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उत्तर प्रदेश

समाजवादी पार्टी के नेताओं ने बुर्का पहनी महिला के ऊपर चिपकाया स्टीकर, वीडियो आया सामने

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कर्नाटक में पिछले कई दिनों से चल रहा हिजाब विवाद अभी तक शांत नहीं हुआ है। ऐसे में एक लखनऊ में बुर्का पहने हुई महिला के साथ समाजवादी पार्टी के नेताओं द्वारा बदसलूकी का वीडियो सामने आया है। ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है जिसमें देखा जा सकता है की समाजवादी पार्टी का एक समर्थक बुर्का पहने महिला के पीठ पर प्रचार का स्टीकर लगा रहा है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग शुरू हो गई है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा मामलों एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर डालते हुए लिखा, “यही है लाल टोपी के काले कारनामे। एक राह चलती महिला के साथ सपा नेता की बदसलूकी देखिए। जहाँ भरे हों ऐसे मनचले, यूपी क्यों उनके साथ चले?” वहीं कुछ लोगों ने दावा किया कि ये महिला उनकी सहकर्मी है और ये एक छोटा सा मजाक था।

दरअसल, वायरल वीडियो में दावा किया जा रहा है कि राह चलती महिला की पीठ पर समाजवादी पार्टी के एक कार्यकर्ता ने चुपके से सपा का स्टिकर चिपका दिया। इस बदसलूकी पर महिला हैरान रह जाती है और इधर-ऊधर देखने लगती है। ये वीडियो लखनऊ पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र का बताया जा रहा है। यहाँ से अरमान खान सपा के उम्मीदवार हैं। वीडियो में सपा कार्यकर्ता ‘डोर टू डोर’ अभियान चलते हुए नजर आ रहे हैं। उनके साथ में एक बुर्का पहनी हुई महिला भी दिख रही हैं। लोगों का कहना है कि उक्त महिला के साथ जो हरकत की गई, वो बदतमीजी है। दरअसल, उस वीडियो में एक सपा कार्यकर्ता बुर्कानशीं महिला की पीठ पर स्टीकर चिपका देता है और फिर आगे बढ़ जाता है।

उत्तर प्रदेश

50 साल पुरानी मस्जिद को हटाने का आदेश, मस्जिद के मुतवल्ली पर 4.12 लाख रुपये का जुर्माना

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बागपत। बागपत के राजपुर खामपुर गांव में 50-60 साल पहले तालाब की जमीन पर बनी अवैध मस्जिद को हटाने का आदेश जारी हुआ है। तहसीलदार की अदालत में सुनवाई के बाद यह निर्णय लिया गया, जिसमें मस्जिद के मुतवल्ली पर 4.12 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

विवाद कैसे शुरू हुआ?

गांव के निवासी गुलशार ने जुलाई में हाईकोर्ट में विशेष याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने मुतवल्ली पर आरोप लगाया कि उन्होंने गांव के तालाब की जमीन पर अवैध रूप से मस्जिद का निर्माण किया है। गुलशार का कहना था कि तालाब की जमीन पर मस्जिद का निर्माण करके मुतवल्ली ने सरकारी संपत्ति का अतिक्रमण किया है, इसलिए इसे हटाया जाना चाहिए।

कोर्ट की सुनवाई और फैसला

हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्व संहिता के आधार पर कार्रवाई करने का आदेश दिया। आदेश में 90 दिन के अंदर मामले का निपटारा करने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद, डीएम के आदेश पर तहसीलदार ने मस्जिद की जमीन की माप कराई, जिसमें पाया गया कि मस्जिद वास्तव में तालाब की जमीन पर स्थित है।

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