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अन्तर्राष्ट्रीय

रूस के पास हो रही है हथियारों की कमी, इस देश से मंगाया व्यापारी जहाज

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मास्को। करीब 6 महीने चल रहे यूक्रेन युद्ध में रूस के पास अब हथियारों की कमी देखने को मिली है। खुफिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि रूस अब यूक्रेन पर अपना हमला जारी रखने के लिए दूसरे देशों से हथियार खरीद रहा है। दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में से एक रूस ने हथियार के लिए अब अन्य देशों की ओर रुख किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, एक व्यापारी जहाज को पिछले महीने के अंत में सीरिया से रूस जाते हुए देखा गया था। इस जहाज का नाम स्पार्टा II बताया जा रहा है। जहाज पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया हुआ है। यह सीरिया से रूस जाते वक्त तुर्की के बोस्फोरस जलडमरूमध्य से गुजरा था।

स्पार्टा II पर नजर रखने वाले यूरोपीय खुफिया अधिकारियों का कहना है कि यूक्रेन में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के युद्ध को जारी रखने के लिए इससे सैन्य वाहनों को रूस ले जाया गया था। जहाज सीरिया से होते हुए काला सागर में स्थित रूस के नोवोरोसिस्क बंदरगाह पर गया था।

यूक्रेन युद्ध के बाद से अमेरिका और पश्चिमी देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। इन प्रतिबंधों के चलते रूस हथियारों की सप्लाई को आसानी से पूरा नहीं कर पा रहा है। हालांकि इस बीच यूक्रेन को अपनी रक्षा के लिए अमेरिका और यूरोप से अरबों डॉलर के हथियार मिले हैं।

यूरोपीय खुफिया रिपोर्टों पर सहमति जताते हुए मामले से परिचित एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी सरकार का मानना ​​है कि रूस सैन्य माल को काला सागर में ले जाने के लिए व्यापारी जहाजों का इस्तेमाल कर रहा है। खुफिया अधिकारियों और ब्लूमबर्ग द्वारा देखी गई 17 से 25 जुलाई की सेटेलाइट तस्वीरों के अनुसार, स्पार्टा II निश्चित रूप से सीरिया के टार्टस बंदरगाह से सैन्य वाहनों को लाया था। बता दें कि टार्टस बंदरगाह रूस के नियंत्रण में है।

उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि जहाज में किस प्रकार के वाहन थे लेकिन जहाज को सीरिया में देखा गया था जिसमें वाहन भरे हुए थे। इसने सीरिया से होते हुए तुर्की के रास्ते रूस का सफर तय किया था। रिपोर्टों में कहा गया है कि इसमें कम से कम 11 वाहन थे जिन्हें रूस के नोवोरोस्सिय्स्क में ऑफलोड किया गया था।

यह जहाज जिस कंपनी का है उस पर अमेरिका ने मई में प्रतिबंध लगाया था। समुद्री ट्रैकिंग डेटा से पता चला है कि जहाज को कोई और नहीं बल्कि रूसी रक्षा मंत्रालय कंट्रोल करता है। हालांकि इसमें चौंकाने वाली बात यह है कि जहाज तुर्की से होकर गुजरा जोकि खुद एक नाटो सदस्य देश है।

तुर्की ने 24 फरवरी को पुतिन के आक्रमण के तुरंत बाद युद्धपोतों के वास्ते अपने जलडमरूमध्य को बंद करने के लिए मॉन्ट्रो कन्वेंशन का हवाला दिया था। मॉन्ट्रो कन्वेंशन एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है जो तुर्की के बोस्पोरस और डार्डानेल्स जलडमरूमध्य को नियंत्रित करती है। हालांकि इससे कॉमर्शियल शिप गुजर सकते हैं।

मामले से परिचित लोगों के अनुसार, रूस ने इस साल अन्य मौकों पर भी उसी मार्ग पर कंपनी, ओबोरोनोलॉजिस्टिका ओओओ से मालवाहक जहाजों का इस्तेमाल किया था। इसने अतीत में भी रूस से सीरिया के लिए कई बार सैन्य माल की ढुलाई की है।

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने इस मामले पर तुर्की सरकार को सवाल भेजे हैं। इस मुद्दे से परिचित तुर्की के एक अधिकारी ने कहा कि एक व्यापारी जहाज की जांच केवल तभी की जाएगी जब कोई गुप्त सूचना या गलत काम करने का संदेह हो।

व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि क्या अमेरिका ने तुर्की के अधिकारियों के साथ स्थिति के बारे में बात की है। क्रेमलिन और ओबोरोनोलॉजिस्टिका ने टिप्पणी करने के अनुरोधों का तुरंत जवाब नहीं दिय

 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी से की मुलाकात

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ब्राजील। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (स्थानीय समय) को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अपने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने सांस्कृतिक और पब्लिक टू पब्लिक रिलेशन को मजबूत करने सहित व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि, रियो डी जनेरियो जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी से मुलाकात करके खुशी हुई। हमारी बातचीत रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में संबंधों को गहरा करने पर केंद्रित थी। हमने इस बारे में भी बात की कि संस्कृति, शिक्षा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग कैसे बढ़ाया जाए। भारत-इटली मित्रता एक बेहतर ग्रह के निर्माण में बहुत योगदान दे सकती है।

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