उत्तर प्रदेश
बुंदेलखंड में 8 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं की हुई शुरुआत
लखनऊ,। उत्तर प्रदेश में कभी पिछड़े क्षेत्र के रूप में पहचान रखने वाले बुंदेलखंड को योगी सरकार ने निवेश का नया गंतव्य बना दिया है। फरवरी माह में आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के चौथे संस्करण (जीबीसी 4.0) में पीएम मोदी ने बुंदेलखंड के लिए करीब 69 हजार करोड़ रुपए की निवेश परियोजनाओं का शुभारंभ किया था। शुभारंभ के 5 माह के अंदर बुंदेलखंड में करीब 8 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं का कॉमर्शियल प्रोडक्शन शुरू हो चुका है, जिससे हजारों लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। शुरू हो चुकी परियोजनाओं की यह राशि जीबीसी 4.0 में बुंदेलखंड के लिए निर्धारित परियोजना राशि की 11 प्रतिशत है और शेष परियोजनाओं के भी जल्द से जल्द शुरू होने की संभावना है।
बड़े पैमाने पर सृजित होंगे रोजगार
प्रदेश में निवेश प्रक्रियाओं की निगरानी के साथ ही निवेश को प्रोत्साहित करने वाली नोडल एजेंसी इन्वेस्ट यूपी के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में अब तक कुल 1,14,345 करोड़ रुपए की 3984 परियाजनाओं का कॉमर्शियल प्रोडक्शन शुरू हो चुका है। इनमें बुंदेलखंड में 7894 करोड़ रुपए की 156 परियोजनाएं शामिल हैं। यह राशि जीबीसी 4.0 में निर्धारित परियोजना राशि का 11 प्रतिशत है। जीबीसी 4.0 के दौरान बुंदेलखंड की 693 परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया था, जिनकी कुल निवेश राशि 68,933 करोड़ रुपए थी। यह जीबीसी 4.0 में कुल 10 लाख करोड़ की परियोजनाओं का 7 प्रतिशत था। परियोजनाओं की शुरुआत से बुंदेलखंड में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न होने की संभावना है। साथ ही, बुंदेलखंड में लोगों को रोजगार के लिए प्रदेश के अन्य क्षेत्रों या दूसरे राज्यों का रुख नहीं करना होगा।
झांसी में सर्वाधिक निवेश उतरा धरातल पर
बुंदेलखंड के जिलों की बात करें तो झांसी में सर्वाधिक 6,237 करोड़ की 62 परियोजनाओं ने इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन शुरू कर दिया है। इससे यहां के युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं। जीबीसी 4.0 के दौरान झांसी में 27,533 करोड़ की 246 परियोजनाओं का शुभारंभ हुआ था। इस लिहाज से अभी यहां 21 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की परियोजनाएं शुरू होनी शेष हैं, जो जल्द ही पूरी होंगी। इसी तरह, हमीरपुर में 963 करोड़ की 14 परियोजनाएं, ललितपुर में 246 करोड़ की 23 परियोजनाएं, महोबा में 195 करोड़ की 24 परियोजनाएं, बांदा में 58 करोड़ की 15 परियोजनाएं, जालौन में 46 करोड़ की 11 परियोजनाएं और चित्रकूट में 22 करोड़ की 7 परियोजनाएं शुरू हो चुकी हैं। जीबीसी 4.0 में हमीरपुर में 2,187 करोड़, ललितपुर में 15,735 करोड़, महोबा में 1,682 करोड़, बांदा में 1060 करोड़, जालौन में 13,577 और चित्रकूट में 7,157 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया था।
बुंदेलखंड में दिग्गज कंपनियां कर रहीं निवेश
चित्रकूट में टस्को लि. 4700 करोड़, सहस्त्रभुज फूड प्रोडक्ट्स प्रा. लि. 500 करोड़, वरुण बेवरेजेस लि. 496 करोड़, श्री सीमेंट्र प्रा. लि. 202 करोड़ का निवेश कर रहा है। वहीं, हमीरपुर में राजेंद्र सिंह शर्मा 660 करोड़, हिंदुस्तान यूनिलिवर लि. 230 करोड़, यूजीआर साइलस हमीरपुर प्रा. लि. 54 करोड़ का निवेश कर रहा है। जालौन में बुंदेलखंड सौर ऊर्जा लि. 6000 करोड़, संचय न्यू एज डेवलपर्स प्रा. लि. 1000 करोड़, रोमिंग सोल्स टेक्नोलॉजी प्रा. लि. 900 करोड़ तो पालीवाल फूड्स प्रा. लि. 55 करोड़ के निवेश के लिए जीबीसी 4.0 में शामिल रहा है। झांसी में टस्को लि. 3430 करोड़, आरवीएनएल लि. 2840 करोड़, फोर्थ पार्टनर एनर्जी प्रा. लि.1200 करोड़ और सन सोर्स एनर्जी 600 करोड़ इन्वेस्ट कर रहा है। इसी तरह, ललितपुर में टस्को लि.3450 करोड़, यूजीआर साइलस 48 करोड़, वी एंड एस एंटरप्राइजेस 30 करोड़ का निवेश धरातल पर उतार रहा है। महोबा में टस्को लि. 1008 करोड़, आईबी वोओजीटी सोलर फोर प्रा. लि. 80 करोड़, देसी भोग 50 करोड़ और जीआरएस होटल प्रा. लि. 50 करोड़ से परियोजना पर काम कर रहा है। वहीं, बांदा में अवादा इंडसोलर प्रा. लि. 350 करोड़ रुपए के निवेश को तैयार है।
उत्तर प्रदेश
श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़ा में शुरू हुआ दीक्षा देने का समारोह
महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ प्रयागराज में लगे मेला परिसर में स्थित ब्रह्मचारियों के अखाड़े श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़ा में बुधवार को दीक्षा समारोह शुरू हो गया। मकर संक्रांति के अगले दिन अखाड़े में ब्रह्मचारियों के दीक्षा की प्रक्रिया शुरू की गई है। आदि गुरु शंकराचार्य की परंपरा से चतुर्नाम के ब्रह्मचारी इस अखाड़े में रहते हैं। प्रकाश, स्वरूप, चैतन्य और आनंद, जो एक-एक शंकराचार्य का प्रतिनिधित्व इस अखाड़े में करते हैं। चारों वेदों का अखाड़े में अध्ययन किया जाता है, जिससे वे समाज में जाएं और धर्म का प्रचार प्रसार करें।
श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़ा के महामंडलेश्वर संपूर्णानंद महाराज ने बताया कि इस अखाड़े में लाखों ब्रह्मचारी हैं। जो यहां ब्रह्मचारी की दीक्षा लेने के लिए आयेगा, वह पहले अखाड़े की और सनातन धर्म की परंपराओं को समझेगा। जब अखाड़े के पंचों को लगता है कि वह ब्रह्मचारी बनने के लिए परिपक्व है तो उसे ब्रह्मचारी के रूप में दीक्षित किया जाता है।
संपूर्णानंद महाराज के अनुसार ब्रह्मचारी वह है जो धर्म का पालन करता है। जो सनातन धर्म की व्याख्या और प्रचार करेगा, उसे ब्रह्मचारी बनाएंगे। जो गृहस्थ से दूर हैं, वे यहां आते हैं। यहां बहुत सारे ब्रह्मचारी दीक्षित हुए और उन्होंने सामाजिक उपाधियां प्राप्त की। ब्रह्मचारियों को सभापति, महामंत्री, सचिव, श्रीमहंत, महंत, थानापति, कोतवाल, पुजारी पदों पर योग्यता के अनुसार नियुक्त किया जाता है।
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