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उत्तराखंड

शिवरंजनी तिवारी के ‘प्राणनाथ’ हैं पं. धीरेंद्र शास्त्री, जानें क्यों निकाली है जल कलश यात्रा?

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नई दिल्ली। मप्र के बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर भजन गायिका शिवरंजनी तिवारी काफी चर्चा में हैं। शिवरंजनी तिवारी उत्तराखंड के गंगोत्री से गंगाजल लेकर बागेश्वर धाम के लिए निकली हैं। वह एमबीबीएस की छात्रा है और पंडित धीरेंद्र शास्त्री को अपना ‘प्राणनाथ’ मानती हैं।

शिवरंजनी तिवारी जब से अपनी जल कलश यात्रा निकाली हैं, तभी से सुर्खियों में बनीं हुई हैं। उनका कहना है कि इस यात्रा के पीछे क्या उद्देश्य है, इसका खुलासा बागेश्वर धाम में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के सामने 16 जून को करेंगी। इधर, उनकी इस यात्रा को लेकर इंटरनेट पर खूब लिखा जा रहा है। कहा जा रहा है कि शिवरंजनी तिवारी ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री से विवाह करने के लिए यह यात्रा निकाली हैं।

कौन हैं शिवरंजनी तिवारी?

शिवरंजनी तिवारी एमबीबीएस की छात्रा हैं और भजन गायिका के तौर पर जानी जाती हैं। शिवरंजनी तिवारी के पिता पंडित बैजनाथ तिवारी ने बताया कि उनके परिवार का संबंध मप्र के सिवनी में जन्मे ब्रह्मलीन जगदगुरुस्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज से जुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि उनका पैतृक गांव चंदौरीकला (दिघौरी) है, जो सिवनी में पड़ता है। हालांकि, शिवरंजनी तिवारी का परिवार पिछले 25 सालों से हरिद्वार में रहता है।

कौन हैं शिवरंजनी तिवारी के माता-पिता?

शिवरंजनी तिवारी के पिता बैजनाथ तिवारी ने बताया कि उन्होंने नागपुर के बीआर इंस्टीट्यूट से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। वह एक बाइक कंपनी में महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थे, लेकिन पांच साल पहले उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद अब वह अपनी बेटी शिवरंजनी तिवारी के साथ भजन कार्यक्रमों के आयोजन में सहायता करते हैं।

वहीं, शिवरंजनी तिवारी की माता कैंसर दवाओं की विशेषज्ञ हैं। वह वर्तमान में अमेरिका के सेंट फ्रांसिस में एक निजी कंपनी में विभाग प्रमुख के पद पर कार्यरत हैं।

शिवरंजनी तिवारी ने कब निकाली यात्रा?

बैजनाथ तिवारी ने बेटी शिवरंजनी तिवारी की यात्रा के बारे में बताया कि उन्होंने गंगोत्री से एक मई को कलश यात्रा निकाली थी। उन्होंने बताया कि भीषण गर्मी के बावजूद शिवरंजनी तिवारी 30 से 40 किलोमीटर की यात्रा प्रतिदिन करती हैं। शिवरंजनी छह जून को चित्रकूट धाम पहुंची हैं। उनके साथ कई और साधू-संत इस यात्रा में शामिल हैं।

चित्रकूट धाम के संतोषी निर्मोही अखाड़े में मंगलवार को विश्राम करने के बाद बुधवार (सात जून) की सुबह पांच बजे वह बागेश्वर धाम के लिए आगे की यात्रा पर रवाना हुई। वह 16 जून बागेश्वर धाम पहुंचेंगी। इसके बाद शिवरंजनी तिवारी की यात्रा के पीछे क्या उद्देश्‍य, सबके सामने आएगा।

बागेश्वर धाम में 16 जून को उठेगा रहस्य से पर्दा

इधर, शिवरंजनी तिवारी ने यात्रा के दौरान ही अपना संदेश वीडियो के माध्यम से जारी की है। शिवरंजनी तिवारी ने कहा कि 16 जून तक का इंतजार करिए, सारे रहस्यों से पर्दे उठ जाएंगे और सच्चाई लोगों के सामने आ जाएगी। उन्होंने कहा कि गुरुदेव के आदेश पर हम गंगोत्री से बागेश्वर धाम के लिए यात्रा पर निकले हैं।

बचपन से ही शिवरंजनी का अध्यात्म के प्रति है लगाव

शिवरंजनी तिवारी ने बताया कि बचपन से ही अध्यात्म के प्रति लगाव उनका लगाव है। वह महज चार वर्ष की उम्र से ही भजन गाती रही हैं। इस वक्त वह एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है। जानकारी के मुताबिक, 2021 से वह पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को फॉलो कर रही हैं।

उन्होंने कहा, ”कथा सुनकर मैं पहली बार में ही मंत्रमुग्ध हो गई थी। मैं भी भागवत कथा कहती हूं। बागेश्वर धाम सरकार की तीन बड़ी घोषणाएं मुझे प्रभावित करती हैं। उनमें एक कैंसर अस्पताल की घोषणा है, जो किसी भी डॉक्टर के लिए खुशी की बात होगी।”

उत्तराखंड

उत्तराखंड में जनवरी 2025 से लागू होगा UCC, सीएम धामी ने किया एलान

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को ऐलान किया कि राज्य में जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा देहरादून में उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड (UIIDB) की बैठक के दौरान की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार अपने संकल्प के अनुसार UCC को लागू करने के लिए पूरी तैयारी कर चुकी है और जनवरी 2025 से इसे राज्यभर में लागू कर दिया जाएगा।

इसके साथ ही उत्तराखंड आजादी के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला प्रदेश बन जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान जनता से किए गए वादे को पूरा किया जा रहा है। मार्च 2022 में जब राज्य में नई सरकार बनी थी, तो पहले ही मंत्रिमंडल की बैठक में यूसीसी लागू करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्णय लिया गया था।

उन्होंने बताया कि इस समिति की अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई ने की और इस समिति ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को दी। उसी रिपोर्ट के आधार पर 7 फरवरी 2024 को राज्य विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक-2024 पारित किया गया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि विधेयक पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सहमति मिलने के बाद 12 मार्च 2024 को इसे अधिसूचित किया गया। सीएम धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता का उद्देश्य समाज में समानता लाना और खासकर देवभूमि की महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण के नए द्वार खोलना है। उन्होंने इसे ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ की मूल भावना के अनुरूप बताया।

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