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अन्तर्राष्ट्रीय

पलट गया पाकिस्तान, अफगानिस्तान के तालिबान राज को मान्यता देने से झाड़ा पल्ला

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इस्‍लामाबाद। अफगानिस्तान की पूर्ववर्ती अशरफ गनी सरकार के खिलाफ तालिबान आतंकियों की खुलकर मदद करने वाले पाकिस्‍तान ने अब वहां के तालिबान राज को बड़ा झटका दिया है। अब तक दुनिया से तालिबान को मान्‍यता देने की गुहार लगाने वाले पाकिस्‍तान ने खुद ही इससे पल्‍ला झाड़ लिया है।

दरअसल, तालिबानी चाहते थे कि साल 1990 के दशक की तरह से पाकिस्‍तान अफगानिस्‍तान की नई सरकार को सबसे पहले मान्‍यता देकर पिछले करीब एक साल से चल रहे संकट को खत्‍म करे, लेकिन टीटीपी और डूरंड लाइन को लेकर तनाव का सामना कर रहे पाकिस्‍तान ने साफ कर दिया है कि वह तालिबान की सरकार को अकेले मान्‍यता नहीं देगा।

पाकिस्‍तान ने कहा कि वह अफगानिस्‍तान की तालिबान सरकार को एक क्षेत्रीय और आपसी सहमति वाले रवैये के जरिए मान्‍यता देगा। 1990 के मध्‍य में तालिबानी अफगानिस्‍तान में सत्‍ता में आए थे लेकिन साल 2001 में अमेरिकी सेना की कार्रवाई के बाद उन्‍हें सत्‍ता से जाना पड़ा था।

पिछले वर्ष 2021 अगस्‍त महीने में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद तालिबानी फिर से सत्‍ता में आ गए लेकिन उनकी इस नई सरकार को अभी तक किसी देश ने मान्‍यता नहीं दी है।

भारत ने भी काबुल में अपने दूतावास को फिर से किया सक्रिय 

पाकिस्‍तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता असीम इफ्तिखार ने तालिबान को मान्‍यता देने के सवाल पर कहा, ‘मैं समझता हूं कि सबसे अच्‍छा यह रहेगा कि इसे एक क्षेत्रीय और आपसी सहमति वाले रवैये के लिए जरिए किया जाए।’

तालिबान को मान्‍यता दिए बिना भी कई देशों ने काबुल में अपने दूतावास को खोला है। तालिबान के कोई संपर्क नहीं रखने वाले भारत ने भी हाल ही में काबुल में अपने दूतावास को फिर से सक्रिय किया है।

इस साल मार्च महीने में पाकिस्‍तान समेत कुछ देश तालिबान को मान्‍यता देने जा रहे थे लेकिन कुछ मुद्दों पर तालिबान के कदम नहीं उठाने पर उन्‍होंने मान्‍यता देने से इंकार कर दिया। पाकिस्‍तान ने यह भी कहा कि अफगानिस्‍तान में सुरक्षा हालात बेहतर हुए हैं लेकिन मानवीय और आर्थिक संकट बहुत गहरा गया है।

पाकिस्‍तानी प्रवक्‍ता ने कहा कि अलकायदा, आईएसकेपी और टीटीपी जैसे आतंकी अफगानिस्‍तान में सक्रिय हैं और खतरा बन गए हैं। उन्‍होंने कहा कि दुनिया को तालिबान से अपेक्षा है कि अफगानिस्‍तान की जमीन का इस्‍तेमाल आतंकवाद के प्रसार के लिए नहीं करने दिया जाएगा।

अन्तर्राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी से की मुलाकात

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ब्राजील। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (स्थानीय समय) को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अपने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने सांस्कृतिक और पब्लिक टू पब्लिक रिलेशन को मजबूत करने सहित व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि, रियो डी जनेरियो जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी से मुलाकात करके खुशी हुई। हमारी बातचीत रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में संबंधों को गहरा करने पर केंद्रित थी। हमने इस बारे में भी बात की कि संस्कृति, शिक्षा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग कैसे बढ़ाया जाए। भारत-इटली मित्रता एक बेहतर ग्रह के निर्माण में बहुत योगदान दे सकती है।

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