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प्रादेशिक

तेजस्वी पर हमलावर हुए पीके, कहा- मां-बाबूजी की सरकार थी, तो एक रोजगार नहीं दिया

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PK attacked Tejashwi

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पटना। बिहार की राजनीति में बड़ा खिलाड़ी बनने की तैयारी कर रहे राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (पीके) एक बार फिर तेजस्वी यादव व नीतीश कुमार पर हमलावर हैं। हमलावर पीके का ऐसा एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है।

तेजस्वी की बात को गंभीरता से लेने का मतलब नहीं

वीडियो में प्रशांत किशोर को यह कहते हुए सुना-देखा जा सकता है कि तेजस्वी यादव की बात को तो बहुत गंभीरता से लेने का मतलब नहीं क्योंकि ये लोग तो कुछ भी कह सकते हैं। जिस पार्टी की सरकार, इनके मां और बाबूजी की सरकार थी 15 साल तक तो इन्होंने एक रोजगार नहीं दिया लेकिन अब कह रहे हैं कि हम आएंगे तो 10 लाख नौकरी दे देंगे। उनकी बात को गंभीरता से लेने का कोई मतलब नहीं।

नीतीश कुमार को रातोंरात ज्ञान हो गया

प्रशांत किशोर ने कहा तेजस्वी को तो इस बात का एहसास ही नहीं है कि 10 लाख नौकरी देने के लिए करना क्या पड़ेगा, संसाधन क्या लगेगा। उनके समझ के बाहर की चीज है, लेकिन हमने इस पर टिप्पणी तब की जब नीतीश कुमार ने पिछले साल 15 अगस्त पर गांधी मैदान से ये कहा कि हम 10 लाख नौकरी अगले एक साल में दे देंगे।

पीके ने कहा ये वही नीतीश कुमार हैं जो पिछले दो साल से इस बात पर हंसी उड़ा रहे थे कि भइया ये तो दिया ही नहीं जा सकता है। मैंने ये कहा कि नीतीश कुमार को रातोंरात ये ज्ञान हो गया, गठबंधन बनाने के बाद कि 10 लाख नौकरी दे सकते हैं। एक तो वो बात अविश्वसनीय है, क्योंकि अगर 10 लाख नौकरी दी जा सकती थीं तो आप 17 साल से मुख्यमंत्री हैं; पहले क्यों नहीं दिया था। लेकिन मान लीजिए अब आपको ज्ञान हुआ है।

नीतीश का झंडा लेकर ढोने के लिए तैयार

उन्होंने कहा हमने उस समय भी कहा और आज भी दोहरा देता हूं कि अगर एक साल में मतलब 15 अगस्त से शुरू हुआ और अगस्त को अभी चार-पांच महीना रह गया है। अगर एक साल में सरकार अगर 10 लाख सरकारी नौकरी दे दे तो मैंने ये कहा कि पूरा अभियान उनके समर्थन में वापस लेंगे। यही नहीं नीतीश कुमार का झंडा लेकर ढोने के लिए तैयार हैं।

आपके बाबूजी का कोई राजतंत्र थोड़े ना है

प्रशांत किशोर ने कहा भइया 15 अगस्त को उन्होंने कहा था, आज हम लोग जून में बैठे हैं, नौ महीना तो हो गया। कितने लोगों को नौकरी मिली, आप बताइए आप तो पत्रकार हैं। कितने लोग हैं जिनको सरकारी नौकरी मिली है 10 लाख में से। तेजस्वी जैसे लोगों ने तो ये कहा था कि हम पहले कैबिनेट में पहला सिग्नेचर यही करेंगे उससे 10 लाख नौकरी मिल जाएगी।

यह दिखाता है उस आदमी की अज्ञानता। अगर आपके पास 10 लाख नौकरी देनी है, तो भी आप एक कैबिनेट में एक साइन करके कैसे 10 लाख नौकरी दे देंगे। आपके बाबूजी का कोई राजतंत्र थोड़े ना है। इसके लिए व्यवस्था है, क्राइटीरिया है। पद होने चाहिए, पद का सृजन होना चाहिए। पद पर बहाली की प्रक्रिया है।

