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बिजनेस

RBI ने त्यौहारों के पहले लोगों को दिया बड़ा तोहफा, रेपो रेट दर 6.5 प्रतिशत पर बरकरार

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RBI Monetary Policy Committee Meeting

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नई दिल्ली। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee- MPC) ने त्यौहारों के पहले एक बार फिर लोगों को बड़ा तोहफा दिया है। लगातार चौथी बार रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है।

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने MPC की बैठक के बाद कहा, “सभी प्रासंगिक पहलुओं पर विस्तृत विचार-विमर्श के बाद मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है।” इस दौरान आरबीआई गवर्नर ने जीडीपी के अनुमानों में भी कोई बदलाव नहीं किया है।

दरों को स्थिर रखने के पक्ष में रहे MPC के सभी सदस्य

आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि सितंबर महीने में महंगाई में कमी आने की उम्मीद है। आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि रेपो रेट में बढ़ोतरी का असर अर्थव्यवस्था पर दिख रहा है। आरबीआई गवर्नर के अनुसार महंगाई की ऊंची दर अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है। गवर्नर के अनुसार MPC के छह में से पांच सदस्य अकोमोडेटिव रुख बरकरार रखने के पक्ष में रहे। MPC के सभी सदस्यों को दरों को स्थिर रखने के पक्ष में सहमति दी है।

FY24 की दूसरी तिमाही में वृद्धि दर का अनुमान 6.5% पर बरकरार

RBI गवर्नर ने अपने संबोधन में कहा कि सरकारी खर्चे से निवेश की रफ्तार में तेजी आई है। FY24 की दूसरी तिमाही में वृद्धि दर का अनुमान 6.5% पर बरकरार रखा गया है। तीसरी तिमाही के लिए भी विकास दर का अनुमान 6% पर ही अपरिवर्तित रखा गया है। इस दौरान आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि पॉलिसी दरों के लंबे समय तक ऊंची दरों पर बने रहने का अनुमान है।

महंगाई पर ये बोले RBI गवर्नर

अपने संबोधन में RBI गवर्नर ने कहा कि टमाटर की कीमतों में कमी आने से महंगाई के कम होने की संभावना बढ़ी है। FY24 के  लिए महंगाई दर का अनुमान 5.4 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। दूसरी तिमाही के लिए महंगाई के अनुमान को 6.2% से बढ़ाकर 6.4% कर दिया गया है।

RBI गवर्नर ने बैंकों को दी ये सलाह

अपने संबोधन के दौरान आरबीआई गवर्नर ने बैंकों और NBFC (Non-Banking Financial Corporation) को अपना सर्विलांस सिस्टम मजबूत करने की सलाह दी है। उन्होंने बैंको से कहा है कि वे अपने अतिरिक्त फंड का इस्तेमाल कर्ज देने में करें। आरबीआई गवर्नर ने शहरी सहकारी बैंकों के लिए गोल्ड लोन की सीमा दो लाख रुपये से बढ़ाकर चार लाख रुपये करने का एलान किया है।

शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई वैश्विक स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए सक्रिय रूप से कार्य करता रहेगा। उन्होंने कहा कि वैश्विक वित्तीय परिदृश्य तेजी से बदल रहा है और संभावित जोखिम उत्पन्न हो सकते हैं।

नेशनल

भारतीय चुनाव पर मार्क जुकरबर्ग की टिप्पणी पर मेटा ने मांगी माफी, कहा- अनजाने में गलती हुई

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नई दिल्ली। 2024 के चुनाव को लेकर मार्क जुकरबर्ग की टिप्पणी पर मेटा की भारतीय ईकाई मेटा इंडिया ने माफी मांग ली है। कंपनी ने कहा कि अनजाने में हुई गलती के लिए हम माफी मांगते हैं। मेटा इंडिया में सार्वजनिक नीति के निदेशक के तौर पर काम करने वाले शिवनाथ ठुकराल ने एक्स पर एक पोस्ट में सीईओ की तरफ से माफी मांगी। उन्होंने कहा, ‘मार्क का यह कहना कि 2024 के चुनावों में कई मौजूदा पार्टियां फिर से चुनकर नहीं आईं, कई देशों के लिए सही है, लेकिन भारत के मामले में ऐसा नहीं है। हम इस अनजाने में हुई गलती के लिए माफी चाहते हैं। भारत मेटा के लिए एक अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण देश बना हुआ है और हम इसके शानदार भविष्य के केंद्र में होने की आशा करते हैं।’

इससे पहले केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रोगन पॉडकास्ट पर जुकरबर्ग द्वारा की गई टिप्पणियों की आलोचना की थी। वैष्णव ने 13 जनवरी को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा था कि मार्क जुकरबर्ग का यह दावा कि 2024 के चुनावों में भारत सहित अधिकांश मौजूदा सरकारें कोविड के बाद हार गई हैं, तथ्यात्मक रूप से गलत है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, भारत ने 2024 के चुनावों को 64 करोड़ से अधिक मतदाताओं के साथ संचालित किया। भारत के लोगों ने पीएम @narendramodi जी के नेतृत्व में एनडीए में अपने विश्वास की पुष्टि की। मंत्री ने जुकरबर्ग की टिप्पणियों को गलत सूचना बताते हुए खारिज कर दिया था, और यह स्पष्ट किया था कि मेटा को तथ्यों और विश्वसनीयता को बनाए रखना चाहिए।

वैष्णव ने कहा कि 80 करोड़ लोगों के लिए मुफ्त भोजन, 2. 2 अरब मुफ्त टीके और कोविड के दौरान दुनिया भर के देशों को सहायता से लेकर भारत को सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ाने तक, पीएम मोदी की निर्णायक तीसरी बार की जीत सुशासन और जनता के भरोसे का प्रमाण है। @मेटा, जुकरबर्ग से खुद गलत सूचना देखना निराशाजनक है। आइए तथ्यों और विश्वसनीयता को बनाए रखें। संचार और सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के प्रमुख भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने मंगलवार को कहा था कि पैनल अपने अध्यक्ष की टिप्पणियों के बाद फर्म को तलब करेगा कि भारत की सत्तारूढ़ व्यवस्था पिछले साल लोकसभा चुनाव हार गई थी।

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