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राष्ट्रपति चुनाव: द्रौपदी मुर्मू का खुला समर्थन करेगी बसपा, मायावती ने गिनाए कारण
लखनऊ। राष्ट्रपति पद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को बसपा भी समर्थन देगी बसपा सुप्रीमो मायावती ने राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मु को अपना समर्थन देने के साथ ही विपक्षी दलों पर बसपा को अलग-थलग रखने का आरोप भी लगाया।
मायावती ने कहा कि हमने एनडीए के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला किया है। हमने यह फैसला न तो भाजपा या एनडीए के समर्थन में और न ही विपक्ष के खिलाफ लिया है, बल्कि अपनी पार्टी और आंदोलन को ध्यान में रखते हुए लिया है।
उन्होंने कहा हमारी पार्टी ने आदिवासी समाज को अपने मूवमेंट का खास हिस्सा मानते हुए द्रौपदी मुर्मू समर्थन देने का फैसला किया। हमने अपनी पार्टी के मूवमेंट को ध्यान में रखते हुए एक आदिवासी समाज की योग्य और कर्मठ महिला को देश की राष्ट्रपति बनाने के लिए यह फैसला लिया है।
बसपा प्रमुख ने कहा हमने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के रूप में खुलकर अपना समर्थन देने का निर्णय लिया है। एनडीए के समर्थन में नहीं बल्कि आदिवासी समाज के समर्थन में बसपा ने यह निर्णय लिया है। वह अपने इस कदम को बसपा के सामाजिक आंदोलन का हिस्सा मानती हैं।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति के चुनाव में देश के सबसे बड़े राज्य उप्र की सबसे बड़ी भूमिका रहती है। राजग उम्मीदवार को यहीं से सबसे अधिक वोट मिलेंगे। देशभर के मतदाता जनप्रतिनिधियों के कुल मत मूल्य 10,86,431 का 14.86 प्रतिशत हिस्सा यूपी के पास है।
राष्ट्रपति चुनाव में सभी राज्यों के लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों के वोट का मूल्य बराबर है, जो कि 700 है। विधायकों के वोट का मूल्य आबादी की गणना के अनुसार तय होता है।
यूपी के प्रत्येक विधायक के वोट का मूल्य 208 है। यहां 80 लोकसभा सदस्य, 31 राज्यसभा सदस्य और 403 विधायक हैं। लोकसभा सदस्यों के मतों का कुल मूल्य 56,000 होता है। बसपा के पास दस लोकसभा सदस्य तथा एक राज्यसभा सदस्य है। इनके पास एक विधानसभा सदस्य भी है।
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World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने रचा इतिहास, 180 से ज्यादा देशों के लोग हुए शामिल
बेंगलुरु। विश्व ध्यान दिवस पर आयोजित World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने इतिहास रच दिया है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने ऑन लाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से दुनिया भर के 85 लाख से ज्यादा लोगों को सामूहिक ध्यान कराया। इस कार्यक्रम ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स यूनियन में जगह बनाते हुए पिछले सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने सामूहिक ध्यान के लिए दुनिया भर के लोगों को एक साथ जोड़ा।
180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए
दरअसल, पूरी दुनिया ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के तौर पर मनाया। इसी क्रम में यह कार्यक्रम आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए और इसके माध्यम से ध्यान की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित किया। श्री श्री रविशंकर संयुक्त राष्ट्र में विश्व ध्यान दिवस के उद्घाटन कार्यक्रम में भी शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र में उद्घाटन समारोह से शुरू होकर अपने समापन तक यह कार्यक्रम दुनिया के महाद्वीपों में ध्यान की लहर फैलाता चला गया।
ये रिकॉर्ड टूटे
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
YouTube पर ध्यान के लाइव स्ट्रीम के सबसे ज़्यादा दर्शक
एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स
एक दिवसीय ध्यान में भारत के सभी राज्यों से अधिकतम भागीदारी
एक दिवसीय ध्यान में अधिकतम Nationalities ने हिस्सा लिया
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