स्याही सूख गई है कि कलम टूट गया

उन्होंने आगे कहा कि उस नेता की सोच देखिए, कह रहे हैं, घूम-घूमकर पूरे बिहार में कहा कि हम आएंगे और पहले ही कैबिनेट में पहला ही सिग्नेचर करेंगे कि 10 लाख लोगों को नौकरी मिल जाएगी। मैं इसलिए पूछ रहा हूं कि भइया कैबिनेट हो नहीं रही है कि कलम की स्याही सूख गई है कि कलम टूट गया है आप बता दीजिए। जब आप 10वीं पास नहीं हैं, मुख्यमंत्री के लड़के होते हुए भी तो आपको कलम चलाना कितना आता है वो तो इसी से दिख रहा है।

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उत्तर प्रदेश

हर्षवर्धन और विक्रमादित्य जैसे प्रचंड पुरुषार्थी प्रशासक हैं योगी आदित्यनाथ : स्वामी अवधेशानंद गिरी

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महाकुम्भ नगर। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने महाकुम्भ 2025 के भव्य और सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्राचीन भारत के महान शासकों हर्षवर्धन और विक्रमादित्य से की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन महान शासकों की परंपरा को नए युग में संवर्धित किया है। वे केवल एक शासक नहीं, बल्कि प्रचंड पुरुषार्थ और संकल्प के धनी व्यक्ति हैं। उनके प्रयासों ने महाकुम्भ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

भारत की दृष्टि योगी आदित्यनाथ पर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि भारत का भविष्य योगी आदित्यनाथ की ओर देख रहा है। भारत उनसे अनेक आकांक्षाएं, आशाएं और अपेक्षाएं रखे हुआ है। भारत की दृष्टि उनपर है। उनमें पुरुषार्थ और निर्भीकता है। वे अजेय पुरुष और संकल्प के धनी हैं। महाकुम्भ की विराटता, अद्भुत समागम, उत्कृष्ट प्रबंधन उनके संकल्प का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का राष्ट्र ऋषि बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में योगी जी ने महाकुम्भ को ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आस्था का यहां जो सागर उमड़ा है, इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने बहुत श्रम किया है। चप्पे चप्पे पर उनकी दृष्टि है।

हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज सनातन का सूर्य सर्वत्र अपने आलोक रश्मियों से विश्व को चमत्कृत कर रहा है। भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। संसार का हर व्यक्ति महाकुम्भ के प्रति आकर्षित हो रहा है। हर क्षेत्र में विशिष्ट प्रबंधन और उच्च स्तरीय व्यवस्था महाकुम्भ में दिख रही है। भक्तों के बड़े सैलाब को नियंत्रित किया जा रहा है। सुखद, हरित, स्वच्छ, पवित्र महाकुम्भ उनके संकल्प में साकार हो रहा है। हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर, जिनके सत्संकल्प से महाकुम्भ को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूर्त धरोहर घोषित किया है। यहां दैवसत्ता और अलौकिकता दिखाई दे रही है। योगी आदित्यनाथ के प्रयास स्तुत्य और अनुकरणीय हैं तथा संकल्प पवित्र हैं। विश्व के लिए महाकुम्भ एक मार्गदर्शक बन रहा है, अनेक देशों की सरकारें सीख सकती हैं कि अल्पकाल में सीमित साधनों में विश्वस्तरीय व्यवस्था कैसे की जा सकती है।

आस्था का महासागर और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक

महामंडलेश्वर ने महाकुम्भ को सनातन संस्कृति का जयघोष और भारत की आर्ष परंपरा की दिव्यता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व नर से नारायण और जीव से ब्रह्म बनने की यात्रा का संदेश देता है। महाकुम्भ को सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन दिखाता है कि हम अलग अलग जाति, मत और संप्रदाय के होने के बावजूद एकता के सूत्र में बंधे हैं। उन्होंने महाकुम्भ को गंगा के तट पर पवित्रता और संस्कृति का संगम बताया। गंगा में स्नान को आत्मा की शुद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया।

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