह अयोग्य घोषित कर दिया था। हालांकि, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि खान को भविष्य में चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित नहीं किया गया था।

ISI से कैसे बचेंगे इमरान खान?

इमरान खान के ‘हकीकी आजादी’ मार्च से पहले ISI ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। ISI प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम ने बृहस्पतिवार को कहा था कि राजनीतिक उथल-पुथल के बीच तत्कालीन (इमरान खान) सरकार ने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को मार्च में एक ‘‘आकर्षक प्रस्ताव’’ दिया था। यह दावा करते हुए आईएसआई प्रमुख ने संवाददाता सम्मेलन में अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान पर परोक्ष रूप से निशाना साधा।

लेफ्टिनेंट जनरल अंजुम ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे पता है कि आप मेरी मौजूदगी से हैरान हैं।’’ यह पाकिस्तान के इतिहास में किसी भी आईएसआई प्रमुख द्वारा पहली बार मीडिया से की गई बातचीत है। संवाददाता सम्मेलन तब हुआ है जब केन्या में पत्रकार अरशद शरीफ की हत्या को लेकर देश में कई तरह के आरोप लगाए जा रहे है। सशस्त्र बलों के खिलाफ भी अप्रत्यक्ष आरोप लगाए जा रहे है।

इमरान के प्रस्ताव को बाजवा ने नकार दिया था

लेफ्टिनेंट जनरल अंजुम ने कहा, ‘‘इस एजेंसी (आईएसआई) के प्रमुख के रूप में, मैं चुप नहीं रह सकता जब उन्हें बिना किसी कारण के निशाना बनाया जाता है।’’

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का नाम लिए बगैर ISI प्रमुख ने कहा, ‘‘(इमरान खान के आजादी) मार्च में जनरल बाजवा को उनके कार्यकाल में अनिश्चितकालीन विस्तार के लिए ‘‘आकर्षक प्रस्ताव’’ दिया गया था। यह मेरे सामने बनाया गया था। उन्होंने (जनरल बाजवा) इसे अस्वीकार कर दिया क्योंकि वह चाहते थे कि संस्थान एक विवादास्पद भूमिका से संवैधानिक भूमिका की ओर बढ़े।’’

ISI और पाकिस्तानी सेना द्वारा लगाए गए आरोपों के बीच इमरान खान का आजादी मार्च लाहौर के लिबर्टी चौक से शुरू हुआ है। कयास लगाए जा रहे हैं कि पाकिस्तानी सेना इस मार्च पर नजर गड़ाए बैठी है। इमरान खान ने भले ही इस बात को दोहराया हो कि मार्च में शामिल सभी लोग शांतिपूर्ण व्यवहार करेंगे लेकिन पाक आर्मी किसी एक गलती का इंतजार कर रही है। अगर इमरान के मार्च में बवाल हुआ तो मामला और बढ़ सकता है।

पाकिस्तानी जवान ‘गलतियां’ कर सकते हैं, लेकिन देशद्रोही नहीं हो सकते

पाकिस्तान सेना के एक शीर्ष जनरल ने सैन्य संस्थानों में लोगों से विश्वास बनाए रखने की अपील करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि पाकिस्तानी सैन्यकर्मी ‘गलतियां’ कर सकते हैं, लेकिन वे कभी भी ‘देशद्रोही या साजिशकर्ता’ नहीं हो सकते।

इफ्तिखार ने कहा, ‘‘हम गलतियां कर सकते हैं, लेकिन देशद्रोही या साजिशकर्ता कभी नहीं हो सकते। लोगों के बिना सेना कुछ भी नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमने अतीत में गलती की है, तो हम पिछले बीस वर्षों से उन्हें अपने खून से धो रहे हैं। हम पाकिस्तान के लोगों को कभी नाकाम नहीं करेंगे, यह हमारा वादा है।’’

उन्होंने कहा कि सेना चाहती है कि पत्रकार अरशद शरीफ की हत्या के बारे में तथ्य सामने आए, जिनकी रविवार रात केन्या में नैरोबी से एक घंटे की दूरी पर स्थित एक पुलिस चौकी पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिससे देश में सियासी घमासान शुरू हो गया।

केन्या की पुलिस ने बाद में कहा कि यह एक बच्चे के अपहरण के मामले में एक कार की तलाशी के दौरान ‘‘गलत पहचान’’ का मामला था।

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘इसलिए सरकार से एक उच्च स्तरीय जांच आयोग गठित करने का अनुरोध किया गया है।’’ खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ और उसके वरिष्ठ नेताओं ने अरशद की हत्या की निंदा की और विस्तृत जांच की मांग की।

खान ने ट्वीट किया, ‘‘सच बोलने की कीमत चुकाने वाले अरशद शरीफ की नृशंस हत्या से स्तब्ध हूं। उन्हें देश छोड़ना पड़ा और विदेश में छिपना पड़ा, लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया पर ताकतवर को बेनकाब करते हुए सच बोलना जारी रखा। आज पूरा देश उनके निधन पर शोक व्यक्त करता है।’’

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पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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