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सत्यपाल मलिक ने दिया विवादित बयान, बोले-घमंडी हैं मोदी, पांच मिनट में ही हो गई थी लड़ाई

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नई दिल्ली। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक एक बार फिर अपने बयान की वजह से सुर्खियों में आ गए हैं। एक कार्यक्रम के दौरान सत्यपाल मलिक ने कुछ ऐसा कह दिया जिसके बाद सियासी तापमान बढ़ना तय माना जा रहा है। हरियाणा में चरखी दादरी स्थित बाबा स्वामी दयाल धाम में रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम पहुंचे राज्यपाल मलिक ने पीएम मोदी को घमंडी बता दिया।

‘पांच मिनट में ही हो गई लड़ाई’

उन्होंने कहा कि किसानों के मुद्दे पर जब मैं प्रधानमंत्री से मिलने गया तो हमारी पांच मिनट में ही लड़ाई हो गई। वे घमंड में थे। उन्होंने आगे कहा कि जब मैनें उनसे कहा कि आंदोलन में 500 लोग मर गए हैं। तो उन्होंने कहा कि मेरे लिए मरे हैं? इस पर मैंने कहा कि आपके लिए ही तो मरे हैं, जो आप राजा बने हो। आगे उन्होंने बताया कि इसके बाद पीएम ने कहा कि आप अमित शाह से मिल लो। फिर में अमित शाह से मिला।

दरअसल, राज्यपाल मलिक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से मुखातिब होते हुए किसान आंदोलन पर बात कर रहे थे। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि सरकार को किसान आंदोलन में दर्ज हुए मुकदमों को रद्द करने के साथ एमएसपी पर भी कानून बनाना चाहिए। राज्यपाल सत्यपाल मलिक का इससे जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में वह पीएम मोदी के बारे में बात करते नजर आ रहे हैं।

कांग्रेस ने वीडियो शेयर कर कसा तंज

राज्यपाल के इस बयान के बाद विपक्ष एक बार फिर से सरकार पर हमलावर हो गया है। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सत्यपाल मलिक का वीडियो शेयर करते हुए पीएम मोदी और बीजेपी पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, घमंड…क्रूरता…संवेदनहीनता. भाजपा के राज्यपाल के इस बयान में पीएम मोदी के व्यक्तित्व में शामिल इन्हीं ‘गुणों’ का बखान है. मगर, ये एक लोकतंत्र के लिए चिंता की बात है।

कई बार सरकार पर खड़े कर चुके हैं सवाल

यह पहला मौका नहीं है जब सत्यपाल मलिक किसी बयान की वजह से चर्चा में आए हैं। इससे पहले भी वह कई बार बीजेपी व मोदी सरकार पर सवाल खड़े कर चुके हैं। चाहे वो किसान आंदोलन को लेकर कही गई बात हो या फिर गोवा में सरकार पर लगाए गए कथित भ्रष्टाचार की बात हो।

‘तो दे दूंगा इस्तीफा’

केंद्र सरकार को घेरते हुए मेघालय के राज्यपाल एक कार्यक्रम के दौरान यहां तक कह चुके हैं अगर उनके बोलने से किसी को दिक्कत है तो वह पद भी छोड़ने को तैयार हैं। तब उन्होंने कहा था कि मुझे पता है कि किसानों के मुद्दे पर बात करने पर उन्हें दिक्कत होगी, लेकिन अगर वो कहेंगे कि हमें आपत्ति है तो मैं अपना पद तुरंत त्याग दूंगा।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